वसुधैव कुटुम्बकम-व्यापार से एकजुटता का पुरातन समय से हरियाणा दे रहा संदेश
प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीति से छोटे स्टार्टअप को भी मिला प्रोत्साहन
नई दिल्ली, 21 नवंबर : ’’वसुधैव कुटुम्बकम -व्यापार से एकजुटता’’ का हरियाणा पुरातन काल से ही संदेश दे रहा है। व्यापार में समान अवसर और भागीदारी के सिद्धांत पर चलने का संदेश हरियाणा में पुरातन काल से रहा है। हिसार के राखीगढ़ी में सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी सात हजार साल पुरानी सभ्यता में भी खुदाई के दौरान साक्ष्य मिले है कि यहां कुंटुब के लोग आदिकाल से ही व्यापार करते आए हैं ।
प्रगति की इसी राह पर हरियाणा समान अवसर के संकल्प पर चलकर औद्योगिक क्रान्ति का परिचायक बना हुआ है। मुख्यमंत्री की प्रगतिशील सोच के चलते हरियाणा मैनुफैक्चरिंग हब के रूप में आगे बढ़ा है। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में हरियाणा के अनादि काल से लेकर अब तक हो रहे व्यापार को बखूबी दर्शाया गया है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले मेले के हरियाणा पवेलियन में गांव से लेकर शहरी क्षेत्र में उद्योग व स्टार्टअप से समृद्धि की कहानी का चित्रण देखने को मिल रहा है। हरियाणा पवेलियन को देखते ही उस संस्कृति की यादें ताजा हो आती है जहां सिंधु घाटी और सरस्वती सभ्यता से लेकर वर्तमान समय तक हरियाणा में व्यापार के सफ़र को दर्शाया गया है।
भारत सरकार के पुरातत्व विभाग के उत्तरी क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक श्रीमती एर्विन मंजुल कहती हैं कि राखीगढ़ी व अन्य स्थानों पर मिले पुरातन अवशेष व शिलालेख से लगता है कि हरियाणा के लोग व्यापार में हजारों वर्ष पहले से आगे रहै होंगे। राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान सामने आया कि सिंधु घाटी सभ्यता के समय में यहाँ भट्यिों में आभूषण तैयार होते थे और आभूषण तैयार करने की तकनीक भी काफी समृद्ध मानी गई है। यहां मिले तांबे की अगुंठियां, चूड़िया व सामान से अनुमान लगाया गया है कि तब यहाँ से व्यापार मेसोपोटामिया, अफगानिस्तान, ईरान व दुनियां के अन्य देशों तक फैला हुआ था। सिंधु घाटी सभ्यता की संस्कृति के दौरान बनी तांबे की कुछ मोहरें भी मिली है जिन पर बाग की आकृतियां छपी हुई हैं।
समृद्धि की गाथा लिखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में मौजूदा प्रदेश सरकार ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए पिछले नौ वर्षो के दौरान नई नीतियों को लागू किया । निवेश को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा औद्योगिक व रोजगार नीति लागू की गई है। ट्रेड फेयर अथॉरिटी हरियाणा की प्रशासक सुश्री सोफिया दाहिया ने बताया कि इस बार हरियाणा पवेलियन में कई नए स्टार्टअप के सहारे बढ रहे निवेश को भी दर्शाया गया है जिसमें बताया गया है कि नया उद्योग लगाने के लिए सरकार विभिन्न प्रकार की मदद व रियायतें दे रही है।हरियाणा का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2023- 24 में 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर ( ₹11.2 लाख करोड़) रहने की संभावना है ।हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिला में 886 एकड़ क्षेत्र में एकीकृत मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब विकसित किया जा रहा है। इसे दिल्ली- मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट से जोड़कर बनाया जा रहा है ताकि उस क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिले और वहाँ विकास को गति मिले। इसी तरह कई बड़े प्रोजक्ट भी प्रदेश के कई हिस्सों में चल रहे है। निवेश के लिए प्रदेश सरकार की नीतियां व्यापार हितेषी ढ़ंग से तैयार की गई है। यहां तक की विदेशी निवेशकों के लिए हरियाणा पहली पंसद बन रहा है।वैसे भी मोटर कार, दुपहिया वाहन, बासमती चावल, हैंडलूम का बड़ा उत्पादक होने के साथ हरियाणा से इनका व्यापार दूसरे देशों को हो रहा है। यही नहीं, आईटी ग्रोथ रेट में भारत में हरियाणा का गुरुग्राम पहले स्थान पर है और स्टार्ट अप इकोसिस्टम में दूसरे स्थान पर है । गुरुग्राम को भारत की सिलिकॉन वैली भी कहा जाता है।
हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020 में व्यवसायीयों के लिए अनेक वित्तीय और नीतिगत प्रोत्साहनों का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गोदामों की ऊंचाई 15 मीटर से बढ़ाकर 21 मीटर और उन तक पहुंचने के मार्ग को 90 मीटर से बढ़ाकर 135 मीटर किया गया है। हरियाणा ने लॉजिस्टिक और वेयरहाउस को उद्योग का दर्जा दिया गया है, इसलिए इन्हें भी अन्य उद्योगों के समान आर्थिक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर इन्हें स्टाम्प ड्यूटी की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाती है और 7 साल की अवधि के लिए 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट दी जा रही है। प्रदेश के सी व डी खण्डों में ई.डी.सी. की 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाती है। सी व डी श्रेणी में रखे गये खण्डों में वेयरहाउसिंग एवं रिटेल श्रेणी में ई.डी.सी. और वाणिज्यिक लाइसेंस की पूरी फीस की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। इसके अलावा, प्रदेश के सी व डी के तहत चिन्हित खण्डों में स्थायी पूंजी निवेश की 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी दी जाती है। इन खण्डों में कार्य पूंजी हेतु लिये गये ऋण पर 3 साल तक ब्याज में 5 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है।
एक जिला-एक प्रोडेक्ट से व्यापार बढ़ाने का संकल्प
प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जिले को व्यापार व उद्योग के मामले में आगे बढ़ाने के लिए ‘एक जिला एक उत्पाद’ नीति को लागू किया हुआ है जिसका उद्देश्य उस जिले में बड़े स्तर पर उत्पादित/पैदावार होने वाली वस्तु को अलग पहचान दिलाने का है। अलग-अलग जिलों में अलग अलग उत्पाद को इस नीति के तहत लिया गया है ताकि वहां उसी उत्पाद से संबंधित प्रोडेक्ट को बड़े स्तर पर तैयार किया जा सके और मार्केटिंग की समस्या का भी समाधान हो। सरकार की इसी नीति के उत्साहजनक परिणाम आए और हरियाणा पवेलियन में इसे विशेष रूप से उल्लेखित किया हुआ है।