हिसार अंतर्राष्ट्रीय विमानन हब के विवाद पर राव नरबीर ने दी सफाई

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चंडीगढ़, 17 जनवरी : हरियाणा लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) मंत्री राव नरबीर सिंह ने हिसार में अंतर्राष्ट्रीय विमानन हब के विकास के संबंध में साइट क्लीयरेंस के मुद्दे पर प्रिंट मीडिया में प्रकाशित कुछ समाचारों को पूर्णत: निराधार और तथ्यों से परे बताया है। मंत्री ने कहा कि जो लोग केवल अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए इस तरह के निराधार मुद्दों को उठा रहे हैं, उन्हें राज्य और उसके लोगों के विकास की कोई चिंता नहीं है। तुच्छ राजनीति करने की बजाय, ऐसे राजनीतिक नेताओं को अपने निहित राजनीतिक हितों  से ऊपर उठना चाहिए और विकास की गति सुनिश्चित करने के लिए सरकार की सहायता करनी चाहिए।
 
          परियोजना का विवरण देते हुए राव नरबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने 29 दिसंबर, 2014 को घोषणा की थी कि हिसार हवाई अड्डे का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में उन्नयन किया जाएगा। राज्य सरकार ने उभरते उड्डयन क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए हिसार, जो नई दिल्ली से 165 किलोमीटर दूर है, में मौजूदा हवाई पट्टी के साथ लगती 4,200 एकड़ भूमि को इस कार्य के लिए अलग से रखा है।  राज्य सरकार द्वारा 196 एकड़ भूमि पर संचालित ऑप्रेशनल फ्लाईंग क्लब के साथ यह एक एकीकृत विमानन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एक आदर्श स्थल है। हिसार में एक विशाल छावनी, जो कि रणनीतिक रूप से पंजाब और राजस्थान की सीमाओं के निकट है, होने के कारण रक्षा और एयरोस्पेस उद्योग के लिए भी आदर्श स्थल है।
 
          मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय विमानन मंत्रालय से अनुरोध किया था कि एक एकीकृत विमानन केंद्र के रूप में हिसार के विकास के लिए मंजूरी दी जाए।  हिसार में ग्रीनफील्ड इंटीग्रेटेड एविएशन हब के लिए साइट क्लीयरेंस का मामला केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संचालन समिति की अगली बैठक में उठाया गया था। इसी बीच, यह देखा गया था कि हिसार में पहले से ही एक कार्यात्मक हवाई अड्डा था जहां पहले भी निर्धारित उड़ानों का संचालन हो रहा था। नागरिक उड्डयन विभाग के एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि हिसार में मौजूदा हवाई पट्टी या हवाई अड्डे के उन्नयन या विस्तार के लिए राज्य सरकार के प्रस्तावको को ब्राउन फील्ड एयरपोर्ट प्रोजेक्ट माना जाता है और इस प्रकार संचालन समिति से साइट क्लीयरेंस की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, एक बार विकसित होने के बाद, अंतरराष्ट्रीय ऑप्रेशनस शुरू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मंत्रालय को एक अलग प्रस्ताव प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी ताकि उन्नत हिसार हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिया जा सके।  यह भी कहा गया है कि यदि हिसार में विद्यमान हवाईपट्टïी/ हवाईअड्डे को विकसित करने का निर्णय अंतिम रूप से प्राप्त होता है, तो उस परिस्थिति में हिसार में एक नये ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के प्रस्ताव को वापस ले लिया गया माना जाएगा।
 
          यहां यह उल्लेखनीय होगा कि ब्राउन फील्ड हवाई अड्डे के विकास के लिए बहुत कम मंजूरी की आवश्यकता होगी। उपरोक्त स्पष्टीकरण और तथ्यों के मद्देनजर राज्य सरकार मौजूदा हिसार एयर फील्ड पर अंतर्राष्ट्रीय विमानन हब का विकास कर रही है और इसे ब्राउन फील्ड परियोजना के रूप में कहा जाएगा। ग्रीन फील्ड परियोजना के रूप में साइट क्लीयरेंस  के आग्रह को वापिस लेने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डïयन मंत्रालय को एक पत्र लिखा गया था। 
 
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिसार में अंतर्राष्ट्रीय विमानन हब का विकास करने की योजना के साथ आगे बढ़ रही है। इस संबंध में, 11 दिसम्बर, 2017 को, उपरोक्त परियोजना के लिए बुनियादी सुविधाओं और अन्य सुविधाओं की स्थापना में तकनीकी सहायता के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस संबंध में नागरिक उड्डïयन हरियाणा के सलाहकार और एएआई के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हिसार हवाई अड्डे पर एक बैठक भी हुई थी। आशा है कि हिसार हवाई अड्डा जुलाई 2018 तक भारत सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी सेवा योजना के तहत आप्रेशनस के लिए तैयार हो जाएगा। 
 
राव नरबीर ने कहा कि दिल्ली और हिसार के बीच रेल संपर्क को बढ़ाने का एक प्रस्ताव भी सक्रिय रूप से विचाराधीन है। केंद्रीय रेल मंत्री की हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ हुई एक बैठक में नई दिल्ली और हिसार के बीच सीधे रेल संपर्क पर कार्य में तेजी लाने और सुपर फास्ट ट्रेनों को समायोजित करके कनेक्टिविटी को मजबूत करने का निर्णय लिया गया था। इससे हिसार और नई दिल्ली के बीच की दूरी और यात्रा का समय कम हो जाएगा।
मंत्री ने कहा कि इसी तरह, दिल्ली से हिसार तक नियंत्रित एक्सेस एक्सप्रेसवे विकसित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इस उद्देश्य के लिए, केन्द्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें यह फैसला किया गया था कि नई दिल्ली और हिसार के बीच मौजूदा चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग को छ: लेन में नियंत्रित एक्सेस एक्सप्रेसवे में परिवर्तित किया जाएगा, जिससे दोनों के बीच त्वरित कनेक्टिविटी होगी। इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और हिसार में अंतर्राष्ट्रीय उड्डïयन हब की व्यवहार्यता में वृद्धि होगी। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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