सरकार की “बैकअप टू ब्रिलिएंस” नीति ने केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यक समुदायों की भागादारी को 10% से अधिक तक बढ़ाने में मदद की है :
मुंबई : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज मुंबई में सिविल सेवा और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए एक आवासीय कोचिंग कार्यक्रम अंजुमन-ए-इस्लाम की यूपीएससी अकादमी (एआईयूपीएससी) का उद्घाटन किया। विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय से संबंधित छात्रों और उम्मीदवारों के लिए यह कार्यक्रम समाज के वंचित वर्गों के मुस्लिम छात्रों की सफलता की कहानियों से प्रेरित है। कार्यक्रम अंजुमन-ए-इस्लाम के प्रबंधन द्वारा स्थापित किया गया है और भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में केंद्रीय वक्फ आयोग द्वारा वित्त पोषित है।
एआईयूपीएससी आवासीय कोचिंग सेंटर अंजुमन-ए-इस्लाम के कालसेकर तकनीकी परिसर, न्यू पनवेल, मुंबई में खोला गया है। इस कोचिंग केंद्र का विज़न देश भर में हज हाउस, जामिया मिलिया, एएमयू और अन्य पेशेवर संस्थानों द्वारा स्थापित अन्य कोचिंग केंद्रों के उभरते रुझानों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों के एक व्यापक सेट को विकसित करना है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री नकवी ने संस्थान के शैक्षणिक टॉपर और संकाय के उपलब्धि हासिल करने वालों को भी सम्मानित किया।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने कहा कि मंत्रालय की “बैकअप टू ब्रिलिएंस” नीति के कारण बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं का सिविल सेवाओं में चयन किया जा रहा है और वे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफल हो रहे हैं। उन्होंने यह बताते हुए कि इस नीति ने जमीनी स्तर पर परिणाम दिखाए हैं, कहा कि “2014 से पहले केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यक समुदायों की भागीदारी 5 प्रतिशत से कम थी जो अब 10 प्रतिशत से अधिक हो गया है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) योजना, जो आज से लागू हो रही है, जरूरतमंदों को रोजगारोन्मुखी कौशल विकास प्रदान करते हुए उनके सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
श्री नकवी ने कहा कि सरकार ने “हुनर हाट”, “सीखो और कमाओ”, “नई मंजिल” “नई रोशनी”, “उस्ताद” और “गरीब नवाज स्व-रोजगार योजना” जैसे विभिन्न कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों के माध्यम से पिछले 8 वर्षों में अल्पसंख्यक समुदाय के लगभग 21.5 लाख लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने बताया कि प्रगति की यह स्थिति 2014 से पहले अल्पसंख्यक समुदायों के केवल 20,000 लोगों को इस तरह के अवसर मिलने के विपरीत है।
केंद्रीय मंत्री श्री नकवी ने बताया कि 2014 से पहले जहां अल्पसंख्यक समुदाय के केवल 3 करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई थी, वहीं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पिछले 8 वर्षों में अल्पसंख्यक समुदाय के 5.2 करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की है। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार के ऐसे प्रयासों से मुस्लिम लड़कियों में स्कूल छोड़ने की दर को कम करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि “मुस्लिम लड़कियों में स्कूल छोड़ने की दर, जो पहले 70 प्रतिशत से अधिक थी, अब घटकर 30 प्रतिशत से कम हो गई है। और, हम इसे 0% तक लाने का लक्ष्य रखते हैं।”
“प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम” के तहत विकास कार्यों के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने पूरे देश में इसका विस्तार किया है, जो पहले अल्पसंख्यक समुदाय बहुल 90 जिलों तक ही सीमित था।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का पिछड़े क्षेत्रों में निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि “इन परियोजनाओं में स्कूल, कॉलेज, स्मार्ट क्लासरूम, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, छात्रावास, कॉमन सर्विस सेंटर, कौशल विकास केंद्र, अस्पताल, पेयजल और स्वच्छता सुविधाएं, खेल सुविधाएं, सद्भाव मंडप, हुनर केंद्र आदि शामिल हैं।”
श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के बरेली में एक यूनानी मेडिसिन कॉलेज के लिए 200 करोड़ रुपये और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तीन परिसरों के लिए 300 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि, “हमने मदरसों में औपचारिक शिक्षा शुरू कर दी है और मदरसा शिक्षकों को देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से न केवल अल्पसंख्यकों, बल्कि अन्य जरूरतमंद वर्गों को भी लाभ हुआ है।”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 100 प्रतिशत डिजिटल/ऑनलाइन हज प्रक्रिया, केवल मेहरम के साथ हज करने वाली मुस्लिम महिलाओं पर प्रतिबंध हटाना, हज सब्सिडी को हटाने के बाद भी किफायती हज यात्रा, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण, जीआईएस/जीपीएस मैपिंग और वक्फ संपत्तियों पर विकास परियोजनाएं अन्य महत्वपूर्ण सुधार हैं जो सरकार द्वारा किए गए हैं। श्री नकवी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की गरिमा के साथ विकास की प्रतिबद्धता है जिसमें समाज के सभी वर्गों का समावेशी सशक्तिकरण शामिल है।
अंजुमन-ए-इस्लाम की यूपीएससी अकादमी में चयन प्रक्रिया के लिए कुल 1,141 छात्रों ने आवेदन किया था। परीक्षा में शामिल 760 छात्रों में से पहली सूची में इंटर-से-मेरिट के आधार पर पहले 50 छात्रों का चयन किया गया। मॉड्यूल-वार कोचिंग सत्र 12 जुलाई, 2021 से ऑनलाइन मोड में शुरू हुए। कोविड-19 प्रतिबंध खत्म होने के बाद माता-पिता और उम्मीदवारों की सहमति के आधार पर उन्हें जनवरी 2022 से आवासीय कोचिंग के लिए बुलाया गया था। आवासीय के साथ-साथ ऑनलाइन कोचिंग और प्रारंभिक परीक्षा श्रृंखला चल रही है।