इस वर्ष कर वसूली 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ रुपये थी
कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि ; रिटर्नों के दाखिले की संख्या 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हुई अगले दो वर्षों के भीतर छटाई के लिए चयनित रिटर्नों का सत्यापन और मूल्यांकन इलेक्ट्रोनिक विधि से किया जाएगा
नई दिल्ली : केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने आम लोगों और मध्यम वर्ग के लिए कर की दरों में और अधिक कमी की है तथा कर विभाग की प्रक्रिया को और अधिक आसान तथा सहज बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप, कर वसूली वर्ष 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर इस वर्ष लगभग 12 लाख करोड़ रुपये हो गई है। फाइल किए गए रिटर्नों की संख्या भी 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हो गई, जो कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।
श्री गोयल ने कहा, “हमारी सरकार में विश्वास व्यक्त करने के लिए देश के ईमानदार करदाताओं को मैं धन्यवाद देता हूं। मैं उन्हें आश्वासन देता हूं कि हमने उनके योगदान का इस्तेमाल गरीब लोगों की सेवा के लिए और बेहतर आधारभूत सुविधा के सृजन के लिए किया है।”
श्री गोयल ने कहा कि आयकर विभाग अब ऑनलाइन कार्य करता है। विवरणियों, निर्धारणों, धनवापसी तथा प्रश्नों पर ऑनलाइन कार्रवाई की जाती है। पिछले वर्ष, आयकर विवरणियों में से 99.54 प्रतिशत दाखिल करते ही स्वीकृत की गई थीं। सरकार ने आय कर विभाग को अधिक निर्धारिती हितैषी बनाने के लिए आमूल परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी आधारित परियोजना को मंजूरी दी है। सभी विवरणियों को 24 घंटे के भीतर प्रोसेस किया जाएगा और साथ-साथ धनवापसी जारी की जाएगी। अगले दो वर्षों के दौरान हम जांच-पड़ताल के लिए चुनी गई सभी विवरणियों का सत्यापन और मूल्यांकन अज्ञात बैक ऑफिस के माध्यम से इलेक्ट्रोनिक ढंग से कर सकेंगे, जिसका संचालन कर विशेषज्ञ और कर्मचारी करेंगे, जिसमें करदाता कर अधिकारियों के साथ किसी प्रकार का व्यक्तिगत संपर्क नहीं कर सकेंगे।
पीयूष गोयल ने कहा कि वर्ष 2014 में जबसे हमारी सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से ही हमारी प्राथमिकता मध्यमवर्ग पर कर के भार को कम करने की रही है। हमने कर छूट की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी और कर में छूट दी ताकि 3 लाख रुपये तक आय वाले लोगों को कोई कर न देना पड़े। हमने 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की कर स्लैब के लिए कर की दर में कमी कर 10 प्रतिशत से 5 प्रतिशत भी कर दिया और वेतनभोगी वर्ग के लिए 40,000 रुपये की मानक कटौती शुरू की। धारा 80ग के अंतर्गत बचत की कटौती को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया गया। जिस मकान में रह रहे हों, ऐसी गृह संपत्ति के लिए ब्याज की कटौती को 1.5 लाख रुपये बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया।
श्री गोयल ने कहा कि छोटे व्यापारियों और स्टार्ट अप के लिए विशेष लाभ और प्रोत्साहन भी दिए गए। अनुपालन की पूरी प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया। व्यापार के पूर्वानुमानित कराधान के लिए प्रारंभिक सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दी गई। आरंभिक सीमा 50 लाख रुपये करके पहली बार पूर्वानुमान कराधान का लाभ छोटे पेशेवरों को दिया गया। कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पूर्वानुमान लाभ दर 8 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दी गई है। 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों, जिनमें लगभग 99 प्रतिशत कंपनियां आती हैं, उनके लिए कर की दर कम करके उसे 25 प्रतिशत किया गया। यह दर नई विनिर्माण कंपनियों के लिए भी लागू थी, जिनके लिए कारोबार की सीमा नहीं रखी गई है।