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दिल्ली की संस्था ‘सहेली’ की ओर से मेवात में शुरू होगा अभियान
यूनुस अलवी
मेवात : राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के उत्थान और दहेज के खिलाफ काम कर रही सहेली संस्था जल्द ही मेवात जैसे पिछडे इलाके में ‘‘दहेज़ नहीं, शिक्षा है बेटी का अधिकार’’ जागरूकता अभियान यात्रा शुरू करने जा रही है। यह जानकारी संस्था की अध्यक्षा शबाना खान ने दी। महिलाओं के उत्थान और दहेज के खिलाफ बेहतरीन कार्य करने पर सहेली संस्था की अध्यक्षा शबाना खान को राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरूष्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
सहेली संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा शबाना खान ने बताया कि मेवात इलाका मुस्लिम बहुल्य है। इसलाम धर्म में दहेज लेना देना मना किया गया है। उसके बावजूद भी मेवात में दहेज का चाल-चलन बहुत ही ज्यादा है। हर साल सैंकडों बेटियों को दहेज की खातिर हत्या कर दी जाती है या फिर उनको छोड दिया जाता है। ये सब देखकर उनकी संस्था जल्द ही दहेज़ के विरोध में मेवात की धरती पर दहेज़ नहीं शिक्षा है, बेटी का अधिकार नाम से एक जागरूकता अभियान यात्रा करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि दहेज़ ही नहीं बल्कि शादियों में अनाप-शनाप खर्चे सिर्फ मुसलमानो में ही नहीं बल्कि सभी बिरादरियों में एक बड़ी सामाजिक बुराई बनकर उभर रही हैं। शबाना खान ने कहा कि आज दहेज़ के कारण देश मेें लाखों बेटियों का निकाह व शादी नहीं हो पा रही है। दहेज़ के लोभी लोग इन शादियों के ना होने में बड़ी रूकावट बने हुऐ हैं।
उन्होने कहा कि सिर्फ सहेली संस्था के प्रयास से ही नहीं बल्कि सभी को मिलकर, खासतौर से युवाओं के आगे आने से दहेज़ व अन्य सामाजिक कुरोतियों को खत्म किया जा सकता है।
उनकी संस्था ने इसी वजह से पूरे भारत का भम्रण कर दहेज़ के विरुद्ध आवाज उठाने का फैसला किया है जिसका आगाज वो सबसे पहले मेवात से करना कहती हैं। उन्होने कहा कि वे भले ही दिल्ली में रहती हैं लेकिन उनके वशंज भी मेवात की सरजमीं से ही वास्ता रखते हैं। इसलिए उन्हें मेवात की मिटटी से अपनेपन की खुसबू आती है।