संस्था ने सरकारी स्कूलों में बालिकाओं को अब तक 70000 नैपकिन्स का वितरण किया
फरीदाबाद। सामाजिक संस्था एक संघर्ष ने 2018 में पिंक हेल्थ के नाम से ग्रामीण क्षेत्र की स्कूल जाने वाली लड़कियों के स्वस्थ्य सम्बन्धी अभियान का शुभारंभ फरीदाबाद में किया था आज लगभग एक साल की अवधि में संस्था ग्रामीण क्षेत्र के बहुत से सरकारी स्कूलों में बालिकाओं को सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध करवा रही है जिनसे अभी तक 70000 नैपकिन्स का वितरण किया जा चुका है और लगभग 2800 लड़कियां और उनके परिवार की महिला सदस्य इन्हे इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे पहले संस्था ने ग्राम कौराली में भी सभी महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन रियायती मूल्य पर उपलब्ध करवाने की योजना की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत पिछले तीन महीने में प्रत्येक माह 22000 से अधिक नैपकिन बाँटे जा रहे हैं।
सामाजिक बदलाव की इस अभूतपूर्व श्रंखला को जारी रखते हुए एक संघर्ष संस्था ने आज बल्लबगढ़ के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की लगभग 2200 बालिकाओं को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन के पैकेट उपलब्ध करवाए और स्वस्थ्य सम्बन्धी जानकारी दी। विद्यालय के प्रमुख डाक्टर अशोक ने बतलाया की बालिका बचाओ बालिका पढ़ाओ के क्षेत्र में यह कार्यक्रम एक क्रांति की तरह काम कर रहा है और इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों का शारारिक तथा मानसिक विकास भी होता है।
इस कार्यक्रम में शुरुआत से ही जुडी फरीदाबाद शिक्षा विभाग की जिला परियोजना समन्वय अधिकारी अनीता शर्मा जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी को सम्बोधित करते हुए कहा की स्कूल जाने वाली उम्र की बच्चियों को जागरूक करने और स्वस्थ्य जानकारी प्रदान करने और सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध करवाने में यह योजना बहुत कामयाब रही है और इसे आगे भी बढ़ाया जायेगा।
खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम वोहरा ने बताया की आज बल्लबगढ़ राजकीय विद्यालय में एक साथ 16000 के लगभग मुफ्त सेनेटरी नैपकिन बाँटकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है । इस कार्यक्रम में कपिल , अंजू चौधरी, विभा जैन , विशाखा गुप्ता, कविता एवं संजीव गिल ने भी सक्रिय योगदान दिया
संस्था के निदेशक आर पी शर्मा जी ने बतलाया की संस्था का लक्ष्य फरीदाबाद ज़िले के सभी सरकारी स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्रों में यह सुविधा उपलब्ध करवाने तथा इस साल के अंत तक एक लाख से अधिक सेनेटरी नैपकिन वितरित करने का है ।
एक संघर्ष के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता अजय बहल ने इस अवसर पर प्रदेश के अन्य सभी सामाजिक संगठनों एवं समाज के गणमान्य सदस्यों से अपने अपने क्षेत्र में बालिकाओं और महिलाओं के लिए ऐसी ही कल्याणकारी योजनाएं चलने का निवेदन किया ।