– गुरुग्राम के शिक्षक मनोज कुमार लाकड़ा को 5 सितंबर को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार
– बजघेड़ा के राजकीय विद्यालय में मौलिक मुख्यध्यापक के पद पर कार्यरत है मनोज
– देशभर में 47 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं में हरियाणा से एकमात्र मनोज कुमार का चयन
गुरुग्राम 25 अगस्त। गुरूग्राम के बजघेड़ा स्थित राजकीय विद्यालय के मौलिक मुख्याध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। उनकी इस उपलब्धि पर गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री ने उन्हें बधाई दी है और कहा है कि मनोज कुमार ने इस उपलब्धि से गुरूग्राम जिला तथा हरियाणा प्रदेश का नाम देशभर में रोशन किया है। अन्य शिक्षकों को मनोज कुमार से प्रेरणा लेनी चाहिए।
शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को राष्ट्रीय स्तर पर देश भर के 47 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय द्वारा नेशनल अवार्ड से सम्मानित होने वालों की की सूची जारी की गई है । इस बार राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए प्रदेश भर के शिक्षकों में से गुरुग्राम के बजघेड़ा के राजकीय विद्यालय के मुख्याध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा का चयन हुआ है। शिक्षक मनोज कुमार इस समय बजघेड़ा के राजकीय विद्यालय में मौलिक मुख्यध्यापक के पद पर कार्यरत हंै। उनका अध्यापन क्षेत्र में 20 वर्ष का अनुभव हो चुका है। वर्ष-2001 से 2019 तक मनोज कुमार हिंदी अध्यापक रहे और 2019 में वे मौलिक मुख्याध्यापक पदोन्नत हुए।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में बताया गया कि देश भर से राष्ट्रीय जूरी ने 153 शिक्षकों में से 47 शिक्षकों को इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना है और इन 47 शिक्षको में गुरूग्राम के बजघेड़ा राजकीय विद्यालय में कार्यरत मनोज कुमार लाकड़ा भी शामिल हैं। हरियाणा प्रदेश में मनोज कुमार एकमात्र ऐसे अध्यापक हंै, जिनका नाम राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर्ताओं की सूची में है। मनोज कुमार लाकड़ा तथा अन्य पुरस्कार विजेताओं को 5 सितंबर अध्यापक दिवस पर विज्ञान भवन दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा। अपने अनुभव सांझा करते हुए मौलिक मुख्यध्यापक मनोज कुमार लाकड़ा ने कहा कि वे मूल रूप से झज्जर जिला के गांव छुडानी के निवासी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षक बनना केवल सफल होना नहीं होता बल्कि एक शिक्षक तभी सफल होता है जब उसके विद्यार्थी सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि एक विद्यार्थी के सर्वागीण विकास के लिए जरूरी है कि उसे शिक्षा के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न पहलुओं की भी जानकारी हो। उन्होंने बताया कि उनकी नौवीं कक्षा के छात्रों ने विभिन्न तरह के एैप विकसित करने का कार्य किया है, जो अपने आप में एक अनूठा कार्य है।
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों ने मिड-डे मील, हरियाणा ऐप का निर्माण किया। यह ऐप टीचरों की सहूलियत के लिए बनाया गया है जिसको हरियाणा शिक्षा विभाग ने लागू किया। इसके साथ ही छात्रों ने ‘समग्र मूल्यांकन एैप, फीस रजिस्ट्रार एैप, फण्ड व स्टॉक रजिस्टर एैप, स्कॉउट व गाईड एैप, प्रगति पथ एप्प को तैयार किया। उन्होंने बताया कि उनके विद्यार्थियों ने स्कूल की वेबसाइ ई मैगजीन, ब्लाग एजुकेशनल गेम्स, सरकारी विद्यालयों की गुगल मैपिंग जैसे कई एडवांस कार्य किए है और अपने साथ साथ विद्यालय का नाम भी रोशन किया है।सोलर प्लेट समर हेलमेट मॉडल , इंटैलिजेंट कार , मल्टीपर्पस बाल्टी, प्रदूषण रहित सोलर चुल्हा,इंटैलिजेंट ईरिगेशन सिस्टम जैसे कई अन्य विज्ञान मॉडल अध्यापक मनोज लाकड़ा के मार्गदर्शन में छात्रों ने बनाए जिन्हें जिला व राज्य स्तरीय के साथ जवाहरलाल नेहरू विज्ञान प्रदर्शनी एससीईआरटी गुरूग्राम में भी पुरस्कार मिले। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐप्स को डेवलप करना कोई छोटा कार्य नहीं है, बीटेक या एम टेक के छात्र एप डेवलप करते है लेकिन अगर विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन किया जाए तो कोई भी विद्यार्थी यह कर सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चो को सही दिशा दिखानी बहुत आवश्यक है कि कैसे उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। यह एक अध्यापक के हाथ में होता है। उन्होंने बताया कि वह अपने प्रत्येक विद्यार्थी पर विशेष ध्यान देते है। कक्षा के कमजोर विद्यार्थी भी परीक्षा में बेहतरीन स्थान हासिल करंे, यही उनका लक्ष्य रहता है।
मनोज कुमार छात्रों की प्रतिभा को निखारने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करवाते रहे है। विद्यालय स्तर पर विभिन्न तरह की क्विज प्रतियोगिता जैसे स्वामी विवेकानंद इस प्रतियोगिता, कौन बनेगा वैदिक स्वामी दयानंद क्विज प्रतियोगिता, जैसी कई अन्य प्रतियोगिताओं का वह आयोजन करवाते रहे है। उन्होंने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य छात्रों की प्रतिभा को निखारना है। सभी छात्र शिक्षा ग्रहण करतें हुए अपनी एक अलग पहचान बना सकें और समाज के विकास में अपना योगदान दे सकंे, यही उनकी विचारधारा है। इससे पहले मनोज कुमार लाकड़ा को शिक्षा विभाग के साथ अनेकों सामाजिक संस्थानों द्वारा विभिन्न जिला एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जा चुका है।