जस्टिस मदन बी़ लोकुर ने जेल अधीक्षक हरेंद्र की पीठ थपथाई

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3-dec-15-aभौंडसी जेल का दौरा करने पहुंचे सुप्रीम कोर्ट जज

केंद्रीय खादी एवं  ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन भी थे साथ 

जेल में चरखा यूनिट का उदघाटन 

गुरुग्राम :  गुरुग्राम के भौंडसी स्थित जिला कारागार ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। जेल में आज चरखा यूनिट की शुरूआत की गई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी़ लोकुर तथा केंद्रीय खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने आज जेल में चरखा यूनिट का श्रीगणेश किया। इससे पहले करीब दो घंटा जस्टिस लोकुर ने जेल का भ्रमण किया और जेल में कैदियों के पुनर्वास व सुधार के लिए चलाए गए कार्यक्रमों का मुआयना किया।

 

 सुधार कार्यों के लिए की सराहना

अपने लगभग तीन घंटे के जेल प्रवास के दौरान जस्टिस लोकुर ने राज्य के जेल विभाग व भौंडसी जेल प्रबंधन द्वारा किए गए कार्यों की जमकर सराहना की। जस्टिस लोकुर ने जेल का भ्रमण करते हुए अनेक बार एक्सीलेंट, वेलडन और आउट स्टेंडिंग कहा। जेल अधीक्षक हरेंद्र श्योराण की पीठ थपथपाते हुए उन्होंने कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। जेल भ्रमण के बाद बंदियों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक आयोजन में भाग लेने के बाद जस्टिस लोकुर ने अपने सम्बोधन में कैदियों को अच्छा इंसान बनने का आह्वान किया।

बंदियों का किया आह्वान, जेल से बाहर निकल करें नई शुरूआत

उन्होंने कहा, यहां बंद कैदियों व बंदियों को एक न एक दिन बाहर जाना है। ऐसे में उन्हें यहां चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ट्रेनिंग लेनी चाहिए ताकि वे बाहर जाकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। उन्होंने कहा, सभी बंदियों को यह संकल्प लेना होगा कि वे बाहर एक बेहतरीन और अच्छे इंसान बनकर जाएंगे ताकि समाज में उनका मान-सम्मान हो और वे देश के लिए कुछ कर सकें। जेल में शुरू की गई चरखा यूनिट से बंदियों को जुडऩे का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यह चरखा यूनिट केवल उनका टाइम पास नहीं करेगी बल्कि बाद में वे इसे स्वरोजगार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

गुरुग्राम की जेल को आदर्श जेल का दर्जा

यह पहला मौका था जब सुप्रीम कोर्ट के किसी जज ने हरियाणा की जेल का भ्रमण किया। गुरुग्राम की जेल को आदर्श जेल का दर्जा देते हुए उन्होंने कहा कि जेल प्रबंधन द्वारा कैदियों के पुनर्वास व सुधार के लिए किए जा रहे कार्य ऐतिहासिक हैं। बंदियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक यहां रहें, सकारात्मक सोच के साथ रहें।

50 चरखे वाली यूनिट का होगा विस्तार

इस मौके पर राष्ट्रीय खाद्यी एवं ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सैक्सेना ने कहा ‘भौंडसी जेल में बिताए गए तीन घंटों को मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। यहां की गतिविधियां अपने आप में ऐतिहासिक हैं और मुझे इस बात की खुशी है कि आयोग ने अपनी चरखा यूनिट की शुरूआत यहां की है। अगर जरूरत पड़ी तो 50 चरखे वाली इस यूनिट का और भी विस्तार किया जाएगा’।
उन्होंने कहा कि चरखा देश की आजादी का प्रतीक है। यही वह हथियार है, जिसके बूते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को शांति और अहिंसा का संदेश दिया। जेल में चरखा यूनिट के स्थापित करने का मुख्य मकसद भी यही है कि बंदियों में शांति, अहिंसा और भाईचारे का संदेश जाए।

” सभी बंदी खादी के ही कपड़ें पहनें “

इस मौके पर जेल महानिदेशक यशपाल सिंघल ने चरखा यूनिट की विस्तृत जानकारी जस्टिस लोकुर व आयोग चेयरमैन को दी। उन्होंने कहा कि अकेले गुरुग्राम ही नहीं प्रदेश की सभी जेलों में कैदियों के पुनर्वास के लिए कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम की यह चरखा यूनिट अब प्रदेशभर की जेलों में बंद सभी कैदियों के लिए खादी के कपड़े का निर्माण करेगी। प्रदेश की जेलों के सभी बंदी खादी के ही कपड़ें पहनें, इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जाएगा। इस मौके पर आरटीसी भौंडसी के एडीजीपी बीके सिन्हा, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के हरियाणा के निदेशक वीके नागर, इंडिया विजन फाउंडेशन की निदेशक मोनिक धवन, झज्जर के जेल अधीक्षक सुनील सांगवान, फरीदाबाद के जेल अधीक्षक दीपक शर्मा व रेडक्रास सचिव श्याम सुंदर सहित कई जेल अधिकारी मौजूद रहे।

जब जस्टिस को भा गई बागवानी

भौंडसी जेल में जेल प्रबंधन द्वारा महिलाओं एवं पुरुषों के वार्ड में शुरू की गई बागवानी व नर्सरी जस्टिस लोकुर को भा गई। उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि यह सबसे बढिय़ा है कि बंदियों को ताजा और शुद्ध सब्जियां खाने को मिलती हैं। वह भी खुद ही तैयार की हुई। बंदियों द्वारा ही चरखा पर सुनाए गए गीत और फरीदाबाद जेल के बंदियों द्वारा राधा-कृष्ण के संबंधों पर प्रस्तुत नृत्य से गदगद दिखे जस्टिस लोकुर ने कहा कि बंदियों के इन प्रयासों से लगता है कि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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