जेएमडी बिल्डर पर महिला अलाटी ने लगाया आरोप
कारपेट एरिया अधिक बेचा लेकिन दिया कम
गुड़गांव। जेएमडी बिल्डर ने गुड़गांव-सोहना रोड स्थित जेएमडी मैगापोलिस के नाम पर 900 अलाटियों को करीब 250 करोड़ रूपये का चूना लगाया है। यह राशि सुपर एरिया के नाम पर ठगी गई है। हरियाणा अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट के तहत डिक्लेरेशन पेपर्स में कार्पेट एरिया अधिक है, जबकि मौके पर 22 प्रतिशत कम दिया गया है। बिल्डर की ठगी के शिकार 900 अलाटियों में से एक अलाटी दर्शन गोयल भी हैं, जिन्होंने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों के अलावा स्टेट विजिलेंस, पुलिस, हुडा, जिला प्रशासन समेत मुख्यमंत्री तक को शिकायत की है, लेकिन डेढ़ साल से इनकी तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सोहना-गुड़गांव रोड पर जेएमडी मैगापोलिस बिल्डिंग का मामला
शिकायतकर्ता दर्शन गोयल के मुताबिक उन्होंने दिसंबर, 2014 में जेएमडी बिल्डर के गुड़गांव-सोहना रोड पर सुभाष चौक के समीप स्थित जेएमडी मैगापोलिस प्रोजेक्ट में 1472 स्क्वेयर फीट का एक आफिस स्पेस करीब 6000 रूपये प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से लिया था। 10 दिन बाद बिल्डर ने ऑफिस स्पेस का पजेशन उन्हें दे दिया था, लेकिन उन्होंने पाया कि न तो बिल्डर ने फर्श डाला है और न ही दीवारों पर पलस्तर है। यहां तक कि छत पर भी पलस्तर नहीं किया गया था। जब आफिस स्पेस की मेजरमेंट किया गया तो उसे देखकर तो होश ही उड़ गए। क्योंकि कार्पेट एरिया 405 स्क्वेयर फीट कम था।
24 लाख रूपये का चूना लगाया
इस तरह बिल्डर ने उन्हें 24 लाख रूपये का चूना लगा दिया। इसके अलावा एक कार पार्किंग की एवज में 2 लाख रूपये और ट्रांसफर फीस के नाम पर भी करीब 2.2 लाख रूपये ले लिए, जिसकी कोई रसीद नहीं दी गई। ईडीसी और आईडीसी भी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के नियमानुसार नहीं लिया गया। जब इस बारे में आस-पड़ोस में बने और आफिस के संचालकों से बात की गई तो वह भी अपने आपको बिल्डर से ठगा महसूस कर रहे थे।
अधिकारियों की मिलीभगत
श्रीमती गोयल ने बताया कि जेएमडी बिल्डर, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ कामन एरिया को भी कुछ यूनिट होल्डर को बेच दिया है। उन्होंने बताया कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ-साथ इस बिल्डर की मिलीभगत तहसील और जिला प्रशासन में भी है।
तहसीलदार आफिस में तो अवैध रूप से धड़ल्ले से नियमों के खिलाफ रजिस्ट्रिया की जा रही हैं। रजिस्ट्री के दौरान तहसीलदार को फार्म सी का रजिस्टर हरियाणा अपार्टमेंटमेंट ओनरशिप एक्ट के तहत मेंटेन करना अनिवार्य होता है, लेकिन यहां रेकार्ड को मेंटेन नहीं किया जा रहा है। तहसीलदार की शिकायत स्टेट विजिलेंस के डीजीपी से लेकर मुख्यमंत्री तक को कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है और अवैध रजिस्ट्री अभी भी बदस्तूर जारी है।
गुड़गांव पुलिस भी आशंका के घेरे में
उन्होंने बताया कि मिलीभगत के इस मामले में गुड़गांव पुलिस भी पीछे नहीं है। जब इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की गई तो उन्होंने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की। बल्कि थाना सदर के एक सब इंस्पेक्टर ने माननीय उच्चतम न्यायालय के जजों के खिलाफ ही अभद्र टिप्पणी की। जब मामले को स्थानीय अदालत में रखा गया तो उन्होंने इसका संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। बिल्डर के साथ-साथ एफआईआर थाना सदर के एसएचओ विजय कुमार और अभद्र टिप्पणी करने वाले सब इंस्पेक्टर विनय कुमार के खिलाफ भी दर्ज हुई। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि बिल्डर, एसएचओ और सब इंस्पेक्टर के खिलाफ हुई एफआईआर की जांच एक उनका जूनियर असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार कर रहा है।
दो साल से कार्रवाई नहीं
श्रीमती गोयल ने कहा कि पहले तो कहा जा रहा था कि कांग्रेस सरकार में ही अधिकारी और नेता भ्रष्ट हैं, लेकिन बीजेपी सरकार के कार्यकाल को देखने से लग रहा है कि इस सरकार में भी जनता का कम, बिल्डर और अधिकारियों का ज्यादा ध्यान रखा जा रहा है। पिछले दो साल से लगातार ठगी की शिकायत की जा रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग है कि जेएमडी बिल्डर के इस घोटाले की जांच एक इंडीपेंडेंट एजेंसी से करवाई जाए, जिससे कि उन्हें न्याय मिल सके। साथ ही बिल्डर का साथ देने वाले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, तहसीलदार, हुडा, स्टेट विजिलेंस और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।