हरेंद्र ढींगरा द्वारा गुड़गांव के अप्पू घर के टैक्स चोरी मामले को उजागर करने की कोशिश को मिली बड़ी सफलता
सर्विस टैक्स चोरी मामले में अप्पूघर के खिलाफ हो सकती है कानूनी कार्रवाई
आर टी आई के जावाब में सर्विस टैक्स विभाग ने कहा : अभी तक अधिकार क्षेत्र निर्धारित नहीं
सेंट्रल इनफार्मेशन कमिश्नर का कड़ा रुख , 30 दिन के अन्दर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया
सीबीईसी चेयरमैन को 30 दिन के भीतर विभाग व अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र को परिभाषित करना होगा
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
गुरुग्राम : वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा द्वारा गुड़गांव के अप्पू घर के टैक्स चोरी के काले कारनामे को उजागर करने की कोशिश को बड़ी सफलता मिली है. बड़े पैमाने पर कई वर्षों से सर्विस टैक्स का भुगतान नहीं करने वाले अप्पू घर के खिलाफ टैक्स की बिन्दुवार जानकारी श्री ढींगरा ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी. लेकिन सर्विस टैक्स विभाग ने जानकारी देने की बजाय आर टी आई एक्टिविस्ट के साथ साथ सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर को भी यह कह कर भ्रमित करने की कोशिश की कि सर्विस टैक्स का मामला जीएसटीएन लागू होने के बाद अभी तक डिफाइंड नहीं किया गया है. इसके लिये केंद्र एवं राज्यों के विभाग व अधिकारी का क्षेत्राधिकार स्पष्ट नहीं किया गया है. सर्विस टैक्स विभाग के सूचना छिपाने की नीयत और अधिकारयों के ढुलमुल रवैये पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ने अप्पू घर मामले की जांच जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी से कराने का आदेश जारी किया. कमीशन स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच की रिपोर्ट अगले 30 दिनों के अंदर सीआईसी में प्रस्तुत करनी होगी. साथ ही सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ने सीबीईसी चेयरमैन को आदेश दिया है कि इस प्रकार के टैक्स वसूली के लिए अपने मातहत विभाग व अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र को 30 दिन के अन्दर परिभाषित करें.
उल्लेखनीय है कि गुड़गांव निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा ने सर्विस टैक्स विभाग से अप्पू घर गुरुग्राम से संबंधित सर्विस टैक्स की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी. उन्होंने सात बिन्दुओं की जानकारी बिन्दुवार देने का आवेदन लगाया था. उनकी ओर से अप्पूघर गुरुग्राम द्वारा पिछले 3 वर्षों में सर्विस टैक्स के रूप में सरकार के खजाने में कुल कितनी राशि वर्ष वार जमा कराई गयी है इसकी जानकारी मांगी गयी थी. साथ ही अप्पू घर पर अब तक कुल कितनी राशि सर्विस टैक्स के रूप में बकाया है और अप्पूघर के नाम जारी सर्विस टैक्स के रूप में बकाया राशि को वसूलने संबंधी नोटिस की प्रति भी मांगी थी. उन्होंने आरटीआई के तहत अप्पूघर और संबंधित विभाग के बीच हुए सभी आवश्यक पत्राचार की प्रति भी सूचना के अधिकार के तहत मुहैया करने की मांग की थी.
श्री ढींगरा की ओर से सुनवाई के दौरान सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर बताया गया कि उन्होंने जिन 7 बिंदुओं की जानकारी मांगी थी वह जानकारी देने की बजाय सीपीआईओ सर्विस टैक्स ने 7 मार्च 2017 को उनके आरटीआई एप्लीकेशन को सीपीआईओ सर्विस टैक्स कमिश्नरेट दिल्ली एक एवं तीन जों को रेफर कर दिया. उक्त सीपीआईओ ने 22 मार्च 2017 को अप्पू घर गुडगांव से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी यह कहते हुए देने से इंकार कर दिया की यह मामला उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता है. सीपीआईओ सर्विस टैक्स कमिश्नर दिल्ली एक एवं तीन जोन के इस जवाब से असंतुष्ट होकर श्री ढींगरा ने फर्स्ट अपीलेट अथॉरिटी के सामने जानकारी मुहैया करवाने की अपील दायर की.
उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ने सीबीईसी चेयरमैन को स्पष्ट निर्देश दिया कि अप्पू घर मामले की जांच, जॉइंट कमिश्नर स्तर के किसी अधिकारी से कराई जाए. उन्होंने कहा है कि इस जांच की रिपोर्ट अगले 30 दिनों के अंदर सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर के समक्ष प्रस्तुत किया जाए. इसके अलावा चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ने यह भी आदेश जारी किया है कि सीबीईसी चेयरमैन अगले 30 दिनों के अंदर जीएसटीएन से संबंधित सर्विस टैक्स या अन्य टैक्स वसूलने के क्षेत्राधिकार को स्पष्ट रूप में परिभाषित करें और इसकी जानकारी सीआईसी के समक्ष प्रस्तुत करे. सीआईसी ने कहा है कि इससे संबंधित विभाग के मातहत अधिकारी सही तरीके से प्रशासनिक और टैक्स संबंधी कार्यों का निष्पादन कर सकेंगे.
बताया जाता है कि 22 मई को सीआईसी के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान भी सर्विस टैक्स कमिश्नरेट की असिस्टेंट कमिश्नर रजनी शर्मा ने पुनः पुराना राग अलापा. उन्होंने सेंट्रल इनफार्मेशन कमिश्नर को यह कह कर भ्रमित करने की कोशिश की कि अब तक उनका अधिकार क्षेत्र परिभाषित नहीं किया गया है कि यह मामला कौन अधिकारी और कौन विभाग डील करेगा.
सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ने जब मामले के बारे में असिस्टेंट कमिश्नर से जब जवाब तलब किया तो असिस्टेंट कमिश्नर रजनी शर्मा का कहना था कि वह इस मामले में उत्तर देने के लिए अधिकृत और सक्षम अधिकारी नहीं है. उन्होंने सुझाव दिया कि यह बेहतर होगा कि इस मामले को सीबीईसी चेयरमैन के ध्यान में लाया जाए.
सुनवाई के दौरान आरटीआई एक्टिविस्ट श्री ढींगरा ने सी आई सी को बताया कि यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ है. अप्पू घर पर सर्विस टैक्स बड़े पैमाने पर लंबित है. इसमें व्यावसायी को अनैतिक फायदा पहुंचाने और टैक्स चोरी के मामले को छिपाने के लिए विभागीय अधिकारी सूचना देने की बजाय जानबूझ कर टालू रवैया अपना रहे हैं. उन्होंने सेंट्रल इनफार्मेशन कमिश्नर को यह भी जानकारी दी कि टैक्स चोरी का खुलासा होते ही हरियाणा राज्य के सर्विस टैक्स कमिश्नर दिल्ली-गुड़गांव ने अप्पू घर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इसे सील कर दिया है.
अंततः मामले को गंभीर मानते हुए सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ने आदेश जारी किया कि सीबी ई सी चेयरमैन जॉइंट कमिश्नर लेवल के अधिकारी को नियुक्त कर अप्पूघर मामले की जांच करवाएं और इसकी रिपोर्ट अगले 30 दिनों के अंदर प्रस्तुत करें. इसके अलावा उन्होंने चेयरमैन को सलाह दी है कि अगले 30 दिनों में जीएसटीएन पुनर्गठन के बाद की स्थिति में सर्विस टेक्स और अन्य संबंधित टैक्स वसूली के लिए विभागों एवं अधिकारियों के क्षेत्राधिकार को भी पूरी तरह स्पष्ट रूप से परिभाषित करें और इसकी जानकारी से सी आई सी को अवगत कराये.
इस निर्णय से अप्पू घर लगातार कानूनी शिकंजे में घिरता जा रहा है. संकेत है कि आने वाले समय में जल्द ही अप्पूघर के खिलाफ टैक्स चोरी की एक और बड़े मामले में सख्त कार्रवाई हो सकती है और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. श्री ढींगरा का आरोप है कि अप्पूघर ने बड़े पैमाने पर अपने दर्शकों से सर्विस टैक्स सहित अन्य टैक्स की वसूली की लेकिन उसे सरकारी खाते में जमा नहीं कराया. टैक्स चोरी का मामला बेहद संगीन है और सीधे-सीधे सरकारी खजाने पर चेपा लगाने की कुत्सित कोशिश है जिसे कुछ विभागीय अधिकारी और अप्पूघर प्रबंधन के लोग मिलकर दबाने की कोशिश कर रहे हैं.