अविश्वास प्रस्ताव : गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के हर सवाल का दिया करारा जवाब

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सुभाष चौधरी /The Public World 

नई दिल्ली :  लोकसभा में विपक्ष द्वारा  नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगभग 2 घंटे के भाषण में वर्तमान मोदी सरकार की उपलब्धियों का जमकर बखान किया जबकि मणिपुर  में हुई हिंसक नस्लीय घटनाओं को शर्मनाक बताया.  उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के साथ हुए अत्याचार को कोई भी सभ्य समाज किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता.  उन्होंने कहा कि इस घटना में उनकी पार्टी का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं है.  वहां शांति स्थापित करने के लिए राज्य के चीफ सेक्रेट्री और डीजीपी बदल दिए गए हैं जबकि केंद्र सरकार की ओर से  सिक्योरिटी एडवाइजर की नियुक्ति की गई है जो वहां सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस की तैनाती की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.  उन्होंने मणिपुर के कूकी और मैती समुदाय से केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होने की अपील की. 

 

केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के दौरान विपक्षी नेता गौरव गोगोई द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नारकोटिक्स की घटनाओं में वर्ष 2014 के बाद काफी कमी आई है.  उनका कहना था कि 2014 से 2022 तक 3 लाख 73000 करोड रुपए के ड्डरग्स जब्त किये गए हैं.  उन्होंने कांग्रस सांसद गौरव गोगोई के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार नारकोटिक्स के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है. 

 

 देश में उग्रवाद और आतंकवाद के सवाल पर उनका कहना था की आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से कश्मीर में आतंकवाद,  छत्तीसगढ़,  झारखंड,  बिहार और उड़ीसा जैसे राज्यों में वामपंथी उग्रवाद के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं.  उनका कहना था कि कश्मीर में यूपीए शासनकाल में अपनाए गए ढुलमुल रवैये  के कारण आतंकवाद  में बेतहाशा वृद्धि हुई थी.  उन्होंने बल देते हुए कहा कि धारा 370 और 35 A को समाप्त करने के बाद कश्मीर में अब ना तो गोलियां चलती हैं और ना ही पत्थरबाजी होती है.  वहां औद्योगिक निवेश,  पर्यटन,  रोजगार की संभावनाओं,  शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव देखने को मिल रहा है.  उनका कहना था कि अब पिछले तीन दशक बाद जम्मू एवं कश्मीर के थियेटर और सिनेमा हॉल खुल रहे हैं. 

 

 

 उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि कश्मीर में केवल 3 परिवारों का राज रहा जिसमें फारूक अब्दुल्ला,  महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस व गांधी परिवार शामिल है .उनकी गलतियों ने उस राज्य को आतंकवाद के हवाले कर दिया था . 

 

 वामपंथी उग्रवाद की चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब सभी राज्यों को इससे मुक्त करा लिया गया है.  केवल छत्तीसगढ़ के  3 जिले में वामपंथ उग्रवाद सिमट कर रह गया है.  उन्होंने कहा कि वामपंथ उग्रवाद को मदद करने वाले स्रोत को पूरी तरह नश्तनाबूद कर दिए गये है. 

 

 पूर्वोत्तर राज्यों पर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अधिकतर विपक्षी  सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना किसी भी  शर्मनाक है लेकिन उन घटनाओं पर राजनीति करना  उससे भी ज्यादा शर्मनाक है.  उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह कहना कि प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं गए अनावश्यक तौर पर राजनीति करने की चाल है.  उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले दशकों में हुई नस्लीय हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं लेकिन तब के प्रधानमंत्री यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्री ने भी संसद में इस मामले पर कोई बयान बाजी नहीं की थी.  बल्कि एक बार तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राजेश पारीक ने संसद में बयान दिया था.  इसलिए प्रधानमंत्री को इस मामले में घसीटना सही नहीं है. 

 

 केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया की कांग्रेस पार्टी सहित विपक्षी दल मणिपुर पर चर्चा करने से भाग रहे हैं.  उन्होंने दावा किया कि संसद आहूत होने से पहले ही उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर मणिपुर मामले पर चर्चा करने की मांग की थी लेकिन विपक्षी दल लगातार संसद में व्यवधान पैदा कर राजनीति कर रहे हैं. 

 

 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वर्ती डॉ मनमोहन सिंह सरकार के दौरान भी मणिपुर में हिंसा हुई थी लेकिन तब प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया था और ना ही भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए इस मुद्दे को लेकर कोई राजनीति की थी. उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों में कितनी बार देश के प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर राज्य नहीं गए उससे कहीं अधिक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए हैं. उन्होंने याद दिलाया कि पिछले 9 साल के कार्यकाल में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 50 बार पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा कर चुके हैं इसलिए यह आरोप लगाना की प्रधान मंत्री पूर्वोत्तर राज्यों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं सर्वथा गलत है.  उन्होंने पूर्वर्ती यूपीए सरकार पर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया.  उनका कहना था कि वर्तमान मोदी सरकार ने रेलवे,  सड़क और एयरपोर्ट की विकास के लिए पूर्वोत्तर राज्यों पर सर्वाधिक फोकस किया है. 

 

 उनका कहना था कि पिछले 9 वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयास  से कई समझौते किए गए जिसमें बोरोलैंड समझौता और एनसीएल समझौता भी शामिल है.  उन्होंने कहा कि इस दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में 8000 सशस्त्र उग्रवादियों ने अब तक समर्पण कर दिया है.  विपक्ष के आरोप के जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले 9 वर्षों में हिंसा में काफी कमी आई है जबकि यूपीए के शासनकाल में सभी राज्य आग की लपटों से गिरे हुए थे.

 

 मई माह में मणिपुर में हुई हिंसक नक्सली घटनाओं पर केंद्रीय मंत्री का कहना था कि यह परिस्थिति जन्य नस्लीय घटना है.  उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से हम शर्मसार हैं लेकिन इस पर राजनीति करना इससे भी अधिक शर्मनाक है.  उन्होंने विपक्ष पर इस मुद्दे को लेकर जनता में भ्रांति फैलाने का आरोप लगाया.  उन्होंने कहा कि सरकार मणिपुर पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार है लेकिन विपक्ष से भाग रहा है.  उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी गृह मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं होते तब पीएम से कहते और इस पर विचार कर सकते थे.

 

 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी मणिपुर में शासन में है.  उन्होंने दावा किया कि  भाजपा शासनकाल में एक भी दिन वहां कर्फ्यू नहीं लगा.  एक भी दिन वहां बंद का आह्वान नहीं हुआ और नहीं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को लेकर कोई ब्लॉकेज हुआ.  उन्होंने मणिपुर में हुई हिंसक घटना के पीछे वर्ष 2021 में म्यानमार में सत्ता परिवर्तन तू बड़ा कारण बताया.  उनका कहना था कि म्यांमार में सैनिक शासन आने के बाद सीमावर्ती मणिपुर में बड़ी संख्या में कुक की समाज की लोग मणिपुर की ओर आए.  इससे वहां के मैदानी इलाके में रहने वाले मैती समाज के लोगों में  इस बात की आशंका घर कर गई कि  इनकी जनसंख्या बढ़ने के साथ मणिपुर पर कब्जा कर सकते हैं.कूकी शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण  मत अंतर बढ़ता चला गया.  उन्होंने कहा कि सरकार ने इस पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल मणिपुर और म्यांमार की सीमा पर 10 किलोमीटर तक पेंटिंग की गई और आगे भी काम चल रहा है. 

 

 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मणिपुर में शरणार्थियों की जनसंख्या का दबाव बढ़ने लगा इसके कारण वहां शरणार्थी और स्थानीय लोगों की पहचान के लिए थंब इंप्रेशन,  आई इंप्रेशन और वोटर लिस्ट में नेगेटिव नागरिकता को लेकर भी काम शुरू किया गया.

 

 उन्होंने कहा कि समुदाय की संख्या बढ़ने के कारण मैती समुदाय  की भावना भर की और उन्होंने जुलूस निकाला.  इसके साथ ही पहाड़ी और मैदानी दोनों ही क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया.  विरोध स्वरूप जुलूस का आयोजन किया गया जिससे दोनों ही समूहों के बीच हिंसक स्थिति पैदा हो गई.  उन्होंने स्पष्ट किया कि इस हिंसा में मेरा कोई आदमी  शामिल नहीं है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा प्रधानमंत्री को मणिपुर के मामले पर मौन रहने का आरोप लगाने के सवाल पर कहा कि हम मौन रहने वाले लोग नहीं हैं.  हमें अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का अहसास है और हम इस मामले पर चर्चा चाहते हैं  लेकिन विपक्ष ने चर्चा संसद में नहीं होने दी. 

 

 गृह मंत्री ने चर्चा के दौरान खुलासा किया कि मई  माह में हुई घटना के बाद उन्होंने स्वयं मणिपुर का दौरा किया और 3 दिन रहे.  उन्होंने कहा कि  इस घटना पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने तत्काल केंद्र से वहां अधिकारी भेजकर राज्य का चीफ सेक्रेटरी  और पुलिस महानिदेशक को बदल दिया.  साथ ही केंद्र से सुरक्षा सलाहकार भी भेजा गया है जो वहां तैनात सुरक्षा बल और मणिपुर पुलिस के साथ तालमेल स्थापित करने सहित पुलिस की व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.  उन्होंने कहा कि मणिपुर में वर्तमान में 36000 पुलिस बल तैनात किए गए हैं जो पहाड़ और मैदान इलाके की भी एक दीवार की तरह खड़े हैं और हिंसक घटनाओं को रोकने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं. 

 

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में कई सांसदों द्वारा मणिपुर की वर्तमान मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह को बर्खास्त करने  की मांग पर साफ कर दिया कि वहां के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं.  धारा 356 लागू करने के सवाल पर उनका कहना था कि इस धारा उत्तर लागू किया जाता अगर वहां की राज्य सरकार केंद्र के साथ सहयोग नहीं करती.  इसलिए उन्हें बर्खास्त करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है .

 

 उनका कहना था कि मणिपुर में हुई हिंसक घटनाओं में  अब तक कुल 152 लोगों की जानें गई हैं जिनमें से मई माह में 107,  जून में 30,  जुलाई में 15 और अगस्त माह में 4 लोगों की मृत्यु होने की सूचना है.  उनका कहना था कि अब वहां हिंसा पर रोक लग गई है  इसलिए यह कहना कि केंद्र सरकार ने कोशिश नहीं की जनता में भ्रांति फैलाने की कोशिश है.  गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर नक्सली हिंसा मामले में अब तक 14898 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि विभिन्न घटनाओं को लेकर 1106 एफ आई आर दर्ज की गई है.  उन्होंने माना कि यह असली घटना सभ्य समाज के नाम पर धब्बा है तो इसका समर्थन नहीं कर सकता. 

 

 मणिपुर में एक युवती के साथ हुए व्यवहार की वीडियो सामने आने के सवाल पर उनका कहना था कि जिनके पास यह वीडियो थी उन्हें राज्य के डीजीपी को देना चाहिए था ना कि इसे साबित करना चाहिए था.  इसके तत्काल कार्यवाही करना संभव होता.  था उन्होंने इस वीडियो को पब्लिक में प्रकाशित करने के समय पर भी सवाल  यह कहते हुए खड़ा किया कि आखिर संसद आउट होने से 1 दिन पूर्व ही यह वीडियो क्यों जारी की गई . 

 

 उन्होंने कहा कि 36000 सुरक्षाकर्मी मणिपुर में तैनात हैं जिनमें बीएसएफ,  सीआरपीएफ,  असम राइफल,  और मणिपुर पुलिस के जवान यूनिफाइड कमांड के तौर पर केंद्र से भेजे गए सुरक्षा सलाहकार के निर्देशन में काम कर रहे हैं.

 

 मणिपुर में हुई हिंसा की जांच के सवाल पर उनका कहना था कि छह मामले सीबीआई को दिए गए थे जबकि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 11 और मामले सीबीआई को जांच के लिए शॉप पर गए हैं.  केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने भाषण के अंत में सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सांसदों से मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए एक अपील जारी करने का सुझाव भी दिया जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया.  थाना की विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अच्छा होता अगर इस प्रकार का प्रस्ताव सदन में प्रधानमंत्री की उपस्थिति होने के बाद पारित किया जाता.  लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी आपत्ति को खारिज करते हुए प्रस्ताव रखा और सदन ने इसे पारित कर दिया. 

 

 इससे पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने नरेंद्र मोदी सरकार की 9 वर्ष के कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा की इन वर्षों में  वर्तमान भाजपा सरकार ने 50 से अधिक ऐसे युगांत कारी योजनाएं शुरू की है जो कांग्रेस के पिछले 70 साल से कई गुना अधिक है.  उन्होंने अपने भाषण के आरंभ में कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए मोदी सरकार की अब तक की सारी उपलब्धियों का विस्तार से जिक्र किया और दावा किया कि उनकी सरकार को अब भी देश की बहुतायत जनता  का विश्वास प्राप्त है चाहे विपक्ष कितना भी अविश्वास व्यक्त करें. 

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