मोबीसी, भारत का पहला डॉकलेस साइकिल शेयरिंग स्टार्टअप शुरू
भारत का पहला डॉकलेस साइकिल शेयरिंग एप
दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, चंडीगढ़ और फरीदाबाद में साइकिल शेयरिंग होगी उपलब्ध
आपरेशन में तेजी लाने के लिए मिली आधा मिलियन डॉलर की सीड फंडिंग
ग्रीन टेक स्टार्टअप का लक्ष्य भारत को हरा और सेहतमंद साइकिलिंग करने वाला राष्ट्र बनाना : आकाश गुप्ता
मोबीक्विक के पूर्व-मार्केटिंग हेड हैं स्टार्टअप के सह-संस्थापक
नई दिल्ली, 5 दिसंबर, 2017: सड़कों पर बढ़ते प्रदूषण के खतरों और व्यस्त ट्रैफिक की समस्या को हल करने की प्रेरणा मिलने पर सह-संस्थापक आकाश गुप्ता और राशि अग्रवाल ने मोबीसी लॉन्च किया है। यह भारत का पहला डॉकलेस साइकिल शेयरिंग एप है। मोबीसी गुड़गांव-स्थित ग्रीन टेक कंपनी है, जिसने यूजर्स के लिए भारत में एक अद्वितीय और अपनी तरह का पहला ‘उबर साइकिल’ मॉडल पेश किया है। इस विचार की नवीनता और भारतीय बाजार में इसे अपनाने की व्यापक संभावना को देखते हुए ही मोबीसी अमेरिका के बाहर रहने वाले एक एंजेल इन्वेस्टर से करीब पांच लाख डॉलर का सीड इन्वेस्टमेंट हासिल कर सका है। सर्विस लॉन्च से कुछ समय पहले ही भारत का पहला डॉकलेस साइकिल शेयरिंग एप, मोबीसी, अब एंड्रॉइड प्लेस्टोर पर शुरुआती प्रीव्यू के लिए उपलब्ध है। यह एप कुछ ही दिनों में एपस्टोर पर भी उपलब्ध होगा।
भारत को हरा-भरा और सेहतमंद साइकिलिंग राष्ट्र बनाने का विजन और मिशन ही स्टार्टअप की प्रेरणा है। मोबीसी के स्मार्ट बाइक कलेक्शन आईओटी लॉक और जीपीएस ट्रैकिंग से लैस है। इसी वजह से पार्किंग के लिए डॉक या स्टेशनों के बिना भी इसे संचालित किया जा सकता है। यूजर्स को बस मोबीसी एप डाउनलोड कर सकते हैं, आस-पास बाइक्स तलाश सकते हैं, बाइक्स को क्यूआर कोड से अनलॉक कर सकते हैं और प्रक्रिया पूरी होने पर आसपास सुरक्षित रूप से बाइक को पार्क कर सकते हैं। उन्हें बस निजी कम्पाउंड या दरवाजे वाले कम्युनिटी से उसे बाहर रखना होगा। भारत में लास्ट माइल कनेक्टिविटी की दिक्कतों को देखते हुए, स्टार्टअप का उद्देश्य 3 से 6 किलोमीटर की लास्ट माइल दूरी को तय करने में यूजर्स की मदद करने का है।
लॉन्च पर मोबीसी के सह-संस्थापक आकाश गुप्ता ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि प्रदूषण खतरनाक है। उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में कोहरा और धुंध छाई हुई है। प्रदूषण के अलावा ट्रैफिक जाम भी शहरी परिवहन की बड़ी दिक्कत है। मोबीसी के जरिये हमने साइकिलिंग को वापस लाकर इन बढ़ती परेशानियों का एक समाधान निकाला है। स्टार्टअप के पीछे का आइडिया यह है कि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद से बाइक्स को आसानी से और किफायती तौर पर उपलब्ध कराना है। साथ ही रोज यात्रा करने वालों में साइकिलिंग को प्रेरित कर कार्बन फुटप्रिंट घटाना है। उम्मीद है कि जो यूजर्स छोटी दूरी के लिए साइकिलिंग को अपनाना चाहते हैं, उनका बहुत अच्छा रेस्पांस हमें मिलेगा। इससे उन्हें स्वस्थ, सेहतमंद जीवनशैली मिलेगी तथा प्रदूषण से लड़ने में मदद भी मिलेगी।”
मोबीसी अपने ऑपरेशंस 5,000 साइकिल्स के साथ शुरू कर रहा है। अगले छह महीनों में बाइक्स की संख्या 50,000 तक ले जाने का लक्ष्य है। यह साइकिलें दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में उपलब्ध होंगी, इनमें दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, चंडीगढ़ और फरीदाबाद शामिल हैं। बाइक्स कई सार्वजनिक जगहों, जैसे- मेट्रो स्टेशन, मार्केट्स, नॉर्थ कैम्पस जैसे भीड़-भरे क्षेत्र, साइबर सिटी आदि में उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, एमिटी नोएडा, एमडीआई गुड़गांव और दिल्ली यूनिवर्सिटी आदि, जैसे कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के स्टूडेंट्स भी मोबीसी से स्मार्ट बाइक्स हायर कर सकेंगे। उनके लिए सब्सिडाइज्ड सबस्क्रिप्शन प्लान उपलब्ध रहेंगे।
मायबोसी के मौजूदा मॉडल में लगभग 1 रुपये प्रति घंटे या उससे कम दर पर डॉक-लेस साइकिल उपलब्ध है। मासिक योजना के तहत, यूजर्स प्रति दिन 2 घंटे की सवारी के लिए 99 रुपए का भुगतान करेंगे। इसके अतिरिक्त, यूजर्स को अपने आधार आईडी का उपयोग करके साइन-अप करना होगा। 999 रुपये के नाममात्र सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना होगा, जो पूरी तरह से वापसी योग्य है। छात्रों के लिए, सिक्योरिटी डिपॉजिट केवल 499 रुपए है। साइन-अप में स्टूडेंट्स के कॉलेज फोटो आईडी का इस्तेमाल करेगा। हालांकि यह सिर्फ शुरुआत है। आगे स्टार्टअप तेजी से वृद्धि के लिए प्रयासरत रहेगा। मौजूदा साइकिलों की संख्या 50,000 तक बढ़ाते हुए, मोबीसी 6 महीनों में 12 और प्रमुख शहरों में व अगले वर्ष तक 20 से अधिक शहरों में विस्तार करना चाहता है।
मोबीसी के बारे में
मोबीसी की स्थापना 2017 में गुड़गांव में हुई। यह भारत का पहला डॉकलेस बाइक शेयरिंग एप है। एक ग्रीन टेक कंपनी के तौर पर, मोबीसी भारत में अनूठा ‘उबर साइकिल्स’ विचार लेकर आया है। भारत को हरा-भरा और सेहतमंद साइकिल चलाने वाले राष्ट्र बनाने के विजन के साथ मोबीसी ने कम दूरी की लास्ट माइल कनेक्टिविटी की समस्या को हल करने के लिए रोजमर्रा परिवहन करने वालों के लिए स्मार्ट बाइक्स का विकल्प दिया है। इसका उद्देश्य कार्बन फुटप्रिंट घटाना और हमारी सुस्त जीवनशैली को गति देते हुए फिटनेस लेवल सुधारना है। मोबीसी एक स्टार्टअप है जिसे भारत सरकार के डीआईपीपी-स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत मान्यता मिली हुई है।
कंपनी ने एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है, जैसे कि आईओटी-आधारित जीपीआरएस लॉक टेक्नोलॉजी, कैशलेस वॉलेट पेमेंट्स, जियो-फेंसिंग, मशीन लर्निंग आदि। इससे यूजर्स को बेहतरीन, स्वस्थ और पर्यावरण-अनुकूल कम्युटिंग अल्टरनेटिव मिल गया है। मोबीसी एप यूजर्स किसी भी सार्वजनिक स्थान पर आसानी से साइकिल तलाश सकते हैं। मोबीसी एप पर डिजिटल क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद साइकिल को अनलॉक कर सकते हैं। यह पूरा होने पर बाइक को कहीं भी सार्वजनिक स्थान पर पार्क किया जा सकता है। इसमें निजी कम्पाउंड और गेट वाली रिहायशी कॉलोनियों का अपवाद रहेगा।