बेटे के शादी की बिदाई में लिया एक रूपया तो वलीमा में खर्च किया लाखों रूपये

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सहाब खां पटवारी ने दहेज के खिलाफ कायम की एक मिशाल

 यूनुस अलवी

 
मेवात :   इसलाम धर्म में दहेज लेना गुणा है लेकिन बेटे की शादी के बाद वलीमा करना सुन्नत है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव एंव समाजसेवी सहाबखां पटवारी ने दहेज में एक रूपये लेकर एक मिसाल कायम की है। वहीं सहाब खां ने अपने बीकॉम बेटे शौकीन की फरीदाबाद के धौज से एमए पास लडकी से 27 दिसंबर को शादी है। शुक्रवार को बेटे के वलीमा में करोड से भी अधिक खर्च कर एक मिसाल कायम की है। इसलाम धर्म में शादी में दहेज लेना देना मना है लेकिन बेटे की शादी के बाद वलीमा में दिलखोकर खर्च करने की इजाजत है। यानि शादी के बाद वलीमा में खर्च करना कोई गुनाह नहीं है।
 
 क्या कहते हैं सहाबखां
 
कांग्रेस पर्टी के प्रदेश सचिव सहाब खां पटवारी का कहना है कि वह दहेज लेने देने के खिलाफ शुरू से ही हिमायती रहा है। उसने अपने बेटे की पढी लिखी लडकी से शादी की है। सहाब खां का दावा है कि उसने शादी कि बिदाई में केवल एक रूपया लिया है। उनका कहना है कि उसके काफी मना करने के बावजूद लडकी के पिता ने अपनी बेटी को दान के तौर पर सामान दिया है।
 
 क्या कहते है उलेमा
 
जमियत उलमा हिंद की नोर्थ जोन के अध्यक्ष याहया करीमी का कहना है कि शादी में दहेज लेना देना मना है लेकिन कोई आदमी अपनी बेटी को दान के तौर पर कुछ देना चाहे तो वह चुपके से दे सकता है। वहीं उन्होने शादी के बाद बेटे का वलीमा करने को जायज बताया है। उनका कहना है कि वलीमा में गरीब अमीर सहित कितने भी लोगों को खाना खिला सकता है।
 
वलीमा में सबको खाने की इजाजत
 
सहाबखां पटवारी के बेटे की शादी के बाद शुक्रवार को किऐ गऐ वलीमा में गरीब अमीर की को दूरी नहीं देखी गई बल्कि शादी में सभी जाति-धर्म और गरीब-अमीर समाज के लोग देखे गऐ हैं।
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