नई दिल्ली : मंडी में टमाटर की कीमत में कमी के कारण खुदरा कीमत में भी कमी आ रही है। 14 नवंबर को अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 52.35 रुपये प्रति किलोग्राम था जो 14 अक्टूबर को 67.50 रुपये प्रति किलोग्राम से 22.4 प्रतिशत कम है। इसी अवधि के दौरान, टमाटर की आवक में वृद्धि होने से आज़ादपुर मंडी में मॉडल कीमतें लगभग 50 प्रतिशत घटकर 5,883 रुपये प्रति क्विंटल से 2,969 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं। पिंपलगांव, मदनपल्ले और कोलार जैसे बेंचमार्क बाजारों से भी मंडी की कीमतों में भी इसी तरह की कमी की सूचना मिली है।
कृषि विभाग के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2023-24 में टमाटर का कुल वार्षिक उत्पादन 213.20 लाख टन है जो 2022-23 में 204.25 लाख टन से 4 प्रतिशत अधिक है। हालांकि टमाटर का उत्पादन पूरे वर्ष होता है लेकिन उत्पादन क्षेत्रों और उत्पादन की मात्रा में मौसमी परिवर्तन होता रहता है। मौसम की प्रतिकूल स्थिति और आपूर्ति में मामूली व्यवधान के कारण टमाटर की फसल की उच्च संवेदनशीलता और फलों की शीघ्र खराब होने की प्रवृत्ति के कारण कीमतों पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। अक्टूबर, 2024 के दौरान टमाटर की कीमतों में उछाल आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अत्यधिक और लंबे समय तक बारिश के कारण था।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में टमाटर उत्पादन में सामान्य मौसमी प्रभाव से पता चलता है कि प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में अक्टूबर और नवंबर में बुवाई होती है। हालांकि, फसल की खेती की कम अवधि और फलों की कई बार तोड़ने के कारण बाजार में टमाटर की निरंतर उपलब्धता रहती है।
हालांकि मदनप्पल और कोलार के प्रमुख टमाटर केंद्रों पर आवक में कमी हुई है लेकिन महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों से मौसमी आवक के कारण कीमतों में कमी आई है। यह मौसमी आवक पूरे देश में टमाटर की आपूर्ति में कमी को पूरा कर रही है। अभी तक मौसम भी फसल के लिए अनुकूल रहा है और खेतों से लेकर उपभोक्ताओं तक आपूर्ति में अच्छा प्रवाह बनाए रखने के अनुकूल रहा है।