सन्तों के दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ रही है भाजपा: शाह
चंडीगढ़, 3 अगस्त : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भाजपा सन्त-महात्माओं के दिखाए मार्ग पर देश के अंदर व्यवस्था दुरुस्त करने और संस्कार पूर्ण माहौल तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, ताकि सामाजिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके। उन्होंने कहा कि समाज मे धार्मिक, सामाजिक संगठन इसे बदलाव की मुहिम में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
हरियाणा प्रवास के तीसरे दिन रोहतक में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हरियाणा मन्त्रिमण्डल की मौजूदगी में प्रदेश के धार्मिक गुरू, सन्त और सामाजिक कार्यकर्ताओं से रूबरू हो रहे थे।
सीधा संवाद स्थापित करते हुए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि आदिकाल से वर्तमान तक सन्तों ने समाज और व्यवस्था को राह दिखाई है। सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने और सामाजिक विकृतियों को दुरुस्त करने में उन्होंने अहम योगदान दिया है। हरि के इस प्रदेश में सन्तों की भूमिका सदैव मार्गदर्शक के तौर पर रही है। देश के इतिहास में भाजपा इकलौता ऐसा राजनीतिक संगठन है, जो सन्तों की विचारधारा को आत्मसात करते हुए न केवल राजनीतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा है, अपितु सामाजिक विकास के लिए भी काम कर रहा है। पूर्व सरकारों का मकसद ऐसी परम्परा को निभाने में रहा, जो निजी हितों की पूर्ति और परिवारवाद को बढ़ावा देती रही। लेकिन भाजपा जमीन पर आम आदमी के जीवन मे सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सन्तों के दिखाए आदर्श पर आगे बढ़ रही है। सन्त समाज को मजबूत करने के लिए आम आदमी के जीवन को सरल बनाने की विचारधारा का प्रवाह करते है, इसी विचारधारा को अपनाते हुए भाजपा अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति को समाज मे सशक्त करने पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार युवा वर्ग को रोजगार देने के लिए भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी किया है, ताकि युवा अपनी क्षमता के आधार पर आगे बढ़ सकें। लाइसेंस भ्रष्टाचार, स्थानांतरण भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद जैसे कारकों के चलते बिगड़ चुकी व्यवस्था को सुधारा जा रहा है। यह आमजन के मन मे सुशासन की कल्पना को साकार करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसा राजनीतिक दल है, जो व्यवस्था और राजनीति दोनों को पारदर्शी तथा ईमानदारी से चलाने में विश्वास रखता है।
उन्होंने धार्मिक गुरुओं से आह्वान भी किया कि वह सामाजिक व्यवस्था में देश हित मे लाए जा रहे बदलाव की प्रक्रिया के ध्वजवाहक बनें, ताकि हम ऐसे समाज की रचना कर सकें, जो देश को विश्व गुरु बनाने में अहम योगदान दें। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य देश के युवा को संस्कार पूर्ण वातावरण देने का लक्ष्य रहेगा, ताकि वह समाज और देश दोनों की तरक्की में अपना अहम योगदान दें।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर डॉ स्वामी परमानन्द, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद, स्वामी कालिदास, स्वामी कर्णपुरी, स्वामी दिनेशानंद, साध्वी अमृता दीदी, सन्त निर्मलदास, बाबा कश्मीरा सिंह, महंत विजयगिरी, नारायण स्वरूप ब्रह्मगिरि, महंत किशनदास, स्वामी शास्वतनन्द, देवी मैत्रेयी आनन्द, स्वामी प्रेमदास, महंत थानेश्वर, सन्त सोमप्रकाश, स्वामी कृष्णानंद, महंत चरणदास आदि मौजूद रहे।