फरूखनगर ब्लाॅक के लोगों को मिला नहरी पानी

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गुरूग्राम। रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। जी हां, हर व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताओं में सर्वोपरि पानी को ही रखा गया है क्योकि पानी के बिना जीवन असंभव है।  जिला गुरूग्राम के फरूखनगर ब्लाॅक की स्थिति भी कुछ इसी प्रकार की थी।
यहां पर नहरी पानी के बिना लोगों का जीवन चुनौतीपूर्ण था। यहां के लोग जलापूर्ति के लिए कई वर्षों से ट्यूबवैलों पर आधारित थे लेकिन अब स्थिति बिल्कुल इससे विपरित हो चुकी है। मौजूदा सरकार ने यहां के स्थानीय निवासियों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए उन्हें नहरी पानी उपलब्ध करवाया। पिछली सरकारों के कार्यकाल में उपेक्षित रहे फरूखनगर ब्लाॅक का कायाकल्प होने से यहां के स्थानीय निवासियों में खुशी का माहौल है। इस क्षेत्र में नहरी पानी आधारित पेयजल आपूर्ति होने से भूजल दोहन भी अपेक्षाकृत कम हो गया है।
सीवरेज व्यवस्था से भी अछूते थे फरूखनगर के लोग।

बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले फरूखनगर ब्लाॅक की गिनती जहां पहले पिछड़े ब्लाॅको में की जाती थी आज यहां विकास कार्य अपने चरम पर है। इस ब्लाॅक में सीवरेज व्यवस्था पूरी तरह से ढप थी, लेकिन अब यहां स्थिति बिल्कुल विपरित है। यहां के लोगों को जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग द्वारा सीवरेज व्यवस्था उपलब्ध करवा दी गई है। इतना ही नही, यहां 4.5 एमएलडी क्षमता का एक मल संशोधन संयंत्र (एसटीपी) लगाया गया है जिसकी क्षमता साढ़े चार एमएलडी है। इसके अलावा, एक अन्य मल संशोधन संयंत्र हैलीमंडी में लगाए जाने का कार्य प्रगति पर है जिसकी क्षमता 5.5 एमएलडी की है। उन्होंने बताया कि फरूखनगर ब्लाॅक में 3 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनकर तैयार हो चुका है जिसे शुरू कर दिया गया है।

घरों व उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी व मल की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से पानी की रिसायकिंलिग की जाती है। प्लांट से शोधित किए गए पानी से भूमिगत जल प्रदूषित नहीं होता और इस पानी का प्रयोग खेती, भवन निर्माण कार्यो, औद्योगिक गतिविधियों तथा अन्य कार्यो में किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिला में दिन-प्रतिदिन भूमिगत जलस्तर में गिरावट आ रही है ऐसे में यह जरूरी है कि घरों, उद्योगो व अन्य स्थानों से निकलने वाले दूषित पानी को एसटीपी में रिसायकिल करके उसे दोबारा इस्तेमाल के योग्य बनाया जाए, ताकि हम पानी का सदुपयोग कर सके।

पटौदी व सोहना विधानसभा में भी हुए रिकाॅर्ड़ तोड़ कार्य

पटौदी विधानसभा क्षेत्र में जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग द्वारा सीवरेज व्यवस्था सुचारू करने के लिए पिछले चार सालों में 1975.27 लाख रूप्ये, सोहना विधानसभा क्षेत्र में 1365 लाख रूप्ये तथा बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में 1178.29 लाख रूप्ये की राशि खर्च की गई है।
जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग द्वारा बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में 1 नहरी जलघर तथा 32 नलकूप बनाए गए है। इसके अलावा, यहां 6 बूस्टिंग स्टेशन- फरूखनगर, कासन, धर्मपुर , बाबुपूर व मोहमदहेड़ी में बनाये गये है। इसी प्रकार यहां 128.45 किलोमीटर तक डीआई पाइप लाइन बिछाई गई है। यहां के 38 गांवो व 1 शहर में पेयजल सुविधा में सुधार हुआ है। इस विधानसभा क्षेत्र में 1 मल संशोधन संयंत्र लगाया गया है।

सोहना विधानसभा क्षेत्र में बेहतर जलापूर्ति के लिए 1 नहरी जलघर 48 नलकूप लगाए गए हैं। यहां पर 181 किलोमीटर लंबी डीआई पाइप लाइन बिछाई गई है। यहां के 15 गांव तथा 1 शहर में जलापूर्ति व्यवस्था में पहले की अपेक्षा सुधार हुआ है।
पटौदी विधानसभा क्षेत्र के 40 ट्यूबवैलों को अब बंद कर दिया गया है क्योंकि पटौदी, फरूखनगर व हेलीमंडी टाउन में अब लोगों को नहरी पानी आधारित पेयजल मिल रहा है। इतना ही नही, यहां के 70 गांवों सहित 2 नगरपालिका क्षेत्रों नामतः पटौदी व हेलीमंडी में पेयजल सुविधा में सुधार हुआ है। इस विधानसभा क्षेत्र में 312 किमी क्षेत्र में डीआई पाइप लाइन बिछाई गई है। जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के एसई प्रदीप के अनुसार पटौदी विधानसभा क्षेत्र में 4 बूस्टिंग स्टेशन तथा 50 नलकूप भी पिछले चार सालों मे लगाए गए ताकि इस विधानसभा क्षेत्र के टेल एंड तक पानी पहुंचाया जा सके

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