धान में रोग : किसानों को भारी आर्थिक नुकसान

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फरीदाबाद :  इन दिनों ग्रामीण अंचल में धान की खेती करने वाले किसान धान की फसल को लेकर चिंतित है। क्योंकि उसकी धान की फसल एकाएक सफेद पड़ कर सूखने वाली  बीमारी से ग्रस्त्र होता जा रहा है। किसान के लाख प्रयास करने पर भी यह बिमारी उसकी समझ से बाहर होती दिखाई दे रही है। जिससे किसान परेशान हो उठा है। अब इस बिमारी से किसान को उत्पादन कम होने के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ेगा।
आसपास के गांवों में धान की खेती करने वाले किसानों में तिगांव के नंबरदार जगतसिंह , बौहरे राजेश अधाना, साहूपुरा खादर के किसान देवेन्द्र भाटी के अनुसार अगेती फसल पककर तैयार है। फसल की कटाई का काम जोरों पर  है, जबकि पिछेती फसल में बाली निकल रही है। बाली निकलने वाली फसल में एकाएक बिमारी आने से वह सूखकर खेत में ही गिरनी शुरू हो गई है। यह बीमारी एक पौधे से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे खेत में फैल रही है। जो तीन से चार दिन में पूरे खेत की फसल सफेद होकर सूख गिर रही है।

किसानों खादर में धान की बौहरे कर्मवीर अधाना अनुसार एकाएक आई व जल्द ही फैलने के कारण किसान को बीमारी पर रोकथाम करने का भी समय नहीं मिल रहा है। बीमारी को लेकर किसान काफी ङ्क्षचतित है। फसल का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है। जिसके चलते किसान आर्थिक मार झेल रहा है। किसान फिरे पाल अधाना का कहना है यह बीमारी धान में पहली बार आई है। जिसके चलते किसान इसका ठीक से उपचार नहीं कर पा रहा है। धान की फसल को थोड़ा पीलापन होने पर काटा जाता है,लेकिन एकाएक सफेद और सूखने से धान की बाल मर जाती है। फसल में लगी बीमारी से उत्पादन में कमी आ रही है।

सतपाल अधाना का कहना है कि इस बीमारी से उत्पादन कम होने व मंडी में कम कीमत मिलने से किसान को आर्थिक नुकसान हो रहा है।  सच तो यह है फसल  में लगने वाला खर्च भी नहीं निकल पा रहा है, जबकि किसान ने फसल का बीमा भी करा रखा है। लेकिन किसान की फसल देखने अभी तक कोई नहीं पहुंचा है। जिससे इस फसल को नुकसान की अधिक संभावना बढ़ जाती है। एक जानकारी के अनुसार खादर के गांवों के अलावा अल्लीपुर के किसान मूलचदं, सुरेश रामवीर के अलावा खादर के गांवों में किसानों की फसल इस बीमारी की चपेट में है।

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