गुरुग्राम : एनसीआर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री गुरुग्राम के अध्यक्ष एच पी यादव ने हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार को कैबिनेट की बैठक में लिए उस फैसले का प्रबल विरोध किया जिसमें हरियाणा प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों में 75% स्थानीय युवाओं को ही नौकरी पर रखने का प्रस्ताव पास किया गया है। श्री यादव का कहना है कि इस तरह के फैसले पूर्णतः अव्यावहारिक ही नहीं उद्योग विरोधी है जो हरियाणा के उद्योग को पतन की ओर ले जाएंगे. इससे हरियाणा की इंडस्ट्री दूसरे राज्यों की ओर पलायन को मजबूर होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई हरियाणा केबिनेट की बैठक में हरियाणा के उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मजूरी दी गई है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर एनसीसी आई के अध्यक्ष एच पी यादव ने यहाँ जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि इंडस्ट्री पहले ही वैश्विक आर्थिक मंदी और कोरोना की रोक थाम के लिए लागू देशव्यापी लॉक डाउन के कारण बेहद बुरे दौर से गुजर रही है. अब प्रदेश सरकार का यहाँ फैसला उद्योग को हतोत्साहित करने वाला है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इससे हरियाणा से उद्योग का बड़े पैमाने पर पलायन होगा और यहाँ रोजगार के अवसर और कम होंगे एवं आर्थिक स्थिति और डवाडोल हो जायेगी।
श्री यादव ने जोर देते हुए कहा कि इस समय उद्योगों को पुनः खड़ा करने के लिए सरकार को आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए थी लेकिन इस मांग पर कोई तवज्जो नहीं दी गई और यह कुठारघात वाला फैसला ले लिए गया।सरकार के इस प्रकार के लोक लुभावन घोषणाओ से उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा तथा भविष्य में निवेश की सम्भावनाये भी कम हो जायेगी जिससे प्रदेश में भारी बेरोजगारी बढ़ जायेगी. इस फैसले का बेहद बुरा असर होगा और उद्योग धंधे चौपट हो जायेंगे. स्थानीय युवाओं को नौकरी में 75 प्रतिशत का आरक्षण देने के फैसले थोप कर उद्योगों में डर का माहौल पैदा किया जाए यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि तार्किक तौर पर सरकार कसी भी विभाग के लिए दक्ष व सक्षम व्यक्ति व कर्मी का चयन करना चाहती है फिर उद्योग जगत की गुणवत्ता कैसे बनी रह सकती है। उनका कहना है कि उद्योग जगत की भी उत्पादकता को बनाये रखने के लिए दक्ष प्रोफेशनल्स और वर्क फ़ोर्स के चयन की स्वतंत्रता आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि उद्योग जगत रोजगार सृजन व आर्थिक उत्थान के लिए हमेशा सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर चलने को तैयार है लेकिन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए सबसे आवश्यक है प्रशिक्षित कर्मी जिसका हरियाणा में सर्वथा अभाव है।उनका सुझाव है कि हरियाणा सरकार को उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करने पर बल देना चाहिए और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले संस्थान स्थापित करने पर काम करना चाहिए.इस सन्दर्भ में युवाओ को रोजगार कार्यालय में पंजीकरण को आवश्यक किया जाना चाहिए वही से उद्योग अपने श्रमिक लेंगे।
श्री यादव ने कहा कि निजी क्षेत्र में काम की गुणवत्ता से समझौता करने का मतलब है अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में पिछड़ना. इसलिए उद्योग जगत को यह प्रदेश सरकार का यह फैसला स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने मांग की हरियाणा सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।उन्होंने आश्वस्त किया कि गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण केंद्र की व्यवस्था करने में उद्योग जगत सरकार का सहयोग करने को हमेशा तत्पर है। यहाँ जरूरत है उद्योग व व्यवसाय की आवश्यकता के अनुरूप कोर्सेस चलाने की और युवाओं को प्रशिक्षित करने की जिससे कोई भी संस्थान उन्हें खुद ही आगे बहद कर नौकरी देने को आतुर रहेगा।