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: मृतक के परिवार में भारी नाराजगी
: आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पीडित परिवार एसपी से मिले
: पुलिस ने 18 सितंबर को 9 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था
यूनुस अलवी
मेवात: जिले के गांव खूसपुरी निवासी जावेद की हत्या का राज का खुलासा मेवात पुलिस दो महिने बाद भी नहीं कर सकी है। पुलिस एक पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर और हत्या का राज जानने के लिए पुलिस ने जावेद का करीब एक महिने पहले कब्र से खोदकर निकाला था और उसके विसरा की जांच के लिए भेजा दिया था पर पुलिस की लापरवाही से रिपोर्ट एक महिने से अधिक बीत जाने के बाद भी नहीं मिल सकी है। आरोपियों कि गिरफ्तारी कि मांग के लिए मृतक परिवार के लोग सोमवार को पुलिस कप्तान नाजनीन भसीन से मिले जहां एसपी ने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं पीडित परिवार के लोगों ने चेतावनी देते हुऐ कहा कि अगर जल्द ही जावेद के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे शुक्रवार को एसपी ऑफिस नूंह में विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होगें।
नगीना खंड के गांव खुसपुरी निवासी जावेद जब करीब 8 साल का था तभी से वह अपनी फूफी के पास नूंह खंड के गांव फिरोजपुर नमक में रहता था और जावेद का पिता मकसूद भी फिरोजपुर नमक में अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए कुछ जमीन को अपने जीजा के साथ मिलकर बट पर बोता था।
मृतक जावेद के पिता मकसूद ने बताया कि जावेद पुलिस की तैयारी कर रहा था और उसका 15 अगस्त को साक्षातकार था। वह 14 अगस्त को वह खेतों से काम कर दोपहर को घर आया। काफी देर तक जब जोवद नजर नजर नहीं आया तो उसने अपने बहनोई से पूछा की जावेद कहा कहां तो उन्होने जवाब दिया की वह सो रहा है। मैं दूसरे कमरे मेंं गया तो देखा की जावेद नीचे मरा पडा है और परिवार के लोग उसके आस-पास बेठे हैं। वह समझ गया कि उसको मार दिया है उसने शोर मचाया तो सभी ने मिलकर उसे मारा, मंूंह में कपडा ठूंस दिया तथा बेहौशी का इंजेक्शन लगा दिया।
मृतक के चाचा ताहिर ने बताया कि 14 अगस्त की शाम करीब साडे चार बजे उसका जीजा अबदुल हलीम एक कार में मरे हुऐ जावेद का पटककर गांव खूसपुरी ले आया और तब मकसूद बेहोश था। जब उन्होने कारण पूछा तो कहा कि जावेद की अटेक से मौत हो गई है। इसलिए उसे दफनाने से पहले जब नहलाने लगे तो जावेद की गर्दन और शरीर पर चोट के निशान मिलने से उनको शक हुआ की जावेद को मारा गया है। अबदुल हलीम ने लोगों को बताया कि जब जावेद गिरा था तब के निशान है। परिवार के अनपढ होने की वजह से वे कोई शक नहीं कर सके और जावेद का दफना दिया गया। देर रात जब मकसूद को होश आया तो उसने बताया कि हो सकता है उसके बेटे जावेद को उन्होने मारा है क्योकि जब उसने शोर मचाया था तो उसे भी बहुत बुरी तरह मारा था। इसके बाद गांव खुसपुरी के लोग एक पंचायत लेकर गांव फिरोजपुर नमक पहुंचे जहां हत्यारों ने पंचायत के लोगों से भी सीधे मूंह बात नहीं की।
खूसपुरी के पूर्व सरपंच ताहिर ने बताया कि जब फैंसले के सारे रास्ते बंद हो गए तो उन्होने 28 अगस्त को ही नूंह थाना और एसपी को शिकायत दी जिसपर पुलिस ने अपनी रेखदेख में 19 सितंबर को जावेद को कब्र से खोदकर निकलवाया था। उसके बाद पुलिस ने एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
नूंह थाना प्रभारी विपिन ने बताया कि मुबीन पुत्र रमजान निवासी खूसपुरी की शिकायत पर 18 सितंबर को फिरोजपुर नमक निवासी अबदुल हलीम, सलीम, इरशाद, वसीम, आकिल, तसलीम, गुलशन, सुबेदार, मंजूर आदि के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर 19 सितंबर को प्रशासन के आदेश पर जावेद की डेड बोडी को कब्र से खोदकर निकाला था और शव का पोस्टर्माटम कराकर जांच के लिए मधुबन भेज दिया था लेकिन अभी तक मेडिकल की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।