21वीं सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सेक्टर : राजनाथ सिंह

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मार्च 2018 तक देशभर की 585 मंडियों को ई-नाम पोर्टल से जोड़ दिया जाएगा

द्वीतीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन-2017 का उदघाटन

सुभाष चौधरी / धर्मेन्द्र यादव 
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सूरजकुण्ड : भारत के गृह मंत्री  राजनाथ सिंह ने कहा कि 21वीं सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सैक्टर है जिसमें अपार संभावनाएं है। कृषि को सम्मानजनक और लाभकारी पेशा बनाया जा सकता है, हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2019 तक 76 लाख हैक्टेयर असिंचित भूमि को सिंचित बनाया जाएगा। इसी प्रकार, मार्च 2018 तक देशभर की 585 मंडियों को ई-नाम पोर्टल से जोड दिया जाएगा ताकि किसान अपने उत्पादों को बेचने के लिए आनलाईन सुविधा से जुड सकें। 

गृह मंत्री आज यहां द्धितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन-2017 में उदघाटन करने के उपरांत प्रदेशभर से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने इस स21वीं सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सेक्टर : राजनाथ सिंह 3म्मेलन में आए हुए सभी किसानों को अपने परिवार का सदस्य बताते हुए व स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने पारपरिंक खेती को आधुनिक खेती में बदलने के लिए इस प्रकार के आयोजन करके एक प्रकार से प्रभावी कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कुछ लोगों का यह मिथक था कि खेती या कृषि में अब संभावनाएं समाप्त हो चुकी हैं और लेकिन भारत मेें तकनीक के सहयोग से खेती में अपार संभावनाएं हैं तथा 21वीं सदी में कृषि एक सन-राइजिंग सैक्टर के रूप में उभर रहा हैं । उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कृषि एक सम्मानजनक और लाभकारी पेशा बने, इसके लिए हरियाणा सरकार ने यह सम्मेलन आयोजित करके एक प्रभावी कदम उठाया है। 

देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर

उन्होंने कहा कि देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरियाणा और पंजाब राज्यों का अहम योगदान रहा हैं। उन्होंने एग्री लीडर का अर्थ बताते हुए कहा कि एग्री लीडर वह किसान है जो जागरूक है और बाजार का मिजाज जानता है तथा उसके अनुरूप ही अपने उत्पाद का प्रसंस्करण् एवं पैकेजिंग करता है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दशकों से ही कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकें आई है और इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित करके नई-नई तकनीको को किसानों तक पहुंचाया जा सकता है। गृह मंत्री ने हरियाणा में की जा रही खेती के संबंध में कहा कि हरियाणा प्रदेश में 90 लाख एकड क्षेत्र में खेती जा रही है जिसमें हरियाणा देश के अंदर बासमती के उत्पादन में नंबर एक हैं, धान और गेंहू में हरियाण रिकार्ड उत्पादन करता है तथा गन्ना में भी हरियाणा सर्वाधिक उत्पादन करता है। 

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राज्य के 340 गांवों को बागवानी गांवों के रूप में चिन्हित

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री  ओमप्रकाश धनखड की अगुवाई में राज्य के 340 गांवों को बागवानी गांवों के रूप में चिन्हित किया गया है, जो एक सराहनीय कदम हैं। इसी प्रकार, किसानों की आय को दोगुणा करने के लिए तथा नई नई तकनीका को इजात करने के लिए प्रदेश में एक बागवानी विश्वविद्यालय खोला जा रहा है ताकि किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सकेें। उन्होंने कहा कि  भारत के प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुणा करने का एक संकल्प लिया है और हम इस आशा को विश्वास में बदलेेगें। 21वीं सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सेक्टर : राजनाथ सिंह 5

 

किसानों की लागत मूल्य को कम करने के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि किसान को उत्पादन करने में आने वाली लागत का मोल भी नहीं मिल पाता, इसके निदान के लिए सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं ताकि किसान को लागत मूल्य कम हो। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों के समय में किसानों को यूरिया खाद व उवर्रक लेने के लिए लाईनों में खडा रहना पडता था और कुछ राज्यों में शासन व प्रशासन द्वारा किसानों पर लाठियां तक बरसाई जाती थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों की कठिनाई को समझते हुए खाद और उर्वरकों की आपूर्ति को बढाया और उन्हें यह विश्वास है कि उनकी सरकार के कार्यकाल में किसी भी किसान पर लाठी नहीं पडी और किसानों को खाद व उर्वरक समय उपलब्ध करवाया जा रहा है। 

 

बडे उद्योगपति यूरिया का दुरूपयोग करते थे

 

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के समय में खाद  व उवर्रक की कीमतों में भी कमी आई हैं। उन्होंने कहा कि कुछ बडे उद्योगपति यूरिया का दुरूपयोग करते थे और इसके निदान के लिए सरकार ने नीम-कोटेड यूरिया का प्रावधान किया ताकि यह किसानों को मिलें, जिससे भूमि खराब नहीं होती और भूमि की क्षमता भी बढ जाती है तथा पहले के मुकाबले नीम-कोटेेड यूरिया को खेतों में कम मात्रा में डालना भी पडता है।

सिंचाई के लिए नाबार्ड के तहत 20 हजार करोड

देश में किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करने के संबंध में गृह मंत्री ने कहा कि सिंचाई के लिए नाबार्ड के तहत 20 हजार करोड रूपए का एक फंड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि असिंंिचत भूमि को सिंचित बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की देश की नदियों को जोडने वाली योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के इस संकट को दूर करने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें आरंभ कर दी गई है। 

 

रबी व खरीफ की फसल पर डेढ से दो प्रतिशत तक प्रीमियम

 

किसानों के लागत मूल्य प्रबंधन के संबंध में उन्होंने कहा कि किसानों की आय को लाभकारी व नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किया ताकि किसान अपनी फसल का बीमा करवाएं और प्राकृतिक आपदा से होने वाली नुकसान का एक विकल्प मिल सकें। उन्होंने कहा कि इस योजना में किसान को रबी व खरीफ की फसल पर डेढ से दो प्रतिशत तक प्रीमियम, फल-फूल व सब्जी पर 5 प्रतिशत तक प्रीमियम देना पडता हैं। उन्होंने कहा इस योजना को लागू करने का मुख्य उदेश्य किसान का एक सुरक्षा कवच प्रदान करना है ताकि उसे वेबक्त मौसम की मार से बचाया जा सके। 

 

मूल्य निर्धारित करने के लिए ई-नाम पोर्टल शुरू

 

किसानों के मूल्य निर्धारित करने की शक्तियों के बारे में उन्होंने कहा कि किसान को अपने उत्पादन का मूल्य निर्धारित करने के संबंध में सरकार ने ई-नाम पोर्टल को शुरू किया है ताकि वे अपने उत्पाद को देश में कहीं भी एक बटन दबाकर बेच सकंे ओर देश की अन्य मंडियों के मूल्य की जानकारी हासिल कर सकें। इसी प्रकार, से बिचौलियों को निकालने और किसानों को सीधा लाभ मिलें, की व्यवस्था करने के लिए कैशलैस टांसजेक्शन पर बल दिया गया है। 

 

डेयरी, मत्स्य पालन, पोल्टी के साथ-साथ इससे जुडे सैक्टरों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि डेयरी, मत्स्य पालन, पोल्टी व अन्य सैक्टरों के लिए 8000 करोड रूपए का प्रावधान किया गया है जिसमें 2000 करोड रूपए का प्रावधान वर्ष 2017-18 के लिए डेयरी के लिए सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने  कहा कि वैसे तो दुध उत्पादन में भारत नंबर एक पर हैं परंतु भारतीय नस्ल के पशु किस प्रकार दुधारू पशु बने, उन्हें कैसे 21वीं सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सेक्टर : राजनाथ सिंह 6विकसित किया जा सके  इस ओर आगे बढने की जरूरत है। 

 

33 बिलियन डालर की इस क्षेत्र में संभावनाए

 

उन्होंने कहा कि दिल्ली में फल-फूल व सब्जियों की जरूरत को पूरा करने के लिए हरियाणा एक अहम योगदान दे रहा हैं और दिल्ली की सप्लाई  चेन का काम करता है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण में अपार सभंावनाए हैं एसोचैम द्वारा करवाए गए एक सर्वें के अनुसार 33 बिलियन डालर की इस क्षेत्र में संभावनाए हैं। उन्होंने कहा इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की नई-नई चीजों का लाया जा सकता है चाहे उस उत्पाद का वितरण, विपणन या बांडिंग हीं क्यांे न हो, प्रगतिशील किसान इस क्षेत्र में प्रभावी कदम उठा सकते है।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और नोटबंदी के दौरान किसानों को आ रही दिक्कतों को देखते हुए प्रधानमंत्री  ने कृषि ऋण पर 60 दिन का ब्याज माफ करने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थ व्यवस्था के सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का भी विकास व सुधार हो, के लिए ग्रामीण विकास में एक लाख 87 हजार करोड रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार, पंचायतों को भी सशक्त बनाया जा रहा है और विकास का पैसा सीधा उनके खातों में हस्तारिंत किया जा रहा है। 

इससे पूर्व, हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड ने कहा कि हरियाणा के साथ लगते दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में चार करोड लोगों व उपभोक्ताओं का एक बडा बाजार हैं जिसके लिए हरियाणा के किसानों को पैरी-अर्बन खेती में आगे आना होगा और फल-फूल व सब्जियों के साथ-साथ दूध व मत्स्य के उद्योग को बढावा देते हुए दिल्ली के लिए सप्लाई चेन का काम करना होगा। उन्होंने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि आज हरियाणा में 21 लाख दुधारू पशु हैं और यदि हम इस पशुधन को दोगुणा कर दे ंतो हम देश में दूघ उत्पादन में नंबर एक पर आ जाएंगें। उन्होंने किसानों के हाथ खडे करवा कर कहा कि क्यों भाईयों यदि हम एक-एक भैंस ओर बांध लें तो हरियाणा में 42 लाख दुधारू पशुधन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर 18 किलोग्राम दूध देने वाली मुर्रा नस्ल की भैंस हैं और राठी नस्ल की देसी गाय भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भैंसों और गायों के लिए पुरस्कार राशि भी रखी है और आज हरियाणा दुनिया का पहला ऐसा राज्य हैं जहां देसी गाय का दूध अलग से पैक करके दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देसी गाय का दूघ व घी व्यक्तियों के लिए सबसे अच्छा होता है क्योंकि यह व्यक्ति की तापमान पर भी पिघल जाता है और इससे ह दय रोग भी नहीं होता है। 

लगभग 2200 करोड रूपए का मुआबजा

 

उन्होंने कहा कि सम्मेलन में रिस्क मैनेजमेंट के बारे में जानकारी देने का भी प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 12 हजार रूपए प्रति एकड के अनुसार किसानोें को मुआवजा राशि प्रदान की है और लगभग 2200 करोड रूपए का मुआबजा वर्तमान हरियाणा सरकार ने किसानों को दिया है। इस सम्मेलन में 18 सैमीनार होंगें जिनमें मंत्रालय, विश्वविद्यालय, अर्थ शास्त्री, मंडियों से जूडे लोग, विशेषज्ञ और शिक्षक भी होगें। उन्होंने कहा कि किसानों को जानकारी हासिल करने व सीखने का यह एक अनुपम अवसर व मंच मुहैया करवाया गया है। 

इस मौके पर कृषि से जुडी एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। इससे पहले, हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  ओमप्रकाश धनखड ने मुख्य अतिथि गृह मंत्री  राजनाथ सिंह, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री  कृष्णपाल गुर्जर व केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री  एस एस आहलुवारिया का पगडी व शाल पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसी प्रकार, हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  ओमप्रकाश धनखड, उद्योग मंत्री  विपुल गोयल, सहकारिता मंत्री  मनीष ग्रोवर, मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड की चेयरपर्सन  कृष्णा गहलावत, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष  सुभाष बराला, विधायक  मूलचंद शर्मा व टेकचंद शर्मा, फरीदाबाद की मेयर  सुमन वाला, केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय के सचिव  देवेन्द्र चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव  शोभना के पटनायक को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर   किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष समय सिंह भाटी, पशुपालन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव  रजनी शेखरी सिबल, कृषि विभाग के प्रधान सचिव डा अभिलक्ष लिखी भी उपस्थित थे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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