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हरियाणा में अब महाग्राम योजना को अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू
चंडीगढ़, 17 जनवरी : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व विकास एवं पंचायत मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की ग्रामीण विकास के लिए पढ़ी लिखी पंचायत देने के बाद अब गांव के विकास का मॉडल गांव की भागीदारी के साथ तैयार करने की पहल की है और इस कड़ी में दस हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में महाग्राम योजना को अमलीजामा पहनाने की शुरूआत की गई है।
श्री धनखड़ ने इस कड़ी में विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ ऐसे गांवों के सरपंचों, ब्लॉक समिति व जिला परिषदों के सदस्यों के साथ संयुक्त बैठक की। बैठक में श्री ध्रनखड़ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दस हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में गांव की व्यावहारिकता के साथ तरल कचरा प्रबंधन (लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट) का मॉडल तैयार करें। उन्होंने कहा कि हम ग्राम के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाना चाहते हैं, इसलिए गांव के लोगों के साथ बैठकर व्यावहारिकता के साथ योजना बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के लिए अलग-अलग पांच योजनाओं को क्रियांवित किया जा रहा है। बड़े गांव जिनकी आबादी दस हजार से अधिक है के विकास के लिए महाग्राम विकास योजना चलाई गई है। जिसके तहत ऐसे गांव में सीवर लाइन भी बिछाई जानी है जिसके फलस्वरूप प्रदेश के 126 गांवों में विकास का नया अध्याय लिखा जाएगा। पहले चरण में 20 गांवों का विकास मॉडल तैयार कर इसकी राशि की पहली किस्त जारी की जा चुकी है।
बैठक में गांव के सरपंचों ने अपने-अपने गांव के हिसाब से लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यावहारिकताके बारे में लिखित में प्रस्ताव दिया कि उनके गांव में इस योजना की किस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए। कुछ सरपंचों ने गांव के जोहड़ों के पानी को उपचारित कर सिंचाई व अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग करने के लिए थ्री पौंड या फाइव पौंड सिस्टम का सुझाव दिया।
बैठक में विधायक बखशीश सिंह विर्क, टेकचंद शर्मा, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।