शहीदों के बच्चों के शिक्षा भत्तों में कटौती नहीं बल्कि और अधिक अवसर दिए जाने चाहिए : सूर्यदेव

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आम आदमी पार्टी अधिकतम सीमा तय करने के फैसले का विरोध करती है 

आप नेता ने भाजपा पर शहीदों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया 

गुरुग्राम : रक्षा मंत्री ने एक फैसला किया है जिसमें शहीदों के आश्रितों व युद्ध में दिव्यांग हुए जवानों के बच्चों को जिन्हें पहले से बगैर अधिकतम सीमा के मिल रहे इस भत्ते को केन्द्र सरकार ने सीमित कर दिया है। अब इस शिक्षा भत्ते को अधिकतम 10 हजार रूपये सीमित करने का प्रावधान तय किया गया है जो कि बेहद निंदनीय फैसला है। इससे पहले मिलने वाले इस भत्ते में कोई अधिकतम सीमा नहीं होती थी। आम आदमी पार्टी, केन्द्र सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करती है।

यह विचार आम आदमी पार्टी के जिला गुरुग्राम के अध्यक्ष सूर्यदेव नखरौला ने आज यहाँ जारी विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसले देश के जवानों की शहादत का अपमान है। जिन जवानों ने अपने प्राणों तक को देश की सुरक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया है आज उन्हीं जवानों के बच्चों को केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह से शिक्षा के लिए तरसना पडेगा। आप नेता ने मांग की है कि देश के ऐसे शहीदों व दिव्यांग हुए जवानों के बच्चों की न केवल शिक्षा का भार खुद केंद्र सरकार को उठाना चाहिए बल्कि इन बच्चों को ज्यादा से ज्यादा अवसर भी दिये जाने चाहिए ताकि देश के जवान अपने परिवार बच्चों की चिन्ता किये बगैर देश की रक्षा सेवा में लगे रहें. उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों को अपेक्षित सुविधाएं देने से  भविष्य में भी हमारे बच्चे सेना में भर्ती होने के लिये सदैव तत्पर रहेंगे ।

सूर्यदेव ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार सेना के अलाउंसेज भत्तों को एक के बाद एक के बाद एक कर, पेंशन, रिस्क अलाउंसेज को सातवें वेतन आयोग की आड़ में कम कर रही है। उन्होंने कटाक्ष किया कि इसके बावजूद शहीदों के नाम पर भाजपा वोट बनाने में जरा भी संकोच नहीं करती है।

आप जिला अध्यक्ष ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार से यह मांग करती है कि भत्तों में कटोती करने की बजाय बढ़ोतरी की जाये व जल्द से जल्द काले कानून का यह फैसला वापस लिया जाये।

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