चेन्नई : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने लोगों से स्वेच्छा से नेत्रदान करने की अपील की है तथा मीडिया एवं गैर सरकारी संगठनों से लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए कार्य करने की अपील की है। वह आज चेन्नई में 32वें इंट्राओकुलर इंप्लांट एवं रेफ्रैक्टिव सर्जरी सम्मेलन 2018 का उद्घाटन करने के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सी विजया भास्कर, तमिलनाडु के मात्स्यिकी मंत्री श्री डी जयकुमार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र एवं गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से व्यापक नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करने के सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसके लिए पंचायती राज संस्थानों एवं शहरी स्थानीय निकायों को भी शामिल करने की जरुरत है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि बचाव संबंधी एवं उपचार संबंधी नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करने के तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए बहुकोणीय कार्यनीति बनाए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने स्वेच्छा से नेत्रदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न प्रकार की नेत्र बीमारियों में विशिष्ट उपचार के लिए अच्छी एवं अत्याधुनिक नेत्र देखभाल सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, लेकिन रोगों के आकार को देखते हुए संबंधित सुविधाएं अभी भी पर्याप्त नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मास मीडिया नेत्रदान को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के आंखों के अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण उपचार के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियां उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों तक किफायती दर पर अवश्य पहुंचनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने दुख जताते हुए कहा कि बच्चों द्वारा वीडियो गेम्स, मोबाइल, कंप्यूटर, टेलीविजन का अत्याधिक उपयोग किए जाने से उनके नेत्र स्वास्थ्य पर बहुत प्रतिकूल असर पड़ा है। इस पर अविलंब ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय नेत्रहीनता नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीबी) को उद्धृत करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में उपलब्ध ओपथैलमिक सर्जनों की सेवाओं का पर्याप्त रूप से उपयोग नहीं किया जा रहा है। इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरुरत है।