किसान भाईयों से पूर्व सैनिकों की अपील
गुरुग्राम्। कल 23 जनवरी 2021 को शहीद कल्याण फाउंडेशन की ओर से 23 जनवरी को स्थानीय समा रेस्टोरेन्ट, गुरुग्राम में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए शहीद कल्याण फाउंडेशन के संयोजक डाॅ0 टी सी राव ने कहा कि गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है जो हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है । इसी दिन सन 1950 को भारत सरकार का अधिनियम एक्ट 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था । एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का रज्य स्थापित करने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा के द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया। उन्होंने किसानों से अपना ट्रेक्टर मार्च स्थगित करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि इस दिन तीनों सेनायें अपनी पूरी ताकत दिखाते हैं । हथियारों का प्रदर्शन करते हैं । तीनों सेनाये मार्च करके इंडिया गेट के सामने से राजपथ पर एक मैसेज देते हैं दुनिया को कि हम किसी से कम नहीं हैं । इसी दिन शहीदों के परिवारों को देश के हर राज्य के प्रत्येक जिले में सम्मान दिया जाता है । इसी दिन बहादुरी वीरता पुरस्कार प्राप्त किये हुए सैनिकों को भी सम्मान दिया जाता है । सबसे बड़ा सर्वोच्य पदक परमवीर चक्र और अशोक चक्र राजपथ पर ही महामहीम राष्ट्रपति द्वारा दिये जाते है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि इस साल कोरोना से हम जूझते रहे पूरी साल और अब जब हमें राष्ट्रीय पर्व मनाने का मौका मिला है अपने गणतंत्र दिवस को, उस समय भारत के किसान ट्रैक्टर मार्च करने का ऐलान कर रहेे है। बहुत दुर्भाग्य की बात है। भारत के 95 प्रतिशत सैनिक किसान परिवारों से आते हैं। शहीद भी उनमें से ही होते हैं । आज भी सेना में किसान परिवारों के बच्चें ही जाते है। जो किसान ट्रैक्टर मार्च में भाग लेंगे इनके भी भाई – भतीजे या रिश्तेदार सेना में सेवारत है।
उनका कहना था कि ये सेना का तथा शहीदों का बहुत बड़ा अपमान होगा यदि मेरे किसान भाई उस दिन अगर कोई ऐसा अशोभनीय कार्य करते है जैसे उन्होंने ट्रैक्टर मार्च का प्लान कर रखा है।उन्होंने किसानों से अपील की कि उसको स्थगीत कर सारे किसान भाई मिलकर आये इंडिया गेट पर तथा सेनओं का जोहर देखे अपने देश की सैन्य ताकत देखें ।
उन्होंने याद दिलाया कि पहली बार राफेल उस दिन उडान भरेगा राजपथ के उपर, वो नजारा देखे, ना कि ट्रैक्टर मार्च करके उस कार्यक्रम में विघ्न डालने की कोशिश करें। हमारे पास हमारे देश के चारों तरफ दुश्मन है । चीन बार-बार आॅखे दिखा रहा है । उधर पाकिस्तान घुसपैठियों के द्वारा कश्मीर में अशांति फैलाने की पिछले 30 सालों से कोशिश करता आ रहा है । अब हमें मौका है एकजुट होकर गणतंत्र दिवस पर पूरा भारत वर्ष इसको मनायें।
डॉ राव ने कहा कि अपने शहीदों को उस दिन सलामी दें, शैल्यूट करे, उनके बलिदान को तथा उनके बलिदान से प्रेरणा लें । सेना के जोहर और उनकी ताकत को पूरी दुनिया तक फैलायें । ये समय है देश के साथ खड़े होने का ना कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का। अगर उनको कृषि बिलों से कोई नाराजगी है तो नाराजगी दिखाने का हमारे देश में, प्रजातांत्रिक शासन है उसमें अलग-अलग प्रावधान बनाये हुए हैं । हर आदमी को विरोध जताने का हक है लेकिन मर्यादा के अंदर । अमर्यादीत कदम से देश को नीच देखना पड़ेगा दुनिया की नजरों में। जो भारत आज एक बहुत बड़ी ताकत बनकर उभर रहा है आर्थिक और सैन्य दोनों दृष्टिकोण से, उसका अपमान होगा। बाबा भीमराव अम्बेडर का भी अपमान होगा क्योंकि उनका बनाया हुआ संविधान उसी दिन लागू हुआ था ।
उन्होंने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि जो आज ये हम सब कुछ कर रहे है हमें संविधान ने ही दिया था और वो संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था । अगर हम ऐसा कुछ करते हैं तो स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री की भी आत्मा को ठेंस पहुंचेगी । क्योंकि उन्होंने जवान और किसान को एक ही बताया था । दुर्भाग्य की बात है अगर मेरे किसान भाई , जवानों के गौरव, शौर्य उनके स्वाभिमान के प्रदर्शन के खिलाफ कोई ऐसा कदम उठाते है, जबकि उस दिन उनको सम्मान देने का समय है । अगर कोई ऐसा कदम उठाते है तो पूरी सेना का अपमान है । उनका भी अपमान हैं जिन्होंने हमें आजादी दिलाई थी, लाखों लोगों ने कुर्बानीयां दी थी। हम तमाम पूर्व सैनिकों की तरफ से तमाम शहीद परिवारों की तरफ से निवेदन करते है प्रार्थना करते है, अर्ज करते हैं किसानों भाईयों से की ट्रैक्टर मार्च 26 जनवरी की बजाय किसी और दिन रख लें । 26 जनवरी को हम निवेदन करते हैं अपने 71वें गणतंत्र दिवस देश के साथ सम्मिलित होकर देश के साथ मानये । और अपने आप पर गर्व करें कि हम उस देश में हैं जो चंद दिनों में दुनिया की मजबूत ताकत के रुप में उभर रहा है ।
इस मौके पर शहीद कल्याण फाउंडेशन के अध्यक्ष कर्नल महावीर सिंह, ब्रिगेडियर जे के बंसल, ब्रिगेडियर अनिल श्रीवास्तव, कर्नल जे के सिंह, मेजर एस एन यादव, कर्नल ए के मंदीरत्ता, कर्नल जे एस सहगल, कैप्टन राजेन्द्र यादव, तेज सिंह, दिलीप कुमार एवं अन्य पूर्व सैनिकों ने भाग लिया ।