कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम में मेट्रो के विस्तारीकरण के प्रस्तावित रूट का अधिकारियों संग किया दौरा, डीपीआर पर की चर्चा

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मेट्रो निर्माण कार्य में नागरिकों को नही होनी चाहिए किसी प्रकार की असुविधा, लोगों के सुगम आवागमन को ध्यान में रख बनाया जाए ट्रैफिक डाइवर्जन प्लान : राव नरबीर सिंह

  • कैबिनेट मंत्री ने प्रस्तावित रूट पर अलाइनमेंट फ्रिज करने के लिए निर्धारित की एक महीने की समय सीमा
  • राव नरबीर सिंह ने कहा कि मेट्रो निर्माण प्रक्रिया में ड्रेनेज सिस्टम को प्रभावित किये बिना फ्लाईओवर व अंडरपास जैसी अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए समानांतर निर्माण कार्य करे जीएमडीए

गुरुग्राम, 19 जनवरी। गुरुग्राम में मिलेनियम सिटी सेंटर से रेलवे स्टेशन, सैक्टर-22 व साइबर सिटी के बीच मैट्रो विस्तारीकरण की प्रक्रिया में आमजन को किसी प्रकार की असुविधा ना हो व इस पूरी परियोजना में मौजूदा सर्विसेज कम से कम प्रभावित हो। इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने विस्तारीकरण के प्रस्तावित रूट का गुरूग्राम मैट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) जीएमडीए के अधिकारियों संग दौरा कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बता दें कि मेट्रो परियोजना की डीपीआर बनाने की प्रक्रिया जारी है। जिसमें कैबिनेट मंत्री के दिशा निर्देश के तहत आमजन की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

राव नरबीर सिंह ने समूचे प्रस्तावित रूट का निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मेट्रो के कार्य को तेज गति से आगे बढ़ाया जाए। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को मेट्रो निर्माण के दौरान किसी प्रकार की असुविधा ना हो और यातायात सुचारू रूप से संचालित रहे, उस संबंध में भी बेहतरीन योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई बड़ा निर्माण इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाता है, तो वह लंबे समय तक चले और लोगों को लाभ मिले, ऐसी योजना अधिकारियों को बनानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस पूरी परियोजना में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि प्रस्तावित रूट में मौजूदा सर्विसेज जैसे ड्रेनेज सिस्टम, बिजली, पीने का पानी, सीवरेज सहित अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं को कम से कम डिस्टर्ब किया जाए, और यदि ये सुविधाएं प्रभावित होती है तो इनके निवारण संबंधित कार्य मेट्रो निर्माण कार्य से पहले पूरे किए जाएं।


साथ ही निर्माण प्रक्रिया में यह भी ध्यान रखा जाए कि जो ट्रैफिक डाइवर्जन प्लान बने उसमें जाम की स्थिति ना बने।
कैबिनेट मंत्री ने जीएमडीए के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि इस परियोजना के साथ प्राधिकरण को फ्लाईओवर अथवा अंडरपास को लेकर जो भी निर्माण कार्य करना है वह भी मेट्रो निर्माण कार्य के समानांतर रूप से चले।

कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम में मेट्रो के विस्तारीकरण के प्रस्तावित रूट का अधिकारियों संग किया दौरा, डीपीआर पर की चर्चा 2

उन्होंने प्रस्तावित रूट पर अलाइनमेंट का कार्य एक महीने में फ्रिज करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी इस पूरे कार्य मे यह विशेष ध्यान रखें कि इस पूरी प्रक्रिया में गुरुग्राम का ड्रेनेज सिस्टम से किसी भी प्रकार से प्रभावित ना हो। राव ने सेक्टर 23 स्थित रेजांगला चौक से पुराने दिल्ली रोड तक ड्रेनेज की लेग वन का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मानसून के समय इस लेग पर पानी का अत्यधिक लोड होता है। ऐसे में इस मार्ग पर मेट्रो का कार्य शुरू करने से पूर्व सड़क के चौड़ीकरण व लेग वन में क्या आवश्यक बदलाव करने है वो निर्धारित समय सीमा में हो।

गौरतलब है कि परियोजना के संबंध में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दिसंबर माह में गुरुग्राम में संबंधित अधिकारियों संग बैठक कर चुके हैं। जिसमे अधिकारियों द्वारा बताया गया था कि मिलेनियम सिटी से साइबर सिटी, गुरूग्राम के बीच चलने वाली मैट्रो रेल की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को हरियाणा सरकार तथा केन्द्र सरकार से मंजूरी प्रदान की जा चुकी है तथा इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 16 फरवरी, 2024 को रेवाड़ी में रखी गई थी। बैठक में अधिकारियों ने बताया था कि गुरुग्राम में मेट्रो विस्तारीकरण का निर्माण कार्य आगामी 1 मई, 2025 से शुरू कर दिया जाएगा। 28.50 किलोमीटर लंबी इस मैट्रो रेल लाईन पर कुल 27 स्टेशन होंगें तथा एक डिपो भी निर्मित किया जाएगा जिसमें से 8 स्टेशन मॉडल स्टेशन होंगे। इस परियोजना पर केन्द्र सरकार द्वारा 896.19 करोड रूपए तथा हरियाणा सरकार की ओर से 4556.53 करोड रूपए खर्च किए जाएंगें। इस परियोजना के अंतर्गत मीडियम मैट्रो को स्थापित किया जाएगा तथा यह स्टेंण्डर्ड गेज पर संचालित होगी। इसके अलावा, यह मैट्रो सीबीटीसी अर्थात कम्यूनिकेशन बेसड ट्रेन कंट्रोल सिग्नल पर आधारित होगी तथा अधिकतम स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। शुरूआत में इस मैट्रो कनेक्टिविटी में 3 कोच लगाए जाएंगें तथा उसके बाद इसे 6 कोच तक बढाया जाएगा।

मैट्रो विस्तारीकरण परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए एक कार्यकारी समिति व एक समन्वय समिति का भी गठन किया गया है, जो इस परियोजना को जल्द से जल्द पूर्ण करने के लिए दिन-प्रतिदिन आने वाले विभिन्न समन्वय मुदों का निष्पादन करेगी।
इस दौरान जीएमडीए के चीफ इंजीनियर राजेश बंसल, एक्सईन विकास मलिक सहित जीएमआरएल के अधिकारी मौजूद रहे।

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