वाराणसी,16 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे। प्रधानमंत्री सबसे पहले जंगमबाड़ी मठ पहुंचे और पूजा-अर्चना की। उन्होंने श्री जगद्गुरु विश्ववर्धय गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भी भाग लिया और 19 भाषाओं में श्री सिद्धान्त शिखमणी ग्रन्थ के अनुदित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लिकेशन का विमोचन किया। इस दौरान उनके साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा भी मौजूद थे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे।
इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संस्कृति और संस्कृत की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना, मेरा लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संत वाणी का साक्षी बनने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। पीएम मोदी ने कहा कि वीरशैव परंपरा वो है, जिसमें वीर शब्द को आध्यात्म से परिभाषित किया गया है। जो विरोध की भावना से ऊपर उठ गया है वही वीरशैव है। यही कारण है कि समाज को बैर, विरोध और विकारों से बाहर निकालने के लिए वीरशैव परंपरा का सदैव आग्रह रहा है।
उन्होंने कहा कि देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता, बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है। नागरिक के संस्कार को उसकी कर्तव्य भावना श्रेष्ठ बनाती है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही भारत के भविष्य को तय करेगा, नए भारत की दिशा तय करेगा। दीनदयाल उपाध्याय जी ने हमें अंत्योदय का मार्ग दिखाया था। यानि जो समाज की आखिरी पंक्ति में हैं, उनका उदय। 21वीं सदी का भारत इसी विचार से प्रेरणा लेते हुए अंत्योदय के लिए काम कर रहा है। जो विकास के आखिरी पायदान पर है, उसे विकास के पहले पायदान पर लाने के लिए काम हो रहा है।
पीएम ने कहा कि देशभर में आस्था और अध्यात्म से जुड़े तमाम बड़े केंद्रों को विकसित करने के साथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए उन्हें सुविधाजनक भी बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज बाबा विश्वनाथ की नगरी को ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से जोड़ने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई गई है।
श्री मोदी ने कहा कि आज वाराणसी, पूर्वांचल का बहुत बड़ा मेडिकल हब बनकर उभर रहा है। यहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के आधुनिक इलाज के लिए कई अस्पताल तैयार हो चुके हैं। पहले जिन बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता था, उनका इलाज यहीं पर मिल रहा है।
Towards a prosperous UP. Watch. https://t.co/zelJjWkxcv
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2020
प्रधानमंत्री वाराणसी के इस एक दिवसीय दौरे पर 430 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल सहित 30 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। मोदी एक वीडियो लिंक के माध्यम से आईआरसीटीसी की महाकाल एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाएंगे।
देश की पहली ओवरनाइट निजी रेलगाड़ी तीन ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थलों— वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ेगी। वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल सेंटर राष्ट्र को समर्पित करेंगे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक की 63 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। यह देश में उनकी सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। इसे बनाने के लिए पिछले एक साल में 200 से अधिक कारीगरों ने दिन-रात काम किया। स्मारक केंद्र में उपाध्याय के जीवन और समकालीन तथ्यों की जानकारी होगी। पिछले वर्ष ओडिशा के लगभग 30 शिल्पकारों और कलाकारों ने इस परियोजना पर काम किया।