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गुरुग्राम, 16 जुलाई। शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा-134ए के तहत गुरुग्राम जिला में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले तथा आर्थिक रूप से निर्धन परिवारों से संबंधित 221 विद्यार्थियों का जिला के विभिन्न स्कूलों में दाखिला करवाया गया है।
धारा-134ए के तहत निर्धन परिवारों के बच्चों का नजदीकी स्कूलों में दाखिला करवाने के लिए जिला प्रशासन की देखरेख में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा आवेदन मांगे गए थे। उसके बाद यह देखने के लिए कि बच्चे जिस कक्षा में दाखिला लेने के इच्छुक हैं, क्या उनका शैक्षणिक स्तर उसके अनुरूप है, उन बच्चों की प्रवेश परीक्षा ली गई। इस परीक्षा में जिला गुरुग्राम में 300 बच्चे उत्तीर्ण हुए। इसके पश्चात उपायुक्त विनय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा विभिन्न स्कूलों में दाखिला देने के लिए भेजा गया। स्कूलों का चयन इन बच्चों द्वारा अपने आवेदन में भरे गए स्कूलों में से किया गया था।
इन बच्चों को जब जिला प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ने स्कूलों में दाखिले के लिए भेजा, तो उस समय कुछ स्कूलों ने यह कहते हुए दाखिला देने से इंकार कर दिया कि उन बच्चों के बीपीएल अथवा ईडब्ल्यूएस संबंधी दस्तावेज गलत अथवा फर्जी हैं। उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के आदेश पर दस्तावेजों की वैरीफिकेशन करवाई गई जिसके लिए 30 जून तक का समय दिया गया था। इन आदेशों में उपायुक्त ने कहा था कि जिन बच्चों के दस्तावेज सही पाए जाएंगे उन्हें धारा-134ए के तहत दाखिला दिलवाया जाएगा और जिनके दस्तावेज गलत या फर्जी मिलेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उपायुक्त के आदेशों की पालना में वैरीफिकेशन का कार्य किया गया जिसमें 21 बच्चों के प्रमाण पत्र सही पाए गए और उनको विभिन्न विद्यालयों में दाखिला देने के लिए 11 जुलाई को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आदेश जारी भी कर दिए गए हैं। इनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल सैक्टर-45 में 2, ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल सैक्टर-9 में एक, यूरो इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सैक्टर-10 में 7, सीसीए स्कूल सैक्टर-4 में 4, मीनाक्षी पब्लिक स्कूल सैक्टर-10ए में 3, ब्लू बैल्स पब्लिक स्कूल सैक्टर-4 में 2, मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल गुरुग्राम में एक तथा झंकार सीनियर सैकेण्डरी स्कूल गुरुग्राम में एक बच्चे को दाखिला देने के लिए आदेश दिए जा चुके हैं। इनके अलावा, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के आदेश पर 19 बच्चों के अभिभावकों को बीपीएल अथवा ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है, साथ ही चेतावनी दी गई है कि ऐसा नहीं करने पर उनके प्रमाण पत्र रद्द कर दिए जाएंगे। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी श्रीमति प्रेमलता यादव ने बताया कि उपरोक्त के अलावा 24 बच्चों के अभिभावकों को के प्रमाण पत्रों की तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार से दोबारा जांच करवाई जा रही है। इनमें 15 बच्चे गुरुग्राम तहसील, 3 बच्चे वजीराबाद तथा 6 बच्चे कादीपुर उप तहसील क्षेत्र से हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 11 बच्चों के प्रमाण पत्रों पर जो पते लिखे हुए थे, वे वहां पर नहीं पाए गए।