नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल ने 23 अप्रैल, 2019 को बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान आने के पहले की हलचल के संकेतों के मद्देनजर समुद्री क्षेत्र और उसके आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चक्रवात ओखी से लिए गए सबक के आधार पर एहतिहाती उपाय शुरू कर दिए हैं। अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान फोनी इस समय विशाखापट्टनम से 260 समुद्री मील दूर दक्षिण पूर्व में केंद्रित है। इसके और सघन होकर 03 मई, 2019 को गोपालपुर और चंदबली के बीच ओडिशा तट से गुजरने की संभावना है।
एक सप्ताह पहले से किए गए एहतिहाती उपाय
अप्रैल 23, 2019 के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के परिणामस्वरूप,भारतीय तटरक्षक ने मछुआरों को खतरे से बचाने के लिए एक सप्ताह पूर्व ही एहतियाती उपाय शुरू कर दिए। तटरक्षक बल के सभी संसाधनों को पूरी तरह तैयार रखा गया है। मत्स्य अधिकारियों, राज्य प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को सभी एहतियाती उपाय करने के लिए 23 अप्रैल, 2019 से ही आगाह कर दिया गया था। आसन्न खतरे को देखते हुए प्रभावित इलाकों में सभी तरह के एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रशासन,विभिन्न विभागों और भारतीय मौसम विभाग के बीच लगातार संपर्क बनाए रखा गया है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश,ओडिशा और पश्चिम बंगाल में स्थित भारतीय तटरक्षक के रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशनों के जरिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में रेडियो पर सुरक्षा / संरक्षा संदेश लगातार प्रसारित किए जा रहे हैं।
मछुआरों की समुद्र से सुरक्षित वापसी और खराब मौसम के प्रति उन्हें आगाह करने के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में संदेश प्रसारित करने के लिए तटरक्षक बल के जहाजों और विमानों को 24 अप्रैल 2019 से पूर्वी तट पर तैनात रखा गया है।
चेन्नई और मुंबई स्थित समुद्री क्षेत्र सुरक्षा समन्वय केंद्रों के जरिए 24 अप्रैल, 2019 से ही बंगाल की खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा चेतावनी प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया है। इसके जरिए क्षेत्र से गुजर रहे मालवाहक जहाजों से कहा गया है कि वे समुद्र में गए मछुआरों को तट पर लौटने और खराब मौसम के प्रति आगाह करने में मदद करें।
24 अप्रैल, 2019 को चेन्नई तथा 30 अप्रैल, 2019 को कोलकाता में मुख्य सचिवों की बैठक में तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस बैठक में तटरक्षक बल के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इसी दिन रेडियो पर नौवहन से जुड़े सुरक्षा संदेशों (नेवटेक्स) का प्रसारण भी शुरू कर दिया गया।
तटरक्षक बल के जहाजों और विमानों की तैनाती–तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुद्दुचेरी के तटवर्ती क्षेत्रों में तटरक्षक बल के जहाज और विमान तैनात किए गए हैं। इनमें से 9 जहाज ओडिशा तट पर और 5 जहाज पश्चिम बंगाल के तट पर तैनात किए गए हैं। इन जहाजों को चेन्नई और विशाखापट्टनम में मौजूद राज्य के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाते हुए राहत सामग्रियां पहुंचाने के लिए तैयार रखा गया है। मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सतर्क रहने की चेतावनी जारी करने के लिए चेन्नई, भुवनेश्वर और कोलकाता से तटरक्षक बल के डोरनियर विमान रोजाना 4 उड़ानें भर रहे हैं।
मछली पकड़ने वाली नौकाओं की सुरक्षा– तटरक्षक बल संबंधित राज्यों के मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि समुद्र में इस कोई भी मछली पकड़ने वाली नौका नहीं हो। इसके अतिरिक्त समुद्र में तैनात तटरक्षक बल के जहाज और विमान में समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाएं देखे जाने की स्थिति में उन्हें तुरंत चेतावनी जारी करने का काम भी कर रहे हैं। ।
12 स्थानों पर विशेष सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम का आयोजन :मछुआरों और तटीय आबादी को सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए जागरूक बनाने के वास्ते तूतीकोरिन, पंबन, विल्लुपुरम, चेन्नई, कृष्णापट्टनम, निज़ामपट्टनम, विशाखापट्टनम, उप्पालानक (काकीनाडा), पारादीप, हल्दिया, गोपालपुर और फ्रेज़रगंज में विशेष सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम आयोजित किए गए।