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चंडीगढ़, 16 जनवरी – हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य वित्तीय सेवाएं लिमिटेड के नाम से एक नई गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) स्थापित करने का निर्णय लिया है जो प्रदेश में राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्वायत्त निकायों के अधिशेष धन के कुशल प्रबंधन के लिए एक इन-हाउस ट्रेजरी मैनेजर के रूप में कार्य करेगी।
हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक में लिया गया।
उन्होंने कहा कि एनबीएफसी राज्य सरकार की संस्थाओं को ओवरनाइट फंड पर बेहतर जमा दरें प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह राज्य सरकार की संस्थाओं को वर्षभर बेहतर जमा दरें प्रदान करेगी। यह बैंकिंग उद्योग की तुलना में राज्य सरकार की संस्थाओं को बेहतर ऋ ण दरें भी प्रदान करेगी।
एनबीएफसी जल्दी और परेशानी मुक्त ऋ ण सुविधा प्रदान करेगी और राज्य सरकार के संस्थानों के बीच वित्तीय अनुशासन सृजित करेगी। यह सामान्य प्रशासन विभाग के संपूर्ण नियंत्रण और पर्यवेक्षण के तहत धन के विवेकपूर्ण प्रबंधन के लिए एक केंद्रीकृत तंत्र प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि कंपनी को कंपनी अधिनियम के तहत एक लिमिटेड कंपनी के रूप में स्थापित किया जाएगा और भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के साथ एनबीएफसी के रूप में पंजीकृत होगी। कंपनी की प्राधिकृत पूंजी 10 करोड़ रुपये होगी और पहली अवधि में पेड अप कैपिटल दो करोड़ रुपये होगी। कंपनी की संपूर्ण इक्विटी राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित होगी जबकि सामान्य प्रशासन विभाग कंपनी का प्रशासनिक विभाग होगा।
कंपनी द्वारा राज्य सरकार, एक निगमित निकाय, सरकारी कंपनी, राज्य या नगर निगम, स्थानीय निकाय, सरकार के पूर्ण स्वामित्व या अर्ध स्वामित्व वाली कम्पनी को जमानत के बिना या जमानत के साथ अग्रिम,जमा, ऋण या वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह एक वित्तीय कंपनी के कारोबार को जारी रखेगी और राज्य सरकार की संस्थाओं को लघु या दीर्घकालिक ऋण प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह केंद्र या राज्य सरकार, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, कंपनियों, ट्रस्टों, सहकारी समितियों,अन्य वित्तीय एजेंसियों या व्यक्तियों से बिना ब्याज या ब्याज के साथ अनुदान, ऋण, अग्रिम या अन्य धनराशि या डिपोजि़ट या अन्य लेन-देन करेगी।
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव कंपनी के अध्यक्ष होंगे जबकि सहकारिता, बिजली, उद्योग, कृषि, नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी स्थानीय निकाय विभागों के प्रशासनिक सचिव अन्य पदेन निदेशक होंगे। इसका एक स्वतंत्र निदेशक भी होगा जो धन प्रबंधन पर अनुभव रखने वाला एक प्रख्यात वित्तीय पेशेवर होगा और वित्त विभाग का सचिव इसका प्रबंध निदेशक होगा।