-स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की मार्केटिंग मीट का तीसरा संस्करण बेहद सफल रहा , 300 स्टूडेंट्स हुए शामिल
-मुख्य अतिथि अवनीश प्रसाद, डायरेक्टर-प्रोडक्ट, पेटीएम ने ए आई के प्रति धारणाओं व मिथक को समझाया
-एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुदीप्त सेन गुप्ता की अध्यक्षता में पैनल ने एआई संचालित मार्केटिंग की समस्याओं व संभावनाओं पर चर्चा की
गुरुग्राम : स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जी डी गोयनका यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम की ओर से 18 नवंबर, शुक्रवार को मार्केटिंग मीट के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया । मीट का विषय मार्केटिंग में ए आई के महत्व ( Importance of Artificial Intelligence in Marketing ) पर आधारित था. इसका शीर्षक “द बिग रीसेट: ए आई ड्रिवेन मार्केटिंग” “The Big Reset: AI Driven Marketing.” रखा गया था। ” इस मार्केटिंग मीट में कॉर्पोरेट और अकादमिक दुनिया के प्रतिनिधियों ने एक मंच पर मार्केटिंग पर ए आई और मशीन लर्निंग के महत्व और प्रभावों पर विस्तार से बात की. साथ ही इंडस्ट्रियल मेनेजमेंट विशेषज्ञों ने विभिन्न उद्योग वर्टिकल और उभरते कॉर्पोरेट परिदृश्य के प्रभाव पर भी गहन मंथन किया जिसका भरपूर फायदा यूनिवर्सिटी के 300 स्टूडेंट्स ने उठाया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। स्वागत भाषण जी डी गोयनका विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) तबरेज अहमद की ओर से दिया गया. अपने संबोधन में उन्होंने वर्तमान वैश्विक परिदृश्य और औद्योगिक विकास के विभिन्न तकनीकि व आवश्यक प्रबंधकीय पहलुओं पर प्रकाश डाला .
डीन, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, प्रो. (डॉ.) आलोक पांडे ने अपने उद्घाटन भाषण में मार्केटिंग मीट के तीसरे संस्करण की रूपरेखा और इसके विषय की चर्चा की. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मीट में मौजूद विशेषज्ञों के अनुभव से स्टूडेंट्स को मेनेजमेंट के बदलते स्वरूप और मार्केट की आवश्यकताओं को समझने का मौका मिलेगा. कार्यक्रम में जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. धीरेंद्र परिहार भी मौजूद थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवनीश प्रसाद, डायरेक्टर-प्रोडक्ट, पेटीएम ने अपने संबोधन में ए आई (Artificial Intelligence ) की विभिन्न धारणाओं और इससे संबंधित मिथकों के बारे में बात की। उन्होंने स्टूडेंट्स को इसके विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया. मार्केट में बढ़ते इसके उपयोग को लेकर स्टूडेंट्स ने कई सवाल भी पूछे जिसका उन्होंने तार्किक और तथ्यात्मक उत्तर दिए.
इसके बाद स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुदीप्त सेन गुप्ता द्वारा संचालित एक पैनल में गंभीर चर्चा आयोजित की गई । पैनलिस्ट में इंद्रनील चक्रवर्ती, मुख्य व्यवसाय अधिकारी – एक्वालेंस, लेंसकार्ट, निधि वर्मा श्रीवास्तव, ग्लोबल प्रोडक्ट लीडरशिप के उपाध्यक्ष, नीलसनआईक्यू बेस, मनीष गोयल, क्लाउड नेटिव इंडस्ट्री के निदेशक, ओरेकल, प्रगति श्रीवास्तव, मार्केटिंग के वरिष्ठ कार्यकारी, कॉलेज देखो और उदित कुमार, रणनीतिक विपणन प्रबंधक, वैल्यू फर्स्ट शामिल थे। पैनल विशेषज्ञों ने अत्याधुनिक और चतुर तकनीकों का उपयोग करके विपणन पर ए आई (Artificial Intelligence ) के प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ए आई (Artificial Intelligence ) का उपयोग कई मार्केटिंग परिदृश्यों में किया जा सकता है। उन्होंने अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए बताया कि उनकी संबंधित कंपनियों में एआई संचालित मार्केटिंग को कैसे नियोजित किया जा रहा है। उन्होंने ए आई (Artificial Intelligence ) संचालित मार्केटिंग की समस्याओं और उसकी संभावनाओं पर भी चर्चा की ।
कार्यक्रम के समापन सत्र के मुख्य अतिथि अरुणाभ दास शर्मा, सीईओ और एमडी, सगासिटो टेक्नोलॉजीज प्रा. ली थे . उन्होंने अपने सत्र में कैसे प्रौद्योगिकी पारंपरिक विपणन को बाधित कर रही है, विवर्तनिक बदलाव और विपणन में तकनीकी रुझान, और वर्तमान समय में विपणन में रचनाकारों और प्रभावित करने वालों की भूमिका जैसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की ।
कार्यक्रम का समापन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीप्ति वडेरा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया । विशेषज्ञों द्वारा अपने शानदार अनुभवों को स्टूडेंट्स के साथ साझा करने वाले बेहद सफल रहे इस मार्केटिंग मीट में जीडी गोयनका विश्वविद्यालय के 300 से अधिक छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की और कमर्शियल व इंडस्ट्रियल मेनेजमेंट के गुर सीखे.