पंजाब में सुरक्षा के नाम पर कैसे हुई थी पुलिसकर्मियों की बंदरबांट : भगवंत मान ने 122 नेताओं से छीनी सुरक्षा

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चंडीगढ़ : पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ पंजाब पुलिस के डीजीपी वी के भवरा की बैठक के एक दिन बाद ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) ने राज्य भर के एसएसपी और सीपी को लिखे पत्र के माध्यम से कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों, विधायकों , पूर्व विधायकों सहित 122 व अन्य नेताओं की सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को तत्काल हटाने का आदेश जारी कर दिया । इन नेताओं के पास से हटाए गए सभी पुलिसकर्मियों को तुरंत अपनी मूल इकाइयों को रिपोर्ट करने को कहा गया है .

 

गौर करने वाली बात यह है कि भारी भरकम सुरक्षा लेने वालों की इस सूची में ज्यादातर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं, जिन्हें पिछली कांग्रेस सरकार के तहत सुरक्षा मिली थी। सूची में उन कांग्रेस विधायकों के नाम भी शामिल हैं जो इस बार भी जीतने में सफल रहे हैं लेकिन अब कैबिनेट मंत्री नहीं होंगे।

 

पूर्व कैबिनेट मंत्रियों और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सहित वरिष्ठ नेता भी सुरक्षा हटाये जाने वाली इस सूची का हिस्सा हैं. इनमें मनप्रीत सिंह बादल, राज कुमार वेरका, भारत भूषण आशु, रणदीप सिंह नाभा, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष अजैब सिंह भट्टी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राणा के पी सिंह, रजिया सुल्ताना, परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के नाम  शामिल हैं। इस सूचि में अरुणा चौधरी, राणा गुरजीत सिंह, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया सहित कई अन्य नाम भी शामिल हैं .

 

सूत्रों का कहना है कि सूची के मुताबिक, सबसे ज्यादा 21 सुरक्षाकर्मियों को पूर्व परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वारिंग की सेवाओं से हटा लिया गया है। हालांकि पूर्व मंत्री अपनी गिद्दड़बाहा सीट से जीत गए है लेकिन अब मंत्री होंगे।

 

बठिंडा अर्बन से चुनाव हारने वाले पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के पास भी अब सुरक्षा घेरा नहीं रहेगा. उनके पास से कम से कम 19 पुलिस कर्मियों को हटाया गया है। जालंधर कैंट सीट से विजयी हुए पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह की सुरक्षा में भी 17 पुलिस कर्मी थे जिन्हें अब हटाने को कहा गया है .

लुधियाना पश्चिम से हारने वाले पूर्व खाद्य मंत्री व कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु के पास से 16 सुरक्षाकर्मियों को हटाया गया है. संगत सिंह गिलजियान और रणदीप सिंह नाभा की सुरक्षा से पंद्रह-पंद्रह पुलिस कर्मियों को हटा लिया गया है. दोनों पूर्व कैबिनेट मंत्री थे जो इस बार चुनाव नहीं जीत पाए .

पूर्व मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, रजिया सुल्ताना, अरुणा चौधरी, राणा गुरजीत सिंह, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया से 14 सुरक्षाकर्मियों को हटाया गया है।

 

मोहिंद्रा ने इस बार चुनाव में नहीं उतरे थे . उनकी जगह पटियाला ग्रामीण से उनके बेटे मोहित मोहिंद्रा चुनावी मैदान में  थे लेकिन वह भी हार गए। रजिया सुल्ताना मलेरकोटला से हार गईं. हालांकि चौधरी, राणा गुरजीत, बाजवा और सरकारिया – अपनी-अपनी सीटों से जीत गए हैं ।

 

सुरक्षा हटाये जाने वाली ख़ास सूची में पूर्व विधायक और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू का नाम भी शामिल है. आदेश में कहा गया है कि उनकी सुरक्षा से सात कर्मियों को हटाया जाएगा।

 

 

लुधियाना के बैंस बंधु – सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस – दोनों इस बार हार गए हैं. उनके पास तैनात चार पुलिस  कर्मियों को हटाया जाएगा .

 

पट्टी से चुनाव हारने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के दामाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के आदिश प्रताप कैरों की सुरक्षा से तीन कर्मियों हटाया जाएगा । अन्य वरिष्ठ अकाली नेताओं में सुरजीत सिंह रखड़ा, महेशिंदर सिंह ग्रेवाल, दलजीत सिंह चीमा, सिकंदर सिंह मलूका और तोता सिंह शामिल हैं जिनके सुरक्षा कर्मियों को भी हटाने को कहा गया है ।

 

इस सूची में आप के पूर्व विधायक जगतार सिंह हिसोवाल, एच एस फूलका, नजर सिंह मनशाहिया, अमरजीत सिंह संदोआ और रूपिंदर कौर रूबी भी शामिल हैं. उन्होंने इस बार चुनाव नहीं लड़ा और कुछ दूसरी पार्टियों में चले गए। इन सभी के पास  तीन-तीन सुरक्षाकर्मी तैनात थे।

 

भाजपा नेता मनोरंजन कालिया, चुन्नी लाल भगत, तीक्षन सूद और पूर्व भाजपा नेता मदन मोहन मित्तल के साथ तैनात एक-एक कर्मियों हटा लिया जाएगा. ये लोग चुनाव से पहले शिअद में शामिल हो गए थे।

 

चुनाव से पहले आप में शामिल हुए लुधियाना से कांग्रेस के पूर्व विधायक जसबीर सिंह खंगूरा की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी भी हटाए जायेंगे .

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