भावनगर : मिडिया में खबर है कि कांग्रेस और गुजरात के पाटीदार नेताओं के बीच सोमवार को बैठक हुई जीके बाद हार्दिक पटेल ने यह दावा किया की कांग्रेस ने उनकी पांच में से चार मांगें मान ली हैं। आरक्षण को कांग्रेस पार्टी ने सवैधानिक तकनीक का मामला कह कर उस पर भी विचार करने का वायदा किया है। यह बैठक गुजरात विधानसभा चुनाव हैं के मद्देनजर अहम् मन जा रहा है. अगर कांग्रेस और पटेल नेता हार्दिक के स्वर एक हो गए तो भाजपा के लिया परेशानी कड़ी हो सकती है.
आज हार्दिक पटेल ने यह दावा किया कि कांग्रेस ने 5 में से 4 मुद्दे स्वीकार कर लिया हैं. उल्लेखनीय है कि हार्दिक पटेल ने शनिवार को कांग्रेस को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि 3 नवंबर तक कांग्रेस बताए कि संवैधानिक आरक्षण कैसे देगी ?
आज की बैठक के बाद हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस ने यह साफ़ कर दिया है कि पिछले वर्षों में आरक्षण आन्दोलन के दौरान हुयी हिंसा के लिए हार्दिक सहित पाटीदारों के खिलाफ दर्ज किये गए राजद्रोह के मामले वापस लिया जायेंगे। उनकी दूसरी मांग थी कि हर परिवार को 35 लाख रुपए दे। इसे भी कांग्रेस ने मान लिया. साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देने की सहमती बनी है.
पाटीदारों की तीसरी मांग थी आन्दोलन के दौरान जिन पुलिस वालों ने गोलियां चलाई उसकी जाँच के लिए समिति बने जाए. इसे भी कांग्रेस ने मान लिया. हार्दिक ने इस बात पर बल दिया कि पाटीदार नेताओं को कांग्रेस के वायदे पर विश्वास है और वे कांग्रेस पर विशावस कर सकते हैं.
सबसे प्रमुख व चौथी मांग पाटीदारों को आरक्षण देने की है. हार्दिक के अनुसार इस पर कांग्रेस ने कहा कि यह संविधान का तकनीकि मामला है. कांग्रेस नेताओं ने आगाह किया कि यह संविधान में निर्धारित सीमा में आना चाहिए. कांग्रेस ने वायदा किया है कि वह सत् में आने पर इसके लिए पर सर्वे कराएगी।
पांचवीं मांग थी पाटीदारों के लिए आयोग बनाने की जिसे कांग्रेस ने कहा कि इसके लिए कानून बनायेंगे . इसे संवैधानिक आधार पर लागू किया जाएगा।
दूसरी तरफ गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा सवाल खड़ा किया है कि हार्दिक को बताना चाहिए कि कांग्रेस पाटीदार समाज को ओबीसी का दर्जा दिलाने को तैयार है या नहीं । उनका कहना है कि अगर कांग्रेस आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात करती है तो भाजपा पहले ही यह कर चुकी है