नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 के लिए 21 से 28 नवंबर, 2022 तक वर्चुअल मोड में आयोजित बजट पूर्व परामर्श बैठकों की अध्यक्षता की। बजट पूर्व बैठक का आज यहां समापन हो गया।
इस अवधि के दौरान निर्धारित 8 बैठकों में 7 हितधारक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 110 से भी अधिक आमंत्रित व्यक्तियों ने भाग लिया। हितधारक समूहों में कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योग; उद्योग, अवसंरचना और जलवायु परिवर्तन; वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार; सेवा और व्यापार क्षेत्र; सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ; ट्रेड यूनियनों और श्रम संगठनों के प्रतिनिधि और अर्थशास्त्री शामिल थे।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी एवं डॉ. भागवत किशनराव कराड, वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन; डीईए सचिव अजय सेठ; मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन; दीपम सचिव तुहिन कांता पांडेय; वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी; कॉरपोरेट कार्य सचिव मनोज गोविल; ओएसडी, राजस्व संजय मल्होत्रा, और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण भी इन बैठकों के दौरान उपस्थित थे। अन्य संबंधित मंत्रालयों/विभागों के सचिवों ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से इनमें भाग लिया।
हितधारक समूहों के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट के लिए कई सुझाव दिए जिनमें एमएसएमई की मदद के लिए हरित प्रमाणीकरण की व्यवस्था करना, शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम, आयकर को तर्कसंगत बनाना, नवाचार क्लस्टरों का निर्माण करना, घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं को बेहतर करने के लिए योजनाएं बनाना, इत्यादि शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने प्रतिभागियों द्वारा अपने बहुमूल्य सुझावों को साझा करने के लिए उनका धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि बजट 2023-24 तैयार करते समय इन सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा।