नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह करीब सवा ग्यारह बजे मध्य प्रदेश के बीना पहुंचेंगे, जहां वह ‘बीना रिफाइनरी में पेट्रोकैमिकल कॉम्प्लेक्स’ और राज्य भर में दस नई औद्योगिक परियोजनाओं सहित 50,700 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। दोपहर करीब सवा तीन बजे वह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पहुंचेंगे, जहां वह रेल क्षेत्र की महत्वपूर्ण परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के नौ जिलों में ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’ की आधारशिला भी रखेंगे और एक लाख सिकल सेल परामर्श कार्डों का वितरण करेंगे।
मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री
राज्य में औद्योगिक विकास को एक प्रमुख प्रोत्साहन प्रदान करने की पहल के अंतर्गत, प्रधानमंत्री भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की बीना रिफाइनरी में पेट्रोकैमिकल कॉम्प्लेक्स की आधारशिला रखेंगे। इस अत्याधुनिक रिफाइनरी को लगभग 49,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। यह लगभग 1200 केटीपीए (किलो-टन प्रति वर्ष) एथिलीन और प्रोपलीन का उत्पादन करेगी, जो कपड़ा, पैकेजिंग, फार्मा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण घटक हैं। इससे देश की आयात निर्भरता कम होगी और यह प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस व्यापक परियोजना से रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा और पेट्रोलियम क्षेत्र में छोटे उद्यमों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री नर्मदापुरम जिले में ‘विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण क्षेत्र’ में दस परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इनमें इंदौर में दो आईटी पार्क; रतलाम में एक मेगा औद्योगिक पार्क और पूरे मध्य प्रदेश में छह नए औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं।
‘विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण क्षेत्र’ नर्मदापुरम को 460 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा और यह क्षेत्र में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में बड़ी पहल होगी। लगभग 550 करोड़ की लागत से इंदौर में बनने वाले ‘आईटी पार्क-3 और 4 से सूचना प्रौद्योगिकी और आईटीईएस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
रतलाम में 460 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मेगा इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा और इसे कपड़ा, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाने की अवधारणा की गई है। यह पार्क दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से बेहतर तरीके से जुड़ा होगा और पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। इससे युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
राज्य में संतुलित क्षेत्रीय विकास और समान रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग 310 करोड़ रुपये की लागत से शाजापुर, गुना, मऊगंज, आगर मालवा, नर्मदापुरम और मक्सी में छह नए औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री के देश भर में सम्पर्क में सुधार से रायगढ़ में सार्वजनिक कार्यक्रम में लगभग 6350 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण रेल क्षेत्र परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने को प्रोत्साहन मिलेगा। इन परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-1, चंपा से जमगा के बीच तीसरी रेल लाइन, पेंड्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन और तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एसटीपीएस) से जोड़ने वाली एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली शामिल है। रेल परियोजनाएं क्षेत्र में यात्रियों की आवाजाही के साथ-साथ माल ढुलाई को सुविधाजनक बनाकर सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करेंगी।
छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-1 को महत्वाकांक्षी पीएम गतिशक्ति-बहुआयामी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है और इसमें खरसिया से धरमजयगढ़ तक 124.8 किलोमीटर की रेल लाइन शामिल है, जिसमें गारे-पेलमा के लिए एक छोटी लाइन और छाल, बरौद, दुर्गापुर और अन्य कोयला खदानें को जोड़ने वाली 3 फीडर लाइनें शामिल हैं। लगभग 3,055 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह रेल लाइन विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लेवल क्रॉसिंग और यात्री सुविधाओं के साथ फ्री पार्ट डबल लाइन जैसी व्यवस्था से सुसज्जित है। यह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्रों से कोयला परिवहन के लिए रेल सम्पर्क प्रदान करेगी।
पेंड्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है और इसका निर्माण लगभग 516 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। चांपा और जामगा रेलखंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण करीब 796 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। नई रेल लाइनों से क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और पर्यटन एवं रोजगार दोनों के अवसरों में वृद्धि होगी।