सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी लगभग डेढ़ घंटे से भी अधिक समय तक नरेंद्र मोदी सरकार के पक्ष में आंकड़ों के सहारे मजबूती से बात राखी . उन्होंने 2014 से पूर्व यूपीए सरकार एवं वर्तमान एनडीए सरकार के कार्यकाल के तुलनात्मक आर्थिक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए विपक्ष को घेरने की कोशिश की. उन्होंने पूर्ववर्ती यूपीए शासन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनके एक दशक के कार्यकाल ने भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजावाद को बढ़ावा देकर देश को बर्बाद किया. उन्होंने दावा किया कि आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक तरफ यूके. यूएस. जर्मनी. यूरोप यहां तक कि चीन जैसे बड़े आर्थिक व्यवस्था वाले देश पिछड़ रहे हैं वहीं भारत कोरोना के बावजूद विश्व की सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है. उन्होंने पिछले 9 वर्षों में विकास को तेजी देने के लिए उठाए गए वित्तीय कदमों एवं निर्णय के साथ-साथ कांग्रेस सहित विपक्षी सांसदों द्वारा लगाए गए राजनीतिक उपेक्षा के आरोपों को भी तथ्य प्रस्तुत करते हुए नकारा. तमिलनाडु के मदुरई में एम्स की स्थापना को लेकर डीएमके सांसदों की ओर से लगाए गए आरोप का वित्त मंत्री द्वारा तमिल में जवाब देने के क्रम में डीएमके सांसदों ने वित्त मंत्री का प्रबल विरोध किया और अंततः सदन से वॉकआउट कर गए.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी के संसदीय दल के उप नेता गौरव गोगोई ने 2 दिन पूर्व लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा है. इस पर चर्चा शुरू करने के दौरान उनकी ओर से वित्तीय व्यवस्था के साथ-साथ किसानों के मुद्दे और आधारभूत संरचनाओं को लेकर दक्षिण वह पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था. विपक्षी सांसदों की जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को कमजोर अर्थव्यवस्था बताया जाता था जबकि नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों एवं उनकी कार्यशैली के कारण वर्ष 2014 से 2023 के बीच यह देश सबसे तेज गति से बढ़ती आर्थिक व्यवस्था बन गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट की चर्चा करते हुए कहा कि आज अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, यूरोप यहां तक कि चीन की अर्थव्यवस्था भी नीचे जा रही है. लेकिन भारत विश्व का सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश लगातार बना हुआ है.
उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेश केवल जनता को सपने दिखाती है जबकि भाजपा सरकार सपने पूरे करने में विश्वास रखती है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेसी शासनकाल में सभी प्रधानमंत्रियों ने पिछले छह दशकों तक गरीबी हटाओ का नारा दिया लेकिन गरीबी घटी नहीं बढती गई. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सूझबूझ के साथ अर्थव्यवस्था को कोविड-19 जैसी महामारी के बावजूद मजबूत बनाए रखा. मोदी सरकार का 9 साल का कार्यकाल पूरी तरह बदलाव का कार्यकाल रहा है.
वित्त मंत्री ने देश में पिछले 9 वर्षों में कैपिटल एक्सपेंडिचर जो आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर खर्च किया जाता है को लेकर दावा किया कि यूपीए शासनकाल में यह केवल 3.29 लाख करोड़ रुपए था जबकि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यह 10 . 9 लाख करोड़ है. उन्होंने कृषि क्षेत्र में वित्तीय आवंटन को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2014 तक कृषि क्षेत्र के लिए 29000 करोड के आसपास आवंटन था जब नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 125000 करोड़ आवंटित किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत की विदेशी मुद्रा की स्थिति का आंकड़ा भी प्रस्तुत किया. उन्होंने कि 313 billion-dollar विदेशी मुद्रा का भंडार था जबकि अब यह 600 बिलीयन डॉलर का आंकड़ा पार कर चुका है. उन्होंने रक्षा एक्सपोर्ट 16000 करोड़ होने का दावा किया जबकि किसान क्रेडिट, फूड सिक्योरिटी, हर घर जल, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, नई यूनिवर्सिटी स्थापित करने की योजना, नेशनल हाईवे के निर्माण की गति, वाटर वे विकसित करने, और मेगा फूड पार्क स्थापित करने के आंकड़े को भी यूपीए सरकार से कई गुना अधिक होने की जानकारी दी.
वित्त मंत्री ने भारत की आर्थिक ग्लोबल रैंकिंग की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2014 में भारत दसवें स्थान पर था जबकि अब यह पांचवें स्थान पर पहुंच गया है.
उनका कहना था कि यूपीए का एक दशक का शासन भारत को बर्बाद करने वाला रहा क्योंकि तब भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद चरम पर था. उन्होंने यूपीए शासनकाल और भाजपा शासनकाल की तुलना करते हुए कहा कि तब न्यूनतम विकास अधिकतम महंगाई थी जबकि आज नरेंद्र मोदी के शासनकाल में अधिकतम विकास और न्यूनतम महंगाई है. उनका कहना था कि यही कारण था कि 2014 में देश की जनता ने यूपीए के प्रति अपना अविश्वास व्यक्त किया था और नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास जताया था.
राजनीतिक रूप से कटाक्ष करते हुए हाल ही में गठित इंडिया एलाइंस पर भी उन्होंने प्रहार किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी अलग-अलग राज्यों में वामपंथी दलों, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस से लड़ रही है तो दूसरी तरफ केंद्र में एक साथ गठबंधन कर रही है. उन्होंने इसे विरोधाभास से भरा राजनीतिक गठबंधन करार दिया.
नरेंद्र मोदी सरकार के शासनकाल में बैंकिंग व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा करती हुई वित्त मंत्री ने कहा कि आज एनपीए में सुधार है बैंकों को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का मुनाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि आप बैंकिंग व्यवस्था में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होता है जबकि कांग्रेस के शासनकाल में भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद ने इसे जकड़ रखा था. उन्होंने यह कहते हुए चुटकी ली कि यूपीए ने जो रायता फैलाया था उसे हम साफ कर रहे हैं. उनका कहना था कि कांग्रेस शासन में किसी भी योजना को लांच करना एक फैशन बन गया था जबकि हम योजना को धरातल पर लाने में विश्वास रखते हैं.
अविश्वास प्रस्ताव में चर्चा के दौरान डीएमके सांसद टी आर बालू की ओर से मदुरई में स्थापित होने वाले एम्स अस्पताल को लेकर केंद्र सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाने के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि उस अस्पताल के लिए स्वीकृत लोन की राशि पूरी तरह केंद्र सरकार ने अपने जिम्मे ले लिया है. उन्होंने कहा की वहां 920 के अस्पताल स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि 50 छात्रों की पढ़ाई वहां शुरू हो चुकी है. तमिल भाषा में अपना जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने वर्तमान तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर आरोप लगाया कि हॉस्पिटल के लिए जमीन अधिकृत करने में डेयरी की गई जिसके कारण बजट को भी बढ़ाना पड़ा.
इस पर डीएमके सांसदों ने वित्त मंत्री का प्रबल विरोध किया. सभी नारेबाजी करने लगे और अंततः लोकसभा से वाकआउट कर गए.