नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के ‘रडार विज्ञान’ की वजह से सोशल मीडिया में उनकी बहुत किरकिरी हो रही है। एक तरफ लोग उनके बादलों वाले तर्क को हास्यापद बता रहे हैं तो कुछ लोग उनके ‘रडार विज्ञान’ का समर्थन भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय बादलों की वजह से संभवत: फायदा मिला था।
आजतक टीम ने भोपाल में पूर्व एयर वायस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया से बात की जो 1971 के युद्ध में बीकानेर बॉर्डर के हवाई हमले में खुद शामिल थे। इस हमले में उन्हें युद्धबंदी बनना पड़ा था और 5 महीने 3 दिन और 8 घंटे पाकिस्तान में यातना सही। जेल से रिहा होने के बाद उन्हें राष्ट्रपति वीवी गिरी ने 1973 में वीर चक्र से सम्मानित किया था।
पेठिया ने बताया कि बादल और बारिश वाले मौसम में एयरक्राफ्ट उड़ाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है और ऐसी स्थिति से बचने की कोशिश की जाती है। छोटे-मोटे बादलों से तो रडार को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता लेकिन यदि घने बादल हैं तो लड़ाकू विमानों की बिल्कुल सही जानकारी मिलना कठिन होती है।