अब 5 इलेक्ट्रोनिक उत्पादों को एमटीसीटीई शासन के दायरे से छूट देने की घोषणा

Font Size

कारोबार में आसानी की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए अनिवार्य परीक्षण में नियामक ओवरलैप हटाया गया

नई दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता) आदेश, 2012’ के तहत निर्दिष्ट वस्तुओं (जैसे लैपटॉप, वायरलेस कीबोर्ड, पीओएस मशीन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण) का अनिवार्य पंजीकरण करता है।

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार के लिए उपयोग किए जाने में सक्षम उपकरणों के लिए 5 सितंबर 2017 को जारी भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) नियम, 2017 के तहत दूरसंचार उपकरण (एमटीसीटीई) के अनिवार्य परीक्षण और प्रमाणन को निर्दिष्ट किया है।

प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के साथ, स्मार्ट वॉच, स्मार्ट कैमरा इत्यादि जैसे कुछ उत्पादों के संबंध में नियामक ओवरलैप का संज्ञान लिया गया था। डीओटी और एमईआईटीई के ओवरलैपिंग क्षेत्राधिकार के संबंध में उद्योगों और उद्योग संघों से भी अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे। जिनमें इस बात का भी उल्लेख किया गया कि इस तरह के व्यापक रूप से उपयोग किये जाने वाले नए उत्पादों को समय पर बाजार लाने के लिए यह एक बाधा है। यह उद्योग के लिए अनुपालन लागत भी बढ़ाता है।

डीओटी ने एमईआईटीवाई के परामर्श से इस मुद्दे की जांच की और अब 5  उत्पादों को एमटीसीटीई शासन के दायरे से छूट देने का निर्णय लिया है: –

  1. मोबाइल उपयोगकर्ता उपकरण/मोबाइल हैंडसेट (मोबाइल फोन)
  2. सर्वर
  3. स्मार्ट वॉच
  4. स्मार्ट कैमरा
  5. पीओएस मशीन (प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस)

व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले इन उत्पादों पर छूट अनुपालन बोझ को कम करेगी और उद्योग को अपने उत्पादों को तेजी से बाजार में लाने में सक्षम बनाएगी। यह आयात में होने वाले विलम्ब को कम करेगा।

यह पहल माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सकारात्मक परिकल्पना के अनुरूप है कि नियामक व्यवस्था एकदम स्पष्ट और सरलीकृत होनी चाहिए। यह नियामक सुधार इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण कंपनियों के लिए कारोबार में आसानी में सुधार करेगा और भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देगा।

इस संबंध में राजपत्र अधिसूचना नियत समय में जारी की जाएगी।

You cannot copy content of this page