जुरहरा, (भरतपुर) रेखचन्द्र भारद्वाज : मयूर पंख से निर्मित पिच्छिका संयम साधना का उपकरण तो है ही साथ ही जीवों के संरक्षण के साथ अहिंसा धर्म की पालना का संदेश भी देता है मयूर पंख निर्मल,नरम तो होते ही हैं साथ ही सात्विकता के परिचायक भी हैं उक्त प्रवचन जैन आर्यिका पदम नंदनी माताजी ने चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर जुरहरा के प्रांगण में चातुर्मास निष्ठापन्न एवं पिच्छिका परिवर्तन समारोह में जैन श्रावक-श्राविकाओं से कहे।
जैन समाज जुरहरा के प्रचार मंत्री विपिन जैन ने बताया कि चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन एवं मंगलाचरण के साथ पिच्छिका परिवर्तन का अनौपचारिक कार्यक्रम जैन मंदिर जुरहरा में आयोजित हुआ।
एक ओर जहां पुरानी पिच्छिका भेंट करने का सौभाग्य है उपस्थित सभी नर नारियों को आर्यिका माता द्वारा प्रदान किया गया तो वही नवीन पिच्छिका प्राप्त करने का सौभाग्य जम्मू प्रसाद, राजेंद्र कुमार, महेंद्र कुमार, नरेंद्र कुमार, राकेश कुमार जैन परिवार जुरहरा को प्राप्त हुआ।
कोषाध्यक्ष मोर मुकुट जैन के अनुसार कार्यक्रम में वर्षा योग में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया गया तो इस अवसर पर धर्म प्रभावना ग्रुप दिल्ली अमित जैन, अरुण जैन द्वारा जैन समाज अध्यक्ष महेंद्र जैन को श्रावक श्रेष्ठि की उपाधि देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या ने किया तो वही विजय जैन जुरहरा द्वारा चातुर्मास में हुए कार्यक्रमो पर विस्तृत प्रकाश डाला गया इस अवसर पर नरेश जैन,विपिन जैन, कैलाश जैन,त्रिलोक, कुक्की जैन सहित जैन समाज जुरहरा के श्रावक श्राविका उपस्थित रहे।