बेटियों की सुरक्षा के लिए ठोस नीति जरूरी : राजुद्दीन

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मेवात : अब वक्त आ चुका है कि देश की करोड़ों बेटियों को सुरक्षा करने के अलावा सुरक्षित महसूस कराया जाए। अन्यथा ऐसे ही याद करने से काम चलने वाला नहीं है। दुनिया के सामने हिन्दुस्तान बड़ी महाशक्ति बन चुका है। इसलिए  पुलिस प्रशासन और सरकारें इस बात पर जोर दें कि भविष्य में ऐसे शर्मसार करने वाले अपराध न घटित हों। ये बातें मेवात के प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता राजुद्दीन ने कस्बा नगीना में निर्भया एवं दामिनी की शांति कैंड़ल मार्च बरसीं पर क्षेत्रवासियों को संबोधित करते हुए कही।

 

उन्होंने कहा कि हर बार बेटियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होते है और फिर भी कोई ठोस रणनीति सरकारें नहीं बना पाती। उन्होंने कहा कि महिलाऐं आज भी मेवात ही नहीं बल्कि देश के किसी भी हिस्से में बेहतर महसूस नहीं कर रही है। उन्हें ओढऩे-पहनने की आजादी पर भी सवाल उठते है। यही नहीं, अभी भी घर से बाहर हमारी बहन-बेटियों को बाहर निकलने से पहले मन में तरह-तरह के सवाल आते है। परिवार वाले कहते है बेटी घर जल्दी आ जाना, रात मत कर देना, किसी पर भरोसा मत करना ये सारी बातें हमारे समाज को कटघरे में खड़ा करती है।

समाजसेवी राजुद्दीन ने बताया कि बीते 4 सालों से आरटीआई मंच के बैनर तले देश की बेटी निर्भया-दामिनी के लिए कैंड़ल मार्च इसलिए निकाला जाता है कि किसी की बेटी के साथ ऐसा जघंय अपराध न हो। सरकारें  गौर करें और महिलाओं को सुरक्षित माहौल का अहसास कराऐं। उन्होंने कहा कि मेवात के डींगरहेडी कांड़ को भी नहीं भूला जा सकता। जिसने भी ये हैवानियत की है उन्हें कानून से कठोर सजा दिलाने के लिए लोगों को प्रयास करने की आवश्यकता है।

 

ऐसे मामले समाज की दशा और दिशा की पोल खोलते है। उन्होंने कहा कि बात किसी समुदाय विशेष की न होकर इस पर ध्यान देना आवश्यक है कि बेटियां सभी समुदायों की इज्जत है। उन्हें महफूज करने के लिए समाज को हिफाजत के लिए कदम उठाने तथा समाज में बेहतर वातावरण बनाने के लिए पहल करने की आवश्यकता है। इस दौरान नगीना क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आऐ हजारों लोगों ने शांति कैंड़ल मार्च में हिस्सा लिया। लोगों ने समाजसेवी राजुद्दीन के बेटी केयर व बेटी बढाओ-बेटी बचाओ अभियान की तारीफ की। तीन साल पहले नगीना क्षेत्र से निर्भया कांड़ की दूसरी बरसी पर ये कार्यक्रम शुरू किया गया था।   

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