नई दिल्ली। तथाकथित किसान आन्दोलन के नाम पर गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी के कई इलाकों में की गई हिंसा के बाद आज दो किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने कृषि कानूनों के खिलाफ जारी तथाकथित किसानों के आंदोलन से अलग होने का ऐलान किया है। किसान नेता वीएम सिंह ने बुधवार को इसका ऐलान किया।
उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और उपद्रवियों को लाल किला की ओर जबरन जाने के लिए भड़काने वाले राकेश टिकैत पर कई आरोप लगाए हैं। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी के वीएम सिंह ने कहा कि हम उस आंदोलन का हिस्सा नहीं रह सकते, क्योकि कल की घटना के बाद दिल को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि टिकैत राजधानी में हुई हिंसा की जिम्मेदारी लें. उन्होंने कहा कि टिकैत दिल्ली में निर्धारित रूटों के लावा अलग अलग कई रूटों पर जाने को बल दे रहे थे.
दूसरी तरफ किसान यूनियन भानु गुट के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कल दिल्ली में जिस तरह से हिंसा और तांडव किया गया उससे उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। इसलिए वह 58 दिन से चल रहा अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं।