डब्ल्यू -20 की दो दिवसीय बैठक : भारत में 100 मिलियन महिलाएं कृषि क्षेत्र में कार्यबल का हिस्‍सा रहीं

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नई दिल्ली : महिला-20 (डब्ल्यू -20) की दो दिवसीय आरंभिक बैठक आज छत्रपति सांभजी नगर में समाप्त हो गई। इस बैठक में, सदस्य देशों, अतिथि देशों और विशेष आमंत्रण के साथ लगभग 150 महिलाओं ने भाग लिया। उद्घाटन समारोह में 27 फरवरी को प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री (डब्ल्यूसीडी), स्मृ‍ति जूबिन ईरानी ने भारत की अध्‍यक्षता में डब्‍ल्‍यू-20 के प्राथमिकता वाले पांच क्षेत्रों के बारे में बात की.  इनमें जमीनी स्‍तर पर महिलाओं का नेतृत्व, कृषि क्षेत्र में महिला उद्यम और महिला कौशल, डिजिटल डिवाइड, शिक्षा और कौशल विकास तथा महिलाओं और लड़कियों को जलवायु लचीलेपन के कार्य में बदलाव की भूमिका निभाना शामिल है ।

दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए डब्ल्यू-20 सदस्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते‍ हुए, केन्‍द्रीय डब्ल्यूसीडी मंत्री ने कहा कि डब्‍ल्‍यू-20 के प्रतिनिधियों के आगमन के रूप में डब्‍ल्‍यू-20 का नेतृत्व और योगदान महत्वपूर्ण है क्‍योंकि डब्‍ल्‍यू-20 सदस्‍य प्रतिनिधियों का पदार्पण उस समाधान की ओर ले जाता है जिसकी दुनिया की महिलाओं को तलाश थी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डब्ल्यू-20 में दुनिया भर की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का मेल भी महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों, कृषि समाज में महिलाओं, स्वास्थ्य क्षेत्र में महिलाओं की जरूरत और शिक्षा और विशेष रूप से कौशल में प्रत्येक देश की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का लाभ उठाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। उन्‍होंने समान हिस्‍सेदारी के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने को भी कहा। उन्‍होंने डब्ल्यू-20 सदस्यों से आग्रह किया कि वे दुनिया भर में महिलाओं और सरकारों तथा हितधारक संगठनों के साथ सूझबूझ और जिम्‍मेदारी का परिचय दें। केन्‍द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया भर में 3 मिलियन महिलाओं में से, जो जमीनी स्तर पर राजनीतिक कार्यालयों में नियुक्त की जाती हैं, 1.4 मिलियन महिलाएं भारत से हैं। उन्होंने आगे कहा कि 230 मिलियन पीएम मुद्रा ऋण की लाभार्थी महिलाएं थीं। भारत में 100 मिलियन महिलाएं कृषि क्षेत्र में कार्यबल का हिस्‍सा रहीं। केन्‍द्रीय डब्ल्यूसीडी मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने लैंगिक समावेशी कोष का प्रावधान किया है।

 

उद्घाटन समारोह में जी-20 शेरपा  अमिताभ कांत, वित्त मंत्रालय में राज्‍य मंत्री डॉ. भागवत कराड़, रेल मंत्रालय में राज्‍य मंत्री  रावसाहेब दनवे पाटिल, विधायक श्री अतुल सावे,  संदीपनराव भुमरे, डब्ल्यू-20 के संस्थापक अध्‍यक्ष गुलडेन तुर्कटन, डब्ल्यू-20 की अध्यक्ष डॉ. संध्या प्यूरेचा और डब्ल्यू-20 की मुख्य समन्वयक, धारीत्री पटनायक भी मौजूद थी।

विचार-विमर्श की शुरुआत करते हुए, अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा, “न केवल महिलाओं के पास केवल लाभार्थियों के रूप में होना, बल्कि महिलाओं के विकास के अगुवा के रूप में उभरना एक महत्वपूर्ण एजेंडा है क्योंकि महिलाएं और बच्चे गरीबी के कारण प्रमुख रूप से पीड़ित हुए हैं”। उन्‍होंने कहा कि मार्गदर्शक के रूप में महिलाओं की क्षमता को विकसित करने के लिए डब्‍ल्‍यू-20 महत्वपूर्ण है, जो वैश्विक समृद्धि के लिए महत्‍वपूर्ण दीर्घकालिक निवेश है।”

वित्त राज्य राज्य मंत्री, डॉ. भागवद किशनराव कराड ने डब्ल्यू-20 सदस्यों, अतिथि और विशेष आमंत्रितों का ऐतिहासिक शहर छत्रपति सांभजी नगर (पूर्व में औरंगाबाद) में स्वागत किया। केन्‍द्रीय रेलवे, कोयला और खान राज्य मंत्री रावसाहेब दनवे पाटिल ने केन्‍द्र सरकार की योजनाओं जैसे पीएमजेडीवाई, मुद्रा योजना की चर्चा की जिनका महिलाओं को बहुत अधिक लाभ मिल रहा है।

डब्ल्यू-20 आरंभिक बैठक के पहले दिन विभिन्न सत्रों में नैनोमाइक्रोऔर स्टार्टअप उद्यमों  में महिलाओं को सशक्त बनाने’जलवायु लचीलेपन कार्य में परिवर्तन निर्माताओं के रूप में महिलाओं की भूमिका‘, ‘जमीनी स्तर पर महिला पथ प्रदर्शकों के लिए एक सक्षम इकोसिस्‍टम बनाना, ‘लैंगिक आधार पर डिजिटल डिवाइड को पाटने के लिए बुनियादी ढांचे और कौशल के माध्यम से पहुंच में सुधार‘ और शिक्षा और कौशल के माध्यम से महिलाओं के लिए मार्ग बनाने‘ जैसे विभिन्‍न मुद्दों पर विशेष ध्‍यान दिया गया। इस दौरान “भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास” पर एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया”।

विचार-विमर्श को आगे बढ़ाते हुए, आरंभिक बैठक के दूसरे दिन की शुरुआत आज “ब्रेकिंग द  बैरियर: द स्टोरीज़ ऑफ अनकन्‍वेंशनल वुमन” विषय पर एक विशेष सत्र के साथ शुरू हुई। प्रारंभिक भाषण राज्यसभा सांसद डॉ. सोनल मानसिंह ने दिया जिन्होंने अपने भीतर मौजूद भगवान को पहचानने के भारतीय प्रतीक “नमस्कार” कर अपना सिर झुकाकर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने डॉ. संध्या प्यूरेचा के साथ ‘अवया’ नाम से एक कॉफी टेबल बुक लॉन्च की, जिसमें छत्रपति सांभजी नगर की महिलाओं के योगदान को उजागर किया गया है।

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धरोहर नगर छत्रपति सांभजी नगर में महिलाओं के योगदान को उजागर करने वाली अवया’ नाम की एक कॉफी टेबल बुक जारी की गई

सत्र में भारतीय नौसेना के बहादुरों- शाज़िया खान, दिशा अमृत, तविशी सिंह, और स्वाति भंडारी ने भी भाग लिया जो पुरूष प्रधान विचारों के उस ताने-बाने को तोड़कर आगे बढ़ीं जो कुछ क्षेत्रों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाता है। नेवी वेलफेयर एंड वेलनेस एसोसिएशन की प्रतिनिधि दीपा भट्ट नायर ने अपनी पहलों से भारतीय समाज के विकास और महिलाओं को सशक्‍त बनाने के लिए नेवी वाइव्स द्वारा निभाई गई भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी।

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भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों ने डब्ल्यू -20 आरंभिक बैठक के दूसरे दिन एक सत्र में  भाग लिया

जम्मू और कश्मीरी ग्रामीण आजीविका मिशन की एक सदस्य जुबेडिया बीबी ने बताया कि कैसे केन्‍द्र सरकार के तहत प्रशासन की पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से खुद को सशक्त बनाने और उनके परिवारों की मदद की है।

 

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जम्‍मू और कश्‍मीर ग्रामीण आजीविका मिशन की जुबेदा बीबी डब्‍ल्‍यू20 आरंभिक बैठक सत्र में बोलते हुए

डब्ल्यू-20 आरंभिक बैठक का छठा सत्र, जिसका शीर्षक है एनेबलर्स ऑफ वुमन लैड डेवलपमेंट: पॉलिसी एंड लीगल फ्रेमवर्क  में नीति और कानूनी ढांचे की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया गया जो महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और आर्थिक सशक्तिकरण में सक्षम हैं। इन्‍क्‍लूजन नेशन, यूएसए की संस्‍थापक और सीईओ, सत्र की मॉडरेटर सुश्री मिशेल सिल्वरथन ने पैनलिस्टों को अपने संबंधित क्षेत्रों में अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। सुश्री सिल्वरथन ने अपनी व्‍यक्तिगत कहानी को एकता की ताकत दिखाते हुए सुनाया और कहा, “हम सभी को एक साथ काम करना होगा और किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना होगा। ”इस सत्र के पैनलिस्टों में कंट्री रीप्रेजेंटिव, यूएन वुमन इंडिया सुश्री सुसान जेन फर्ग्यूसन, दक्षिण अफ्रीका की अधिवक्ता और शिक्षाविद सुश्री प्रोफेसर नार्निया बोहलर और स्पेन की एमएलके लॉ फर्म की संस्थापक सुश्री कैथरीना मिलर शामिल थे। उन्होंने कानूनों और नीतिगत उपायों के महत्व पर जोर दिया ताकि उस मानसिकता और व्यवहार में बदलाव लाया जा सके जिसने दुनिया में महिलाओं की प्रगति में बाधा उत्पन्न की है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वकील सुश्री बंसुरी स्वराज भी इस सत्र में एक पैनलिस्ट थीं। उन्‍होंने भी, राजनीतिक इच्छाशक्ति के महत्व पर जोर दिया और सभी महिलाओं को अपने वोटों के महत्‍व को समझने के लिए प्रोत्साहित किया, क्योंकि लैंगिक समानता लाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति सबसे अच्छा तरीका है।

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एनेबलर्स ऑफ वुमन लैड डेवलपमेंट: पॉलिसी एंड लीगल फ्रेमवर्क‘ पर सत्र के पैनलिस्ट

डब्ल्यू-20 प्रतिनिधियों ने आज सुबह शहर की धरोहरों बीबी का मकबरा और औरंगाबाद गुफाओं के ऐतिहासिक स्थलों और शहर के विश्व-प्रसिद्ध द्वार की सैर की। अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को भारतीय संस्कृति और परम्‍परा का आनंद देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे।

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डब्ल्यू-20 जी20 देशों और नेताओं को सकारात्‍मक रूप से प्रभावित करने के उद्देश्य से विभिन्न ज्ञान उत्पादों- श्वेत पत्र, नीति ब्रीफ, वीडियो डॉक्यूमेंट्री, ओपिनियन पीस, हैंडबुक और कम्युनिक को सामने लाएगा ताकि जी-20 विचार-विमर्श में महिलाओं के एजेंडे को प्रमुखता से पेश किया जा सके। डब्‍ल्‍यू-20 मुख्‍य रूप से जी-20 नेताओं के घोषणापत्र और जी-20 विज्ञप्ति को प्रभावित करने और महिला उद्यमियों के साथ सक्रिय जुड़ाव के लिए आम सहमति बनाने, और लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने वाली नीतियों की प्रतिबद्धताएं के लिए कदम उठाएगा। डब्‍ल्‍यू-20 इंडिया ने आम सहमति बनाने के लिए सहयोग की 4सी रणनीति, सहकार्य, संचार को अपनाया है और अपने मिशन और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान किया है।

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