साबरमती : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात में साबरमती रिवर फ्रंट पर बने भव्य अटल और गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की नई बिल्डिंग का लोकार्पण किया । पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि अटल ब्रिज, साबरमती नदी को, दो किनारों को ही आपस में नहीं जोड़ रहा बल्कि ये डिजाइन और इनोवेशन में भी अभूतपूर्व है। इसकी डिजाइन में गुजरात के मशहूर पतंग महोत्सव का भी ध्यान रखा गया है। इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का,आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है। कुछ दिन पहले गुजरात सहित पूरे देश ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर बहुत उत्साह के साथ अमृत महोत्सव मनाया है।
पीएम ने कहा कि गुजरात में भी जिस प्रकार गांव-गांव, गली-गली हर घर तिरंगे को लेकर उत्साह, उमंग और चारो तरफ मन भी तिरंगा, तन भी तिरंगा, जज्बा भी तिरंगा उसकी तस्वीरें हम सभी ने देखी हैं। उन्होंने 15 अगस्त को लाल किला के प्राचीर से उधृत किये गए ‘पंच प्रण’ 1- विकसित भारत बनाने का लक्ष्य ,2- गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह से त्याग , 3- अपनी विरासत पर गर्व ,4- राष्ट्र की एकता बढ़ाने का पुरजोर प्रयास , 5- हर नागरिक का कर्तव्य को आज फिर से दोहराया.
प्रधान मंत्री ने कहा कि आजादी के आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश का स्वाभिमान बनाया, उसी खादी को आजादी के बाद हीन भावना से भर दिया गया। इस वजह से खादी और खादी से जुड़ा ग्रामोद्योग पूरी तरह तबाह हो गया। खादी की ये स्थिति विशेष रूप से गुजरात के लिए बहुत ही पीड़ादायक थी। उन्होंने कहा कि हमने खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन में खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन का संकल्प जोड़ा। हमने गुजरात की सफलता के अनुभवों का देशभर में विस्तार करना शुरू किया। देशभर में खादी से जुड़ी जो समस्याएं थीं, उनको दूर किया गया। हमने देशवासियों को खादी के प्रोडक्ट खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया।