कैंसर दिवस के दिन गांव साकरस में रविवार को कैंसर से एक और मौत, कई गंभीर बीमार

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: विश्व कैंसर दिवस पर सूना रहा मेवात, नहीं हुआ कोई जागरूक प्रोग्राम

: रविवार की छुट्टी होने पर अधिकारियों ने नहीं मनाया कैंसर दिवस

यूनुस अलवी

 
मेवात :   मेवात में कैंसर की वजह से हर साल सैंकडों मौते हो रही हैं। ये मौते लोगों में जागरूक्ता की कमी से होती है। रविवार को विश्व कैंसर दिवस था। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जागरूक करने के लिए कोई सेमीनार या कोई जागरूकता कैंप का आयोजन नहीं किया। जिससे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ नजर आती है। लोगों ने का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग को लोगों को जागरूक करने से ज्यादा अपनी छुट्टी प्यारी है। रविवार के दिन तो मेवात के अस्पताल सूने हो जाते हैं।
 
   आप को बता दें कि रविवार को विश्व कैंसर दिवस था। आऐ साल मेवात में कैंसर से हो रही मौतों को देखते हुऐ विश्व कैंसर दिवस पर लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए कोई ना कोई आयोजन करना चाहिए था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने आयोजन करने की बजाऐ अपनी छुट्टी को ज्यादा ही अहमियत दी है। मेवात का कोई ऐसा गांव नहीं हैं जहां कैंसर की वजह से हर साल दस-पांच मौते ना हो जाती हों। पिछले तीन साल में अकेले गांव साकरस में 30 मौते होने से साफ जाहिर है कि कैंसर ने मेवात में अपने पैर पसार लिए हैं।
  गांव साकरस निवासी एंव ब्लोक समिति सदस्य शमीम अहमद का कहना है कि कैंसर के प्रति स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से लापरवाह है। उनके गांव में रविवार को ही हनीफ पुत्र दीन मोहम्मद की कैंसर की वजह से मौत हो गई जबकि रजाक और रोजदार की हालत बेहद खराब है। रोजदार का तो बोल ही बंद है। शमीम का कहना है कि गांव में कैंसर की वजह से हो रही मौतों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कई बार स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया लेकिन विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
   आप को बता दें कि मेवात में बुगुर्ज वर्ग जहां बीडी और हुक्का का आदि है वहीं युवा वर्ग सिगरेट, शराब और नशे के जाल में फंसता जा रहा है। आज से 15 पहले मेवात में कोई शराब का ठेका लेने को तैयार नहीं होता था लेकिन आज गुडगांव से भी ज्यादा बोली पर मेवात में शराब के ठेके छूटते हैं।
 
क्या कहते हैं सीएमओ
 
मेवात के सिविल सर्जन डाक्टर राजेंद्र प्रशाद का कहना है कि सोमवार को मेवात में कैंसर जागरूक्ता कैंप लगाया जाऐगा। कैंप में कैंसर पीडित लोगों के अनुभव भी सांझा किए जाऐगें। उन्होने बताया कि गांव साकरस में टीम भेजकर कैंसर से हो रही मौतों के बारे में जांच की जाऐगी।
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