-नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने तीन और सेमीकंडक्टर इकाइयां लगाने को मंजूरी दी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘भारत में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास‘ के अंतर्गत तीन सेमीकंडक्टर इकाइयां लगाने को मंजूरी प्रदान की है। अगले 100 दिन के भीतर तीनों इकाइयों का निर्माण शुरू हो जाएगा। यह जानकारी केबिनेट बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय सूचना प्रसारण म,मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दी . .
उन्होंने बताया कि भारत में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास का कार्यक्रम 21.12.2021 को कुल 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था।
उनके अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून, 2023 में गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर इकाई लगाने के लिए माइक्रोन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी। इस इकाई का निर्माण तीव्र गति से चल रहा है और इकाई के पास एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम उभर रहा है।
स्वीकृत की गई तीन सेमीकंडक्टर इकाइयां हैं:
1. 50,000 डब्ल्यूएफएसएम क्षमता वाली सेमीकंडक्टर फैब:
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (“टीईपीएल“) ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी।
निवेश: इस फैब का निर्माण गुजरात के धोलेरा में किया जाएगा। इस फैब में 91,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
प्रौद्योगिकी साझेदार: पीएसएमसी लॉजिक और मेमोरी फाउंड्री सेगमेंट में अपनी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध है। ताइवान में पीएसएमसी की 6 सेमीकंडक्टर फाउंड्री हैं।
क्षमता: प्रति माह 50,000 वेफर स्टार्ट (डब्ल्यूएसपीएम)
कवर किए गए खंड:
• 28 एनएम टेकनोलॉजी सहित हाई परफॉर्मेंस कंप्यूट चिप्स
• इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), दूरसंचार, रक्षा, ऑटोमोटिव, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, डिस्प्ले, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स आदि के लिए पावर मैनेजमेंट चिप्स। पावर मैनेजमेंट चिप्स, हाई वोल्टेज, हाई करंट एप्लीकेशन्स हैं।
2. असम में सेमीकंडक्टर एटीएमपी इकाई:
असम के मोरीगांव में टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (“टीएसएटी“) एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी।
निवेश: इस इकाई की स्थापना 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से की जाएगी।
प्रौद्योगिकी: टीएसएटी द्वारा सेमीकंडक्टर फ्लिप चिप और आईएसआईपी (पैकेज में एकीकृत प्रणाली) प्रौद्योगिकियों सहित स्वदेशी उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों का विकास किया जा रहा है।
क्षमता: प्रतिदिन 48 मिलियन
कवर किए गए खंड: ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, मोबाइल फोन, आदि।
3. विशिष्ट चिप्स के लिए सेमीकंडक्टर एटीएमपी इकाई:
गुजरात के साणंद में सीजी पावर द्वारा रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन, जापान और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, थाईलैंड के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना की जाएगी।
निवेश: इस इकाई की स्थापना 7,600 करोड़ रुपये के निवेश से की जाएगी।
प्रौद्योगिकी साझेदार: रेनेसास एक प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनी है जो विशिष्ट चिप्स पर केंद्रित है। यह 12 सेमीकंडक्टर सुविधाओं का संचालन करती है और माइक्रोकंट्रोलर, एनालॉग, पावर और सिस्टम ऑन चिप (‘एसओसी)‘ उत्पादों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
कवर किए गए खंड: सीजी पावर सेमीकंडक्टर इकाई उपभोक्ता, औद्योगिक, ऑटोमोटिव और पावर एप्लीकेशन्स के लिए चिप्स का निर्माण करेगी।
क्षमता: प्रतिदिन 15 मिलियन
इन इकाइयों का सामरिक महत्व:
• इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ने बहुत ही कम समय में चार बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। इन इकाइयों से भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम स्थापित हो जायेगा।
• भारत के पास पहले से ही चिप डिजाइन में गहन क्षमताएं मौजूद हैं। इन इकाइयों के साथ, हमारा देश चिप विनिर्माण (या चिप फेब्रिेकेशन) में क्षमता विकसित कर लेगा।
• आज की घोषणा के साथ ही भारत में उन्नत पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा।
रोजगार की संभावना:
• ये इकाइयां 20 हजार उन्नत प्रौद्योगिकी कार्यों में प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 60 हजार अप्रत्यक्ष रोजगारों का सृजन करेंगी।
• ये इकाइयां डाउनस्ट्रीम ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, दूरसंचार विनिर्माण, औद्योगिक विनिर्माण और अन्य सेमीकंडक्टर उपभोक्ता उद्योगों में रोजगार सृजन में तेजी लाएंगी।