” पोलीथिन मानव जीवन के लिए धीमा जहर “

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जी जी एस एस स्कूल व लायंस क्लब गुड़गाँव सिटी का प्रयास 

76 वर्षीय लायन डी. वी. तनेजा ने पोलीथिन के दुष्प्रभावों से अवगत कराया  

गुरुग्राम : जी. जी. एस. एस. स्कूल, जैकबपुरा एवं लायंस क्लब गुड़गाँव सिटी के संयुक्त तत्वावधान में शुरू किए गए अभियान “ Say No to Polythene – Save Mother Earth ” के अंतर्गत जी. जी. एस. एस. स्कूल, जैकब पूरा, गुरुग्राम में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लोगों को पोलीथिन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए खास मेहमान 76 वर्षीय लायन डी. वी. तनेजा मौजूद थे जो इस अभियान के प्रोजेक्ट चेयरमैन बनाए गए है. इन्होंने इस प्रोजेक्ट के प्रति स्वयं को पूरी तरह समर्पित कर दिया है. कार्यक्रम में जी. जी. एस. एस. स्कूल की प्रधानाचार्या रमा शर्मा व लायन्स क्लब के प्रेसीडेंट लायन अनिल वाधवा विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद थे.

विद्यालय के लेक्चरर हेमन्त मोंगिया ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा उपस्थित सभी सदस्यों को कार्यशाला के विषय व इसके लक्ष्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने पोलीथिन को मानव जीवन के लिए धीमी गति का जहर (silent killer ) बताया.

विघटित होने में हजार साल

इस अवसर पर उपस्थित सैकड़ों बच्चों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए श्रीमती भारती, लेक्चरर इतिहास ने पोलीथिन का मनुष्य के स्वास्थ्य व पर्यावरण पर पड़ने दुष्प्रभावों को रेखांकित किया. उन्होंने बताया की पोलीथिन के छोटे टुकड़े भी अगर मिट्टी में नीचे दबते हैं तो विघटित होने में हजार साल लग जाते हैं. इसमें प्रयुक्त रसायन रिसकर पानी के श्रोत तक पहुंच जाते हैं और अंत में पानी की आपूर्ति से हमारे शारीर में प्रवेश करते हैं. यह हमारे पर्यावरण व शरीर दोनों को नुकसान पहुंचाते हैं.

पेट्रोलियम पदार्थों का सर्वाधिक प्रयोग

कार्यशाला में अंग्रेजी की लेक्चरर श्रीमती अमृता ने पोलीथिन से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के प्रति आगाह करते हुए इस पर गंभीरता से विचार करने पर बल दिया. उन्होंने बताया कि पोलीथिन उत्पादन में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक प्रयोग होता है. इसमें खतरनाक रसायन और अधिकाधिक उर्जा के प्रयोग से पर्यावरण को बड़ा नुकसान होता है. उन्होंने जानकारी दी की इसमें न्युट्रो टोक्सिन एवं कैडियम जैसे पदार्थ के प्रयोग से इसका असर बेहद खतरनाक हो जाता है, इसमें किसी भी प्रकार का भोज्य पदार्थ रखने से वह प्रदूषित या जहरीला हो जाता है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि हम कुछ मिनट या कुछ घंटे के लिए पोलीथिन का उपयोग कर उसे कूड़ेदान या कहीं अन्यत्र फेंक देते हैं जो हमारी प्रकृति के लिए नुकसानदायक होता है. इसका शिकार केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु व पक्षी भी होते हैं और अंततः यह हमारे इकोसिस्टम को असंतुलित करता है.

रोजगार की संभावनाओं को कम किया : डी. वी. तनेजा

कार्यशाला के खास मेहमान व ‘स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’ परियोजना के अध्यक्ष लायन डी. वी. तनेजा ने सभा को सम्बोधित करते हुए सभी का ध्यान पोलीथिन उद्योग से अखबार व कागज से लिफाफे बनाने वाले घरेलु व कुटीर उद्योगों को पहुंचाए जाने वाले आर्थिक नुक्सान की और lions-public-4-aआकर्षित किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि पोलीथिन इंडस्ट्री ने एक तरफ छोटे उधोगों को खत्म कर उनके रोजगार की संभावनाओं को कम किया जबकि दूसरी तरफ पर्यावरण को भी भरपाई न होने वाला नुकसान पहुँचाया है.

उनका कहन था की यह जब मिटटी में जाता है तो पेड़ पौधे की जड़ों के दम घुटते हैं. पेड़ों की जड़ों को न तो पानी मिल पाता है और न ही हवा. यहाँ तक कि मिटटी की गुणवत्ता भी कम होती जाती है. श्री तनेजा जिन्होंने स्वयं को पोलीथिन विरोधी अभियान के प्रति समर्पित कर दिया है ने यहाँ तक कहा कि हमारे लिए केवल यह कहना पर्याप्त नहीं है की हम पशु प्रेमी हैं बल्कि उसे इन हानिकारक तत्वों के प्रभाव से बचाने  की कसमें खाना व उस पर अमल करना भी जरूरी है. उन्होंने आगाह किया की हम मनुष्यों की थोड़ी सी गैरजिम्मेदारी से पर्यावरण को भारी नुक्सान पहुँच रहा है. हम उसे कूड़े में फेंकते हैं और निर्दोष जानवर व पेड़ पौधे उसके शिकार बनते हैं. हमें इस प्रवृति में सुधार लाने के साथ साथ पोलीथिन को सदा का लिए नो कहने की कसमें खानी होंगी. 76 वर्षीय श्री तनेजा ने आह्वान किया कि मेरी तरह ही आप सभी भी पोलीथिन से होने वाले नुकसान के प्रति समाज के हर वर्ग व पीढ़ी को जागरूक बनाने का बीड़ा उठायें और समाज हित में काम करने के लिए आगे आयें.

जूट से बने बैग भी वितरित किए

इस अभियान “ Say No to Polythene – Save Mother Earth ” का मजबूत सन्देश हर घर में पहुंचे इसके लिए इस कार्यक्रम में जूट से बने बैग भी वितरित किए गए. कार्यशाला में लायन डी. वी. तनेजा के निर्देशन में यह संकल्प करवाया गया कि अब हममें से कोई भी किसी भी कीमत पर कभी भी प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग नहीं करेंगे.

बच्चे सबसे सटीक कड़ी : राजीव कुमार 

लायंस पब्लिक स्कूल के मेनेजर राजीव कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत अलग अलग स्थानों व संस्थानों में लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. उनके अनुसार इसमें खास कर बच्चे बहुत अधिक रूचि ले रहे हैं. समाज में ऐसे विषयों के प्रति रचनात्मक सन्देश पहुंचाने के लिए बच्चे सबसे सटीक कड़ी हैं जो हर घर में अपने बड़ों को भी इस अभियान को सफल बनाने को मजबूर कर सकते हैं.

राजीव कुमार का कहना था कि इस अभियान को आन्दोलन के रूप में तब्दील करने में लायन डी. वी. तनेजा का भरपूर सहयोग हमें मिल रहा है. इस उम्र में भी जनहित के विषयों के प्रति उनके समर्पण को देख कर हम सभी प्रोत्साहित होते हैं. उनका निर्देशन हमारे लिए उत्प्रेरक का कम करता है.

कार्यक्रम में लायन संदीप कुमार, लायन जया मोहन, लायन कर्नल सोबती, व रेनू वर्मा भी उपस्थित थे. कार्यशाला के अंत के समापन पर हेमंत मोंगिया ने सभी अतिथियों, शिक्षकों व बच्चों का धन्यवाद ज्ञापन किया.

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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