नई दिल्ली : केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार शाम जी एस टी के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की. इस बदलाव के बाद कई सामान सस्ते होंगे. इनमें नमकीन, गुजराती व्यंजन खाखरा, स्टेशनरी सामान, आयुर्वेदिक दवाई अब अपेक्षाकृत सस्ते होंगे. जिन सामानों पर जी एस टी दरें घटाई गई हैं, उनमें ज्यादातर सामान बच्चों के इस्तेमाल की हैं. वित्त मंत्री ने आज की बैठक में छोटे और मझौले कारोबारियों को राहत देने वाले कई फैसले की जानकारी दी. उन्होंने छोटे और मझोले कारोबारियों को टैक्स फाइल करने में भी राहत दी है. उन्होंने बताया कि 1.5 करोड़ तक के कारोबारी अब 3 महीने में रिटर्न फाइल कर सकेंगे जबकि पहले हर महीने करनी थी. 31 मार्च 2018 तक रिवर्स चार्ज प्रणाली को टाल दिया गया है. इसके अलावा ऐसी सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां जिनका टर्न ओवर 20 लाख से कम है उन्हें छूट दे दी गई है
आज की घोषणा से 7 सामान हुए सस्ते
पैक्ड फूड सस्ता हुआ, जीएस टी 18 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत किया
डीजल ईंजन और पंप के पार्ट्स भी सस्ते होंगे, इस पर
जरी के काम पर GST 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया.
स्टेशनरी का सामान सस्ता होगा. 28 फीसदी से 18 प्रतिशत GST किया गया.
बिना ब्रांड वाली नमकीनों पर GST 12 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया. वित्त मंत्री ने खासकर खाखरा का नाम लेकर कहा कि यह स्स्ता होगा.
बिना ब्रांड की आयुर्वेदिक दवाइयां सस्ती होंगी, 12 फीसदी से 5 फीसदी GST किया गया.
बच्चों के खाने के सामान पर पर GST 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.
कारोबारियों को राहत देने वाली बातें :
- जेटली ने कहा कि ज्वैलरी कारोबार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के दायरे से बाहर कर दिया गया है. जीएसटी में बदलाव के बाद अब 2 लाख रुपये तक की ज्वैलरी की खरीदारी पर पैन देना जरूरी नहीं होगा. पहले 50 हजार रुपये से ज्यादा की खरीदारी पर PAN देना अनिवार्य था.
- अब हर 3 महीने में रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था पर सहमति बन गई है. 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर पर हर 3 महीने में रिटर्न भरनी होगी. कंपोजिशन स्कीम की सीमा 75 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है.
- निर्यातकों को 6 महीने के लिए राहत, 6 महीने बाद हर एक निर्यातक को ई-वॉलेट मिलेगा. ई-वॉलेट सिस्टम 1 अप्रैल 2018 से पूरी तरह लागू हो जाएगा. इस व्यवस्था को एक कंपनी विकसित करेगी.
- जेटली ने कहा कि एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर और एसी चार्ज वाले रेस्टोरेंट जो 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आते हैं. वित्तमंत्री ने कहा कि रेस्त्रां के टैक्स सिस्टम में बदलाव किया गया है. अब मालिकों को 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
- निर्यातकों को 10 अक्टूबर से टैक्स रिफंड किया जाएगा. वित्तमंत्री ने कहा कि निर्यात पर 0.1 प्रतिशत का जीएसटी लागू है.
– जेटली ने कहा कि आम, खाखरा और आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी की दर 12 से 5 फीसदी की गई है. स्टेशनरी के कई सामान पर जीएसटी 28 से 18 प्रतिशत कर दी गई है. हाथ से बने धागों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत कर दी गई है.
- प्लेन चपाती पर जीएसटी 12 से 5 प्रतिशत कर दी गई है. आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट पर जीएसटी 18 से 5 प्रतिशत की गई है.
- अनब्रैंडेड नमकीन पर 5 प्रतिशत जीएसटी की दर लागू होगी. यही दर अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर भी लागू होगी.
- डीजल इंजन के पार्ट्स पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगी. साथ ही दरी (कारपेट) पर जीएसटी की दर को 12 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है.
- सबसे बड़ी राहत ये है कि अब एक ही फॉर्म से जीएसटी फाइल की जा सकेगी. साथ ही रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को मार्च 2018 तक स्थगित कर दिया गया है.
10 अक्टूबर से जुलाई महीने का और 18 अक्टूबर से अगस्त महीने का एक्सपोर्टर को रिफंड चेक दे दिए जाएंगे. यह तात्कालिक व्यवस्था है.
स्थाई व्यवस्था के रूप में हर एक्सपोर्टर का एक ही ई वॉलेट बनेगा. ई वॉलेट की व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से शुरू होगी. इसी में रिफंड का पैसा आएगा. इन निर्यातकों की बड़ी रकम फंसी हुई है.
सरकार ने कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाया. नए नियम के मुताबिक सालाना एक करोड़ का टर्नओवर करने वाले कारोबारियों को हर महीने के बजाय तीन महीने पर भी रिटर्न फाइल कर सकेंगे.
कंपोजिशन स्कीम के तहत एक करोड़ टर्न ओवर वाले कारोबारियों को ट्रेडर्स का एक फीसदी और निर्यातकों को 2 फीसदी टैक्स देना होगा. इसके अलावा रेस्टोरेंट मालिकों को 5 फीसदी टैक्स देना होगा. पहले यह सीमा 75 लाख रुपए थी.
1.5 करोड़ तक के कारोबार में अब 3 महीने में फाइल करना होना रिटर्न, पहले हर महीने करनी होता था. 31 मार्च 2018 तक रिवर्स चार्ज प्रणाली को टाल दिया गया है.
ऐसी सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां जिनका टर्न ओवर 20 लाख से कम है उन्हें छूट दे दी गई है.
वित्त मंत्री ने क्या कहा ?
अप्रैल, 2018 तक ई-वे बिल लागू करेंगे।
-रेस्ट्रॉन्ट बिजनेस वालों को 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
-व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न के लिए एक ही फॉर्म भरना होगा।
-मैन्युफैक्चरिंग करने वाले 2 फीसदी टैक्स देंगे।
-ट्रेडिंग करने वाले लोग अब 1 फीसदी टैक्स देंगे।
-कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाया गया है।
जीएसटी के 2 महीने के कलेक्शन अच्छे रहे।
-निर्यातकों को 1 अप्रैल, 2018 से ई-वॉलेट।
– निर्यातकों को अब तुरंत रिफंड मिलेगा।
-जेटली ने कहा कि बैठक में जीएसटी के असर और अनुभव पर चर्चा हुई और छोटे कारोबारियों को रिटर्न भरने में छूट दी गई।
-जीएसटी काउंसिल की मीटिंग खत्म होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कान्फ्रेंस की।