पिछले 2 हजार वर्षों में से 1,600 वर्ष तक वैश्विक जीडीपी में भारत व चीन की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत
छात्रों के साथ संवाद के दौरान उन्होंने छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए
सिंगापुर : 21वीं सदी में एशिया के समक्ष चुनौतियों पर आधारित एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अक्सर कहा जाता है कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी। यह आवश्यक है कि हम स्वयं पर भरोसा रखें और हमें यह जानना चाहिए कि अब हमारी बारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अवसर के अनुरूप हमें अपने को तैयार करना चाहिए और हमें इसका नेतृत्व करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई बैठक का जिक्र किया। उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक दस्तावेज़ सौंपा, जो बताता है कि पिछले 2,000 वर्षों में से 1,600 वर्षों के दौरान वैश्विक जीडीपी में भारत और चीन की सम्मिलित हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक रही है और इसे बिना संघर्ष के हासिल किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें बिना संघर्ष के कनेक्टिविटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर प्रशासन के क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को विशेष भूमिका निभानी है। यह आम लोगों के जीवन को बेहतर बना सकता है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अवसंरचना विकास के सटीक मानचित्रण में हमारी मदद कर सकता है, जैसे कहां हमें स्कूलों, सड़कों, अस्पतालों आदि की अधिक आवश्यकता है?
परंपरा और वैश्वीकरण में संतुलन से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा कि नवोन्मेष, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के आधार पर सदियों से मानवता ने विकास किया है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी मानवीय रचनात्मकता को सहायता प्रदान कर रही है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों ने लाखों लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का मौका दिया है।
चौथे औद्योगिक क्रांति के युग में समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यवधान का अर्थ विनाश नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी लोगों को सशक्त बनाती है तथा प्रौद्योगिकी आधारित समाज, सामाजिक बाधाओं को समाप्त करता है। उन्होंने आगे कहा कि प्रौद्योगिकी को सस्ता और उपयोगकर्ता अनुकूल होना चाहिए। उन्होंने याद करते हुए कहा कि कभी लोग कम्प्यूटर के प्रति आशंकित रहते थे, परन्तु कंप्यूटरों ने हमारे जीवन को बदलने में सहायता प्रदान की है।