संगोष्ठी – “गुरुग्राम के विकास में प्रान्त प्रवासियों का योगदान”
गुरुग्राम। “गुरूग्राम मेरा मैं गुरुग्राम का” मिशन के संयोजक गोपीनाथ पांडा ने बताया कि “गुरूग्राम मेरा मैं गुरुग्राम का” मिशन द्वारा आयोजित गुरुग्राम के विकास में प्रांत प्रवासियों का योगदान विषय पर गोष्ठी का आयोजन कोर्ट रोड स्थित एससीईआरटी के सभागार में किया गया। जिसमें गुरुग्राम में निवास करने वाले 25 प्रांतों के 230 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का मंच का संचालन ओमकार सिंह ने किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के सह-संयोजक संजय सिंह ने किया। कार्यक्रम में पुलवामा के शहीदों को एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई.
कार्यक्रम की अध्यक्षता, एम्स नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक एवं एसजीटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर टी डी डोगरा ने कहा कि गुरूग्राम एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर है। अतः कौन बाहरी है, कौन मूल है ऐसा विचार करना सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है।
मुख्य वक्ता के नाते हरियाणा कला परिषद के पूर्व निदेशक व प्रख्यात संस्कृतिविद अजय सिंहल ने कहा कि गुरुग्राम में प्रांत प्रवासियों की संख्या लगभग 78% है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा गुरुग्राम विधानसभा की कुल आबादी 6.5 लाख बताई गई है। इसी आंकड़े को ध्यान में रखते हुए एक आंतरिक सर्वे के अनुसार बिहार की आबादी 90000, झारखंड की 20000 पूर्वी उत्तर प्रदेश की 70000 उड़ीसा की 70000 बंगाल की 60000 मध्य प्रदेश की 16000 छत्तीसगढ़ की 20000, गुजरात की 3000 उत्तराखंड की 30000 राजस्थान की 20000 महाराष्ट्र की 12000 पंजाब की 80000 पश्चिम उत्तर प्रदेश की 35000 दिल्ली की 7000 बुंदेलखंड की 7000 जम्मू कश्मीर की 4000 केरल की 8000 तमिलनाडु की 4000 आंध्र प्रदेश की 2000 तेलंगाना की 1000 कर्नाटक की 2000 पूर्वोत्तर की 5000 व हरियाणा की 80000 आबादी है।
उन्होंने कहा कि किसी भी निवासी के प्रति प्रशासनिक भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्योंकि हम सब भारतवासी हैं और गुरुग्राम हमारा अपना है । जहां पश्चिम बंगाल के संगीत अध्यापकों द्वारा बच्चों को सांस्कृतिक शिक्षा दी जा रही है वहीं उड़ीसा के प्लंबरों द्वारा हमारे घरों में पानी पहुंचाया जा रहा है। जहां पूर्वांचल के बंधु दिन रात हमारे लिए मकान बनाने पर लगे हैं वहीं महाराष्ट्र, गुजरात के बंधु उनमें रहने वालों के बीच अध्यात्म को जागृत करने में लगे हैं। किसी भी भारतवासी का योगदान गुरुग्राम के विकास में अकल्पनीय है। स्थाई निवासी यदि माला है तो प्रांत प्रवासी उसके मोती।
प्रख्यात शिक्षाविद् एवं स्टार एक्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर अशोक दिवाकर ने कहा कि पूरे देश भर की संस्कृतियों की खुशबू से गुरूग्राम महक रहा है, जबकि नरेन्द्र लडवाल ने गुरुग्राम को मजबूत करने पर बल दिया I डा मोहन लाल सर ने गुरुग्राम वासी होने पर गर्व जताया I नीरज धामा ने प्रान्त प्रवासियों का प्रतिनिधित्व विधान सभा में होने पर जोर दिया I रामबहादुर सिंह ने गुरुग्राम में एक प्रादेशिक भवन की मांग की I उद्योगपति जय जय राम सिंह ने गुरुग्राम को एकजुट करने की बात कही I
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महाराष्ट्र से अविनाश जोशी, अतुल मोघे, बिहार से उपेंद्र राय, देवानंद यादव, पीसी गुप्ता, पूर्वी उत्तर प्रदेश से संदीप सिंह, धर्मेंद्र मिश्रा, अजय भागवत राय, पश्चिम उत्तर प्रदेश से डॉ जे के पास, मंजू अरोड़ा, बुंदेलखंड से गवीश द्विवेदी, अमिता खरे, झारखंड से ए के सिंह, विशाल जायसवाल, दिल्ली से नीता गुप्ता, उषा चांदना, पश्चिम बंगाल से अशोक घोराइ, आरूप चटटराज, पंजाब से सौरभ सचदेव, मोहनीश लरोईया, हरियाणा से विकास जैन, वेद सैनी, मध्य प्रदेश से आर के राव, भूपेश प्रताप सिंह, उत्तराखंड से देवेंद्र नेगी, हेमंत बहुखंडी, वी सी शर्मा, हिमाचल से सुनील कुमार चंदेल, करण गोसाई, उड़ीसा से अक्षय सामल, सुधांशु पाढी, राजस्थान से मनीष बांगड़ा, मदन सोनी, तमिलनाडु से ई शेखर, रघुरमन, जम्मू कश्मीर से मोहन रैना, अजय पंडिता, गुजरात से सुभद्रा सोनी, आसाम से दिवाकर दास आदि उपस्थित रहे।