जी-20 शिखर सम्मेलन की एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक : केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन सत्र को किया संबोधित

Font Size

-केन्द्रीय मंत्री ने कहां – जी20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए गर्व की बात

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत के लिए एक ऐसा प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की कल्पना की है, जिसमें भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति शामिल हो

गुरुग्राम, 01 मार्च। जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत आज गुरुग्राम में आयोजित एंटी करप्शरन वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा कार्मिक, लोक शिकायत राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के लिए एक ऐसा प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की कल्पना की है, जिसमें भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टोलरेंस नीति शामिल हो। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए भारत की जी20 अध्यक्षता का लक्ष्य भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर व्यावहारिक एक्शन—ओरिएंटिड प्रयासों पर फोकस करना है, ताकि भ्रष्टाचार निरोधी मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भ्रष्ट लोगों तथा भ्रष्टाचार का सामना करने की जी20 समूह की प्रतिबद्धता को मजबूत किया जा सके।

जी-20 शिखर सम्मेलन की एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक : केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन सत्र को किया संबोधित 2केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि कई बार आर्थिक अपराधों का सामना करना पड़ा है और विशेषकर जब अपराधी देश के अधिकार क्षेत्र से बाहर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने इस संबंध में एक विशेष कानून भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम-2018 बनाया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचारी अपराध से अर्जित आय को ठिकाने लगाने का तरीका ढूंढते हैं, यह पैसा उस देश के नागरिकों का है। यह वो पैसा है, जिसका इस्तेमाल गलत कार्यों में किया जाता है। यह आतंकी फंडिंग के प्रमुख स्रोतों में से एक है। युवाओं का जीवन तबाह करने वाले मादक पदार्थों के उत्पादन से लेकर मानव तस्करी तक, लोकतंत्र को कमजोर करने वाली गतिविधियों से लेकर अवैध हथियारों की बिक्री तक, यह कमाई कई विनाशकारी कृत्यों की फंडिंग करती है।

उन्होंने कहा कि इनसे निपटने के लिए विविध कानूनी और प्रक्रियात्मक ढांचे हैं। हालाँकि, वैश्विक समुदाय को जी 20 देशों के बीच सूचनाओं के सक्रिय आदान-प्रदान के माध्यम से संपत्ति की वसूली के लिए और भी तेज़ी से कार्य करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि बेहतर समन्वय, न्यायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाने और मामलों के समय पर निपटान के लिए द्विपक्षीय समन्वय की बजाये बहुपक्षीय कार्रवाई की आवश्यकता है, जो अधिक जटिल साबित होता है और एफईओ से संबंधित मामलों पर कार्रवाई करने तथा संबंधित संपत्तियों की वसूली में बाधा उत्पन्न करता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय व बैंकिंग धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच कानूनी प्रावधानों के तहत की गई और इन मामलों में हाई नेटवर्थ वाले लोग शामिल थे, जिनकी अपराध से आय लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक थी।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, जिन्होंने संपन्न व्यक्तियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण लगभग 272 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा है, को लगभग 180 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति हस्तांतरित की है।

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि देश और विदेश, दोनों में अपराध से अर्जित आय या संपत्ति को तुरंत जब्त करने के लिए मैकेनिज्म को मजबूत करने से अपराधी अपने देश लौटने के लिए मजबूर होंगे। ऐसा होने से, संबंधित अपराध की प्रभावी जांच और त्वरित सुनवाई में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों और टैक्स ऑथोरिटीज को ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों से जब्त करने में मदद मिलेगी। इससे संबंधित राशि के दुरुपयोग की आशंका को खत्म करते हुए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों की स्थिति में कुछ हद तक सुधार लाया जा सकेगा।जी-20 शिखर सम्मेलन की एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक : केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन सत्र को किया संबोधित 3

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार सभी देशों को प्रभावित करने वाली एक जटिल सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक चुनौती है। इससे संसाधनों के प्रभावी इस्तेमाल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, बाजार में विकृतियां पैदा होती हैं, नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है, वैश्वीकरण के लाभों को कम करने के साथ-साथ आर्थिक विकास एवं समग्र शासन प्रभावित होता है तथा गरीबों और अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि 2010 में अपनी स्थापना के बाद से जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप भ्रष्टाचार के मुद्दों का समाधान करने में आगे रहा है। जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप ने भ्रष्टाचार विरोधी सिद्धांतों और अन्य डिलिवरेबल्स को अपनाकर अपनी प्रतिबद्धताओं जैसे अच्छी प्रथाओं का संग्रह, वार्षिक जवाबदेही रिपोर्ट और साइड इवेंट आयोजित करना का प्रदर्शन किया है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय जी-20 प्रेसीडेंसी पिछले प्रेसीडेंसी के दौरान जी20 एसीडब्ल्यूजी में रखी गई मजबूत नींव पर आधारित होगी और जी-20 देशों की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगी।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सभी राज्य दल भ्रष्टाचार के खिलाफ एकसमान दृढ़ संकल्प को दर्शाएं और उन्हें विश्वास है कि भारत की अध्यक्षता और इटली की सह-अध्यक्षता में एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप इन बैठकों के माध्यम से भ्रष्टाचार को रोकने और उसका मुकाबला करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण परिणामों के साथ आगे बढ़ेगा।

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की सचिव राधा चौहान ने जी-20 बैठक में प्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

You cannot copy content of this page