“नगर परिषद हिसार के पूर्व प्रधान पर न्यायिक मामला”

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सीएम ने दिए कई अधिकारियों पर भी कार्रवाई के आदेश 

900 पेज का चालान तैयार

चण्डीगढ़ :  हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने वर्ष 2009 में नगर परिषद हिसार में अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विकास कार्यों को अपने चहेतों को आबंटित करने तथा घपला करने के आरोपी तत्कालीन नगर परिषद प्रधान, कार्यकारी अधिकारी, सचिव, पालिका अभियंता एवं हैड क्लर्क के खिलाफ न्यायिक मामला चलाने की मंजूरी प्रदान कर दी है। 

 

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री  कविता जैन ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संंबंध में एसपी, विजिलेंस हिसार रेंज द्वारा 900 पेज का चालान तैयार करके विभाग के आला अधिकारियों को भेजा गया था। 

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2009 में एसपी विजिलेंस हिसार रेंज को शिकायत प्राप्त हुई थी कि नगर परिषद हिसार में तत्कालीन प्रधान एवं अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विकास कार्यों में घपला किया गया है। इसकी जांच करते हुए गत वर्ष विजिलेंस द्वारा शहरी स्थानीय निकाय विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें सभी आरोपियों के खिलाफ पद के दुरूपयोग करने के चलते न्यायिक मामला चलाने की मंजूरी मांगी थी।

 

उन्होंने कहा कि चालान में बताया गया कि नगर परिषद हिसार (अब निगम) के प्रधान बिहारी लाल रारा, सचिव श्रवण कुमार, कार्यकारी अधिकारी आरके बेरवाल, पालिका अभियंता सुरेश कुमार एवं हैड क्लर्क वीरभान ने अपने पदों का दुरूपयोग करते हुए राजस्व को नुकसान पहुंचाया था। उन्होंने 26 विकास कार्यों के लिए समाचार पत्र में विज्ञापन देकर निविदा आमंत्रित की। लेकिन विभिन्न ठेकेदारों को 43 विकास कार्य आवंटित कर दिए गए। निविदा के लिए अग्रिम धनराशि/सिक्योरिटी डिमांड ड्राफ्ट अथवा नकद लिए जाने की बजाय चैक से ली गई। इसके लिए ठेकेदारों द्वारा विकास कार्य अलाट होने के बाद बैंक खाता खुलवाया गया और इसके बाद चैक बुक से चैक पूर्व तिथियों के जारी करते हुए धोखाधड़ी की गई। 

 

उन्होंने कहा कि विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे स्वीकृति हेतु मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को भेजा गया था। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायिक जांच शुरू करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। 

 

मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा है कि सरकार पारदर्शी व्यवस्था एवं सुशासन के लिए लगातार काम कर रही है। पूर्व सरकार अथवा वर्तमान सरकार के दौरान राजस्व को हानि पहुंचाने अथवा इसका दुरूपयोग करने वालों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।

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